26 जुलाई को बेंगलुरु रेलवे स्टेशन पर जयपुर से मांस की एक बड़ी खेप पहुंचने के बाद अफरा-तफरी मच गई. एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें स्वयंभू गौरक्षक पुनीथ केरहल्ली और उनके साथियों ने आरोप लगाया है कि ये खेप कुत्ते के मांस की थी. कई मीडिया आउटलेट्स ने इस मामले पर रिपोर्ट की.

रिपब्लिक ने इस घटना पर एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसके टाइल का हिंदी अनुवाद है, “बेंगलुरु में कुत्ते का मांस परोसा गया?” रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रतिदिन सैकड़ों किलोग्राम कुत्ते का मांस आयात किया जाता है. रिपोर्ट में ‘सूत्रों’ का हवाला देते हुए कहा गया है कि शहर में प्रतिदिन 4500 किलोग्राम से ज़्यादा कुत्ते का मांस लाया जाता है और कथित व्यापार में अन्य राज्य, विशेषकर राजस्थान से मांस का परिवहन शामिल है. इस रिपोर्ट का आर्काइव वर्ज़न आप यहां देख सकते हैं.

मीडिया पोर्टल India.com ने एक स्टोरी पब्लिश की जिसके टाइटल का हिंदी अनुवाद है, “बेंगलुरु: लोगों को कुत्ते का मांस परोसा गया.” रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिदिन सैकड़ों किलोग्राम कुत्ते का मांस आयात किया जाता है. (आर्काइव)

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस दावे को आगे बढ़ाया. वेरिफ़ाईड यूज़र @SaffronSunanda, नियमित तौर पर सांप्रदायिक प्रॉपगेंडा शेयर करते हुए पाए गए हैं. इन्होंने इस घटना पर ट्वीट करते हुए दावा किया कि 14,000 किलोग्राम कुत्ते का मांस बेंगलुरु लाया गया था. उन्होंने अपने ट्वीट में रिपब्लिक कन्नड़ के एक ट्वीट इस्तेमाल किया था जिसे अब हटा दिया गया है. (आर्काइव)

X हैन्डल ‘@ssaratht’ ने पुनीथ केरहल्ली का एक वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि सभी होटलों में आपूर्ति के लिए 14,000 किलोग्राम कुत्ते का मांस लाया गया था. उनके ट्वीट को लगभग 6.5 लाख बार देखा गया साथ ही इसे 6 हज़ार से ज़्यादा रिट्वीट मिले. (आर्काइव)

X हैन्डल ‘@AjayChouhan41’ ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए इसे ‘बड़ी ब्रेकिंग न्यूज’ बताया. उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक में 14 टन कुत्तों का मांस पकड़ा गया. (आर्काइव)

वहीं X हैन्डल ‘@Mrsinha_’ सहित कई यूज़र्स ने वायरल दावे को आगे बढ़ाया. (आर्काइव्स – लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3, लिंक 4)

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वायरल वीडियो में केरहल्ली और उनके सहयोगियों का दावा है कि राजस्थान से आये पार्सल में कुत्ते का मांस था जिसे कथित तौर पर कई होटलों में मटन के रूप में बेचा गया था. इसके अलावा, ये भी ज़िक्र किया गया था कि मांस को अवैध रूप से राजस्थान से बेंगलुरु ले जाया गया था. उन्हें ये पूछते हुए सुना गया कि क्या कर्नाटक में मांस की कमी है.

फ़ैक्ट-चेक

घटना के एक दिन बाद, शनिवार, 27 जुलाई को, कर्नाटक खाद्य सुरक्षा और मानक विभाग ने कहा कि शिपमेंट से मांस के नमूने जमा किए गए और जांच के लिए भेजे गए. उन्होंने ये भी कहा कि निष्कर्षों के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

इसके बाद खाद्य सुरक्षा आयुक्त K श्रीनिवास ने स्पष्ट किया कि मांस कुत्ते का नहीं बल्कि सिरोही नामक बकरे की एक विशेष नस्ल का था जो बड़े पैमाने पर राजस्थान और गुजरात के कच्छ-भुज इलाकों में पाई जाती है. इनकी पूँछ लम्बी होती है और उन पर धब्बे होते हैं जिसकी वजह से ये कुत्तों की तरह दिखाई देती हैं. श्रीनिवास के मुताबिक, मटन और शेवॉन की कम आपूर्ति कुछ व्यापारियों को इसे दूसरे राज्यों से मंगाने और किफायती दर पर बेचने के लिए मजबूर करती है. कर्नाटक में बकरों की अपनी विशिष्ट किस्मों का अभाव है जबकि बेंगलुरु मांस के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है. परिणामस्वरूप, राज्य में मटन आपूर्ति में कमी आ रही है. इस अंतर को दूर करने और सस्ती कीमतों को बनाए रखने के लिए, कम कीमत वाले बकरी के मांस को अन्य राज्यों से मंगाया जाता है और कर्नाटक में लाया जाता है.

