तेलंगाना ने इसी साल दिसम्बर 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में टाइम्स नाउ की एक क्लिप शेयर की जा रही है. इसमें तेलंगाना कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में बताया गया है कि ये केवल मुसलमानों के लिए है. 7 मई, 2023 को एक यूज़र ने ये वीडियो क्लिप शेयर की है. (आर्काइव लिंक)
Have you heard of the Congress Manifesto ? #Telangana
It will shock you
– all government contracts to Muslim youths
– 20 lac financial aid to poor Muslim students
– residential schools for Muslims only
– hospitals for minorities only
– free electricity supply to Mosques… pic.twitter.com/UJb7yXaXWU
— CoachSudhir 🇮🇳 (@SudhirPuthran) May 7, 2023
ऐसी ही एक क्लिप रिपब्लिक टीवी की भी शेयर की जा रही है जिसमें अर्नब गोस्वामी तेलंगाना कांग्रेस घोषणापत्र पर सिर्फ मुसलमानों की बात करने के लिए सवाल उठा रहे हैं. (आर्काइव लिंक)
Telengana Hîndus & Sîkhs & Jains just check this out your BRS will be out😂😂😂 what do ya say @anilbatchu 😂😂 pic.twitter.com/ILj08rfnRt
— Boiled Anda 🥚🇮🇳 (@AmitLeliSlayer) May 23, 2023
2018 की ग़लत रिपोर्टिंग
टाइम्स नाउ ने 27 नवंबर, 2018 एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसका शीर्षक था — “तेलंगाना चुनाव: कांग्रेस घोषणापत्र में ‘केवल मुसलमानों के लिए स्कूलों, सरकारी ठेकों’ के चौंकाने वाले वायदे.” इस रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाता को लुभाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने केवल मुस्लिमों के लिए सात योजनाओं का वादा किया है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “ये योजनाएं हैं — मस्जिदों और चर्चों के लिए मुफ्त बिजली, सरकारी ठेकों में मुस्लिम युवाओं के लिए विशेष अवसर, गरीब मुस्लिम छात्रों को 20 लाख रुपये की सहायता, मुस्लिमों के लिए आवासीय विद्यालय, अल्पसंख्यकों के लिए अस्पताल, अल्पसंख्यकों के लिए विशेष उर्दू डीएससी (ज़िला चयन समिति), और धर्म के आधार पर भर्ती करने वाले प्रतिष्ठानों को दंड.”
.@Paul_Oommen takes us through the 7 ‘Muslim only’ schemes pledged by Congress in its Telangana manifesto #CongForMuslims pic.twitter.com/YWWxDuLF4H
— TIMES NOW (@TimesNow) November 26, 2018
टाइम्स नाउ की प्रबंध संपादक, नविका कुमार ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर एक शो भी किया जिसमें उन्होंने कहा, “मुस्लिमों के लिए अस्पताल बनाए जाएंगे, मुस्लिमों के लिए स्कूल बनाए जाएंगे.”
It is a well-poised method by Congress, says Political Analyst @varnishant #CongForMuslimsTape pic.twitter.com/eNGepmHLim
— TIMES NOW (@TimesNow) November 27, 2018
रिपब्लिक टीवी ने भी ऐसा ही दावा किया कि कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र ने तेलंगाना में विशेष रूप से मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक वर्गों के लिए सात फायदों का वादा किया है. रिपोर्ट का शीर्षक कहता है, “तेलंगाना में कांग्रेस का तुष्टीकरण का प्रयास: ‘केवल मुस्लिमों के लिए’ स्कूल और अस्पताल, मस्जिदों के लिए नि:शुल्क बिजली का वादा किया”.
रिपब्लिक टीवी के प्रमुख संपादक अर्नब गोस्वामी ने चेननल द्वारा रिपोर्ट किए गए दावे को अपने शो में भी दोहराया.
#MuslimOnlyCongress | If a community is socially and economically backward in the state, we can talk about their empowerment: Shakti Singh Yadav-Spokesperson, RJD pic.twitter.com/gXXcOUqQ2F
— Republic (@republic) November 27, 2018
दावे और घोषणापत्र
दावा 1: मस्जिदों और चर्चों को मुफ्त बिजली की आपूर्ति
घोषणा पत्र में ‘धार्मिक क्षेत्र’ के तहत ये लिखा है कि राज्य में मंदिरों, मस्जिदों और चर्चों को मुफ्त बिजली प्रदान की जाएगी. बताए गए मीडिया संगठनों द्वारा प्रकाशित रिपोर्टों में मंदिरों के लिए मुफ्त बिजली की आपूर्ति का उल्लेख नहीं है और इसकी बजाय सिर्फ मस्जिदों और चर्चों के संदर्भ को सामने लाया गया है.
