जमीन पर पड़ी एक महिला की लाश की तस्वीर सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर की जा रही है. दावा है कि बांग्लादेश के सिराजगंज में एक 60 साल की हिंदू महिला के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. इसे अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचार का एक और मामला बताया गया. 

X यूज़र ‘वॉयस ऑफ़ बांग्लादेशी हिंदूज’ (@BeUnitedhindus) ने ये तस्वीर X पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि बांग्लादेश के सिराजगंज में अन्ना बाला दास नाम की महिला के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और महिला अल्पसंख्यक समुदाय से थी, इसी ‘अपराध’ के लिए उसकी हत्या कर दी गई. (आर्काइव)

इस दावे को हिंदुत्व की वकालत के लिए जाने जाने वाले वकील जे साई दीपक ने भी दोहराया.

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने भी इस दावे को आगे बढ़ाया.

सांप्रदायिक दुष्प्रचार को बढ़ावा देने के लिए राधारमण दास द्वारा किए गए दावों को ऑल्ट न्यूज़ ने कई बार फ़ैक्ट-चेक किया है. बालासोर ट्रेन दुर्घटना के मद्देनजर, उन्होंने  एक दावे को आगे बढ़ाया था कि दुर्घटना स्थल के पास एक इस्कॉन मंदिर की तस्वीर को एक मस्जिद के रूप में प्रचारित किया गया था और कहा गया था कि मुसलमानों के कारण ये दुर्घटना हुई थी. 

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये तस्वीर शेयर की और इसी तरह के दावे किए;

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फ़ैक्ट-चेक

रिवर्स इमेज सर्च से ऑल्ट न्यूज़ को बांग्लादेश के कई आर्टिकल्स मिलें जिसमें कथित घटना के बारे में बताया गया है. ‘नंदितो टीवी’ की रिपोर्ट में वही तस्वीर है जो वायरल दावे में है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि 11 अक्टूबर को सिराजगंज ज़िले के सलंगा के ग्रामीणों ने सलंगा इस्लाम हाई स्कूल के पास एक शव देखा. पुलिस ने महिला की पहचान 45 साल की अन्ना रानी दास के रूप में की. 

आजकर पत्रिका की एक रिपोर्ट में ज़िक्र किया गया है कि अन्ना रानी दास की तापस कुमार दास नाम के एक व्यक्ति ने कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी थी. क्योंकि उन्होंने अन्ना रानी दास के “अनैतिक प्रस्ताव” को अस्वीकार कर दिया था. 13 अक्टूबर को तापस कुमार दास ने कथित तौर पर सिराजगंज के वरिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अपना अपराध कबूल कर लिया. 35 साल के तापस कुमार दास सलंगा थाना क्षेत्र के भरमोहनी दासपारा गांव के सूर्य कुमार दास का बेटा है. 

सलंगा थाना प्रभारी हुमायूं कबीर ने आजकर पत्रिका से इसकी पुष्टि की. मामले के जांच अधिकारी मोइनुल इस्लाम ने समकाल अख़बार से इसकी पुष्टि भी की. उन्होंने बताया कि घटना उस वक्त हुई जब पीड़िता सुबह सैर पर निकली थी. तापस ने कथित तौर पर कुछ अश्लील प्रस्ताव दिया और जब पीड़िता ने इसे मना कर दिया तो उसने उसे जबरन गले लगा लिया. जब वो मदद के लिए चिल्लाई तो तापस कुमार दास ने कथित तौर पर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी.

जांच के दौरान, हमने ये भी पाया कि ‘@pib_banglafact’ ने इस दावे को खारिज कर दिया था कि अपराध, सांप्रदायिक कारणों से हुआ था. उन्होंने साफ किया कि कथित अपराध व्यक्तिगत विवाद से उपजा है न कि धार्मिक उत्पीड़न से.

कुल मिलाकर, ये दावा झूठा और निराधार है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय से होने के कारण एक 60 साल की हिंदू महिला का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई. जबकि हकीकत में महिला की हत्या एक हिंदू व्यक्ति ने ही की थी. 

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