2 दिसंबर, 2018 को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नारायणपेट, तेलंगाना में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया। तेलंगाना विधानसभा चुनाव 7 दिसंबर को होने जा रहा है। अमित शाह ने राज्य में रैली करते हुए कांग्रेस घोषणापत्र को लेकर कई दावे किए हैं। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि उनके दावों में से कई निराधार या भ्रामक थे।

दावा 1: “मस्जिदों और चर्चों को मुफ्त बिजली, मंदिर को नहीं”

तेलंगाना की चुनाव सभाओं में भाजपा अध्यक्ष ने कहा — “मित्रों ये कहते है कांग्रेस पार्टी कहती है मस्जिद और चर्च का लाइट बिल तेलंगाना सरकार भरेगी| उसमे हमे कोई आपत्ति नहीं है मगर मंदिरों का क्यों नहीं भरोगे भाई? मंदिरों का भी भरना चाहिए या नहीं भरना चाहिए?”

यह दावा पहले टाइम्स नाउ ने किया था। जिसे पहले ही इसे ऑल्ट न्यूज़ द्वारा खारिज किया जा चुका है, कांग्रेस का घोषणापत्र वास्तव में मंदिरों सहित पूजा के सभी स्थानों पर मुफ्त बिजली की आपूर्ति के बारे में बात करता है।

दावा 2: “उर्दू शिक्षकों की अलग भर्ती”

शाह ने सवाल किया — “मित्रों मैं कहना चाहता हूँ वो कहते है उर्दू जानते है ऐसे टीचरों को अलग से भर्ती करेंगे| तो तेलुगु बोलने वाले टीचर कहाँ जायेंगे? तेलुगु लिखने पढने वाले टीचर कहा जायेंगे?”

इन बयानों से, भाजपा प्रमुख ने तेलुगू को दूसरे दर्जे की स्थिति देने के रूप में कांग्रेस को चित्रित करने का प्रयास किया है। यह सच है कि कांग्रेस घोषणापत्र उर्दू शिक्षकों की भर्ती के लिए एक विशेष डीएससी (जिला चयन समिति) गठित करने का वादा करता है, साथ ही, यह पार्टी 20,000 दूसरे शिक्षकों की भर्ती के लिए कई अन्य डीएससी के गठन का भी वादा करती है, जिसमें संभावित रूप से तेलुगू में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, यह दोनों भाषाओं के प्रचार के लिए तेलुगु और उर्दू सांस्कृतिक अकादमियों दोनों को फंड उपलब्ध कराने का भी वचन देती है।

दावा 3: “अल्पसंख्यकों के लिए छात्रवृत्ति”

अमित शाह द्वारा किया गया एक और दावा — “मित्रों वो 20 लाख रूपया माइनॉरिटी के स्टूडेंट्स को देंगे| मैं पूछना चाहता हूँ, पिछड़ा समाज का ओबीसी समाज का गरीब बच्चा जिसके पास पढ़ने के लिए पैसे नहीं है, उसको पैसे मिलने चाहिए या नहीं मिलने चाहिए?”

अपने घोषणापत्र में, कांग्रेस न केवल अल्पसंख्यकों के लिए 20 लाख रुपये तक की छात्रवृत्ति का वादा करती है, बल्कि एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों को भी 25 लाख रुपये तक कि सहायता की बात करती है।

दावा 4: “अल्पसंख्यकों के लिए अस्पताल”

“माइनॉरिटी के लिए अलग अस्पताल बनाने की बात करते है| मैं पूछना चाहता हूँ राहुल गाँधी को जो गरीब तेलंगाना माइनॉरिटी कम्युनिटी में नहीं है उनका दोष क्या?” –शाह ने यह सवाल किया, जिसका अर्थ है कि कांग्रेस केवल अल्पसंख्यकों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का वादा करती है, न कि पूरे समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को।

कांग्रेस का घोषणापत्र अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में अस्पतालों का वादा करता है, केवल अल्पसंख्यकों के लिए नहीं। इसके अलावा, यह असंगठित क्षेत्र में भर्ती समाज के वंचित वर्गों के लोगों के लिए भी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का वचन देता है।

किसी भी चुनावी होड़ में, राजनीतिक दल लोगों की राय को आकार देने की कोशिश करते हैं। इस प्रयास में, वे अक्सर प्रतिस्पर्धी राजनीतिक दलों के खिलाफ मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए झूठे या आधे-अधूरे दावे करने लगते हैं। कांग्रेस घोषणापत्र को लेकर भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कई दावे इसी प्रकार, या तो आधे-अधूरे थे या झूठे थे।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.