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने 28 जुलाई को पुष्टि की कि लेबोरेटरी रिपोर्ट्स से ये साफ हुआ कि खेप में बकरे का मांस था. उन्होंने कहा, ”राजस्थान से मांस लाना और बेचना इसमें शामिल लोगों का पेशा है. वो सप्ताह में एक बार या हर 15 दिन में एक बार मांस बेचते हैं. रिपोर्ट में पुष्टि की गई कि ये बकरे का मांस है, कुत्ते का नहीं.”

इस मामले में कथित तौर पर तीन FIR दर्ज की गई थीं – एक मांस के परिवहन को लेकर, और दो खाद्य गुणवत्ता विभाग के अधिकारियों को उनके कर्तव्य के निर्वहन में बाधा डालने और सार्वजनिक स्थान पर गैरकानूनी सभा के लिए गौरक्षक पुनीथ केरहल्ली के खिलाफ. पुनीथ केरहल्ली को 26 जुलाई की रात को गिरफ़्तार कर लिया गया था जब उसने और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर रेलवे स्टेशन पर धावा बोल दिया था और विरोध प्रदर्शन किया था जिससे यात्रियों को असुविधा हुई थी. उसने पुलिस और रेलवे अधिकारियों पर शहर के नॉन-वेज रेस्तरां में परोसे जाने वाले मांस में मिलावट करने के लिए कुत्ते के मांस के आयात में भागीदार होने का आरोप लगाया. बाद में उसे स्टेशन जमानत पर रिहा कर दिया गया.

कुल मिलाकर, गौरक्षक पुनीथ केरहल्ली ने झूठा दावा किया कि कुत्ते के मांस की एक बड़ी खेप जयपुर से बेंगलुरु लाई गई थी और इस ग़लत सूचना को मीडिया आउटलेट्स द्वारा कवर किया गया. कुछ मीडिया ने दावा किया कि ये एक आम बात थी और शहर में कुत्ते का मांस नियमित रूप से रेस्टोरेंट्स में परोसा जाता था. कर्नाटक खाद्य सुरक्षा और मानक विभाग ने मांस की जांच करते ये बताया कि ये बकरे का मांस था.

कौन हैं पुनीथ केरहल्ली?

ऑल्ट न्यूज़ ने कर्नाटक के गौरक्षक, पुनीथ केरहल्ली के बारे में की जांच की. मालूम चला कि वो मार्च 2023 में एक मुस्लिम पशु व्यापारी इदरीस पाशा की हत्या के मुख्य संदिग्धों में से एक है. 31 मार्च की रात, इदरीस पाशा, जब सैयद ज़हीर और इरफ़ान के साथ 16 गायों को ले जा रहा था, तब उसे पुनीथ केरहल्ली और अन्य गौरक्षकों ने रामनगर ज़िले के सथानुर सर्कल के पास रोका. उस पर अवैध मवेशी परिवहन का आरोप लगाते हुए निगरानीकर्ताओं ने उसकी वैन की तलाशी ली और घटना का लाइव-स्ट्रीम विडियो पोस्ट किया. जहीर पर केरहल्ली को हावी होते देख इदरीस और इरफान भाग गया. अगली सुबह इदरीस पाशा का शव पुलिस स्टेशन के पास मिला. उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान दिखे. एक रिश्तेदार ने लाश के बारे में बताते हुए कहा कि “ये काला हो गया था जैसे कि इसे बिजली का झटका दिया गया हो.”

पुनीथ केरहल्ली को अप्रैल में सथानुर पुलिस ने गिरफ़्तार किया था, लेकिन जल्द ही उसे जमानत दे दी गई. उसने अपने सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रूप से उत्तेजक कंटेंट पोस्ट करना जारी रखा जिसके आधार पर शहर के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने गोंडा अधिनियम के तहत उसकी गिरफ़्तारी का आदेश दिया. राज्य सलाहकार बोर्ड की एक रिपोर्ट के बाद गृह विभाग ने इसे रद्द कर दिया जिसमें सुझाव दिया गया था कि कानून के तहत उस पर मामला दर्ज करने के लिए “पर्याप्त आधारों की कमी” थी.

जैसा कि देश के अलग-अलग हिस्सों के गौरक्षक अक्सर करते हैं, केरहल्ली ने भी अपने कई कामों की लाइव-स्ट्रीम की है. एक में, उसे इलेक्ट्रॉनिक सिटी के NICE रोड के पास स्टन गन का इस्तेमाल करते हुए देखा गया था.

द क्विंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केरहल्ली की कर्नाटक के कई भाजपा नेताओं के साथ कई तस्वीरें मौजूद हैं. इनमें पूर्व मंत्री CN अश्वथ नारायण और BC नागेश, भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दक्षिण बेंगलुरु के सांसद तेजस्वी सूर्या, भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा, तमिलनाडु राज्य पार्टी अध्यक्ष अन्नामलाई शामिल हैं.

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Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.