दावा 2: केवल इमाम के लिए मानदेय
मानदेय के बारे में बात करते हुए रिपब्लिक टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी ने अपनी बहस में कहा,“मस्जिद के जो इमाम हैं उनको 6000 रुपये ज़्यादा मिलेंगे. मंदिर के पुजारी को नहीं मिलेगा.”
घोषणापत्र कहता है, “643 मंदिरों में काम करने वाले पुजारियों को राज्य सरकार के कर्मचारियों के बराबर वेतन दिया जाएगा. पुजारी और कर्मचारियों को दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य कार्ड भी मिलेगा.”
इसके अलावा, ये भी कहा गया है, “मंदिर के पुजारियों और मस्जिदों के इमाम/मौजानों के बराबर पादरी और फादर्स को मानदेय दिया जाएगा.”
अर्नब गोस्वामी का दावा घोषणापत्र के अल्पसंख्यक खंड में बताए गए बिंदु पर आधारित था, जो कहता है, “मस्जिदों के सभी इमाम और मौजानों को 6,000 रुपये का मासिक मानदेय दिया जाएगा.”
दावा 3: मुस्लिमों को छात्रवृत्ति
रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ अपने अपनी ख़बरों में, साथ ही अर्नाब गोस्वामी ने अपनी बहस में भी 20 लाख रुपये की सहायता का उल्लेख किया है जो ‘विदेश शिक्षा’ के लिए गरीब ‘मुस्लिम’ (अल्पसंख्यक) छात्र को दिया जाएगा. इन ख़बरों मे इसे ‘केवल मुस्लिम के लिए’ योजना के रूप में प्रस्तुत किया गया, जबकि घोषणापत्र में इसका दूसरे रूप में उल्लेख है, अल्पसंख्यकों, एससी, एसटी, ईबीसी और ओबीसी छात्रों के लिए.
दावा 4: मुस्लिमों को सरकारी ठेकों में विशेष महत्व
रिपब्लिक टीवी की रिपोर्ट में कहा गया है, “अल्पसंख्यक युवाओं को सरकारी ठेकों में विशेष महत्व दिया जाएगा.” हालांकि, ये रिपोर्ट तेलंगाना आंदोलन में भाग लेने वाले युवाओं के लिए किए गए वादे, साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य वंचित समुदायों के लिए सरकारी ठेकों में 5 प्रतिशत आरक्षण की वचनबद्धता पर प्रकाश डालती है.
दावा 5: ‘मुस्लिम अस्पताल’
अपनी बहस में, गोस्वामी ने ये भी दावा किया कि कांग्रेस ने तेलंगाना में ‘मुस्लिम अस्पतालों’ का वादा किया है और समाचार चैनल द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया, “विशेष रूप से मुसलमानों के लिए अस्पताल स्थापित किए जाएंगे”. जबकि घोषणापत्र कहता है, “अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में सरकारी अस्पतालों की स्थापना की जाएगी.” कहीं भी, ये नहीं कहा गया है कि ये अस्पताल केवल मुसलमानों के लिए हैं, जैसा कि कई समाचार संगठनों ने दावा किया. समाचार रिपोर्ट कई अन्य योजनाओं पर ध्यान नहीं देती है जिनमें प्रत्येक मंडल और विधानसभा क्षेत्रों में बनाए जाने वाले अस्पतालों का संदर्भ हैं.
दावा 6: मुसलमानों के लिए आवासीय विद्यालय
घोषणापत्र में लिखा है, “अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों के लिए विशेष आवासीय विद्यालय स्थापित किए जाएंगे” लेकिन घोषणापत्र में कई आवासीय विद्यालयों के वायदे हैं जो अन्य समूहों से किए गए हैं, जिन्हें अनदेखा किया गया है. इनमें दृष्टि बाधित लोगों और जनजातीय समुदायों के लिए प्रावधान शामिल हैं.
दावा 7: धार्मिक भेदभाव के खिलाफ कार्रवाई
घोषणापत्र के मुताबिक, “सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में नौकरियां देने में धार्मिक आधार पर सभी प्रकार के भेदभाव बंद किए जाएंगे.” घोषणापत्र के इस प्रावधान को रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ द्वारा मुस्लिम तुष्टीकरण के रूप में चित्रित किया गया है, इस तथ्य के बावजूद कि घोषणापत्र में प्रावधान की भाषा केवल मुसलमानों को संदर्भित नहीं करती है.
“उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो किसी को उसके धर्म के आधार पर निजी क्षेत्र में नौकरियों से इनकार करते हैं”, – इस वाक्य में विशिष्ट रूप से किसी धर्म का उल्लेख नहीं है, लेकिन इसे इस्लाम/मुसलमानों के लिए समझा गया, क्योंकि इसका उल्लेख घोषणापत्र के अल्पसंख्यक अनुभाग में किया गया था. टाइम्स नाउ के रिपोर्टर, पॉल ओमेन ने प्रसारण में इसे और भी गलत तरीके से रिपोर्ट करते हुए कहा, “उन्हें धर्म के आधार पर रोजगार देना होगा.”
दावा 8: एकल मुसलमानों को घरों के निर्माण के लिए 5 लाख रुपये दिए जाएंगे
बहस में अर्नब गोस्वामी ने कहा, “घर बनाने के लिए हिंदूओं को, सिखों को घर बनाने के लिए लोन भी नहीं मिलेगा. ये सिर्फ मुसलमानों को मिलेगा.”
घोषणापत्र कहता है, “पात्र अल्पसंख्यकों को अपने घर के निर्माण के लिए 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी.” इसके अलावा, ये भी कहा गया, “एससी, एसटी परिवारों को अपने घर के निर्माण के लिए 6 लाख रुपये दिए जाएंगे.” पार्टी ने अपनी ज़मीन पर घर के निर्माण के लिए योग्य लोगों को 5 लाख रुपये की सहायता का भी वचन दिया. गहन घरेलू सर्वेक्षण के अनुसार 22 लाख व्यक्ति आवास इकाई प्राप्त करने के पात्र हैं.
अन्य मीडिया संगठन और सोशल मीडिया
ज़ी न्यूज ने भी घोषणापत्र को मुस्लिम समुदाय-केंद्रित के रूप में चित्रित करने वाले ख़बरों के साथ रिपोर्ट की. (2:32 मिनट पर)
#DNA: Non Stop News, November 27, 2018 pic.twitter.com/84NSg5cIAn
— Zee News (@ZeeNews) November 27, 2018
इसके अलावा, ये दावे सोशल मीडिया 2018 में सोशल मीडिया पर भी खूब शेयर हुए. बहुत ज्यादा फॉलोअर्स वाले फेसबुक पेज भारत पॉजिटिव (Bharat Positive) ने टाइम्स नाउ के स्रोत देते हुए पोस्ट किया.
ऋषि बागरी, जिन्हें ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फॉलो करते हैं, उन्होंने भी इसी दावे के साथ टाइम्स नाउ की बहस का वीडियो ट्वीट किया था.
Congress manifesto is awesome in Telengana
Free electricity for mosques
Govt contract for Muslim youth
Hospitals only for Muslims
20 lakh aid for Muslim youth
Exclusive Muslim IT corridor
Muslims To Get Soft Loans @ 4%Still Congress is secular party & BJP is a Communal party pic.twitter.com/vhQB5D6OZP
— Rishi Bagree 🇮🇳 (@rishibagree) November 27, 2018
कर्नाटक से भाजपा सांसद शोभा करंदलाजे ने भी टाइम्स नाउ द्वारा रिपोर्ट किए गए सात बिंदुओं को पेश करने वाली तस्वीर ट्वीट की.
Telangana CONgress Unit in it’s election Manifesto promises several sops to voters on religious basis…
Their pseudo commitment to secularism is completely exposed!!Divide and rule & communal politics hits it’s all time low !!#TelanganawithModi pic.twitter.com/BfKZBKe3d9
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) November 27, 2018
तेलंगाना में दिसंबर 2023 में चुनाव होने वाले हैं. इसके इससे पहले, टाइम्स नाउ और रिपब्लिक टीवी द्वारा 5 साल पहले की भ्रामक रिपोर्टिंग में विभिन्न धर्मों के पूर्वाग्रह को उभारने के अलावा, मतदान से पहले जनता की राय को आकार देने का सामर्थ्य है. 5 साल बाद भी ये ग़लत रिपोर्टस ऑनलाइन मौजूद हैं. किसी भी चैनल्स ने इसे हटाने के बारे में नहीं सोचा. इस वजह से ये 2023 में भी ग़लत दावों के साथ वायरल हैं.
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