एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें बुर्का पहनी दो महिलाएं स्कूटर पर सवार होकर कुछ पुरुषों को पानी की बोतलें बांट रहीं हैं. वीडियो में लोगों को बांस की लाठियां ले जाते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में वॉयस-ओवर कर रहा एक आदमी कहता है: “दंगे चल रहे हैं साब, और दंगों में जरा देखिए, उनकी महिलाऐं और ये वोक (Woke) में कितना फर्क है. दंगाइयों के बीच में आ गए और आकर पानी की बोतलें दे दीं, पानी की बोतल पियो पानी, खूब दंगा करो. आप मुकाबला कर ही नहीं सकते, कहीं से कहीं तक नहीं कर सकते. और आपको जो लग रहा है ना वो बेसिकली क्या है जरा समझिए ये जो आपको सामने दिख रहा है ना ये जो हिजाब जो बुर्का पहना हुआ है ये बेसिकली ये एक इंडीकेशन है कि हम तुम्हारी वाली हैं, हमको रेप नहीं करना है.”

प्रीमियम सबस्क्राइबर वाले X यूज़र वोकफ्लिक्स (@wokeflix_) ने वॉयस-ओवर सहित वीडियो शेयर किया और अंत में उस व्यक्ति को भी देखा जा सकता है जो ये बयानबाज़ी कर रहा है. ट्वीट को 52 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया, साथ ही 1,200 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव)

हमने देखा कि वायरल वीडियो में एक इंस्टाग्राम यूज़रनेम का वॉटरमार्क था जिस पर लिखा था “@nitin_shukla_fan_club.” हमें यही वीडियो इंस्टाग्राम पेज पर मिला. पेज के बायो में एक यूट्यूब चैनल का लिंक था जो नितिन शुक्ला का था जो खुद को “विश्लेषक, पत्रकार, लेखक, प्रेरक वक्ता, सलाहकार, जीवन कोच, बिजनेस ट्रेनर” बताता है. 26 जुलाई को उसने एक यूट्यूब लाइव किया था, यहीं से वायरल वीडियो लिया गया था. ये हिस्सा यूट्यूब लाइव में 2 घंटे 6 मिनट 56 सेकेंड पर आता है.

फ़ैक्ट-चेक

हमने वीडियो से कई की-फ़्रेम्स लिए और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे हमें यूट्यूब पर कई पोस्ट मिलीं जिनमें वॉयस-ओवर के बिना यही वीडियो मौजूद था. MTA फ़ैमिली नामक एक यूट्यूब चैनल ने 21 जुलाई को अपने चैनल पर वीडियो को एक टाइटल के साथ शेयर किया, जिसका हिंदी अनुवाद है: “बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान पानी बांटा गया.”

हमें कई अन्य चैनल भी मिले जिन्होंने वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि विजुअल्स बांग्लादेश के हैं और महिलाएं प्रदर्शनकारी छात्रों को पानी बांट रही थीं. नीचे कुछ उदाहरण दिए गए हैं.

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वायरल वीडियो के बैकग्राउंड में बांग्लादेशी झंडा भी दिख रहा है. इसे नीचे दिए गए स्क्रीनग्रैब में देखा जा सकता है:

हमने ढाका में एक सोर्स से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि वीडियो असल में बांग्लादेश का है और इसे ढाका में BRAC विश्वविद्यालय के पास लिया गया था. हमने वीडियो में दिख रहे विजुअल्स की तुलना गूगल मैप्स के स्ट्रीट व्यू से की जिससे ये साफ है कि वीडियो उसी सड़क पर लिया गया था जहां BRAC यूनिवर्सिटी थी और वायरल वीडियो में दिख रही इमारतों को भी स्ट्रीट व्यू में देखा जा सकता है. नीचे तुलना दी गई है:

बांग्लादेश में नौकरी कोटा को लेकर छात्र बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस कोटा में 1971 के मुक्ति संग्राम के सेनानियों के वंशजों के लिए 30% आरक्षण का प्रावधान था. बांग्लादेश सरकार ने 2018 में ज़्यादातर सरकारी नौकरियों में कोटा खत्म कर दिया था, लेकिन इस साल 5 जून को कोर्ट ने आरक्षण बहाल कर दिया. इसके विरोध में छात्र सड़कों पर उतर आये. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों से मिलने से इनकार कर दिया और उन्हें ‘रजाकार’ कहा जो गद्दारों के लिए एक अरबी शब्द है, इसका इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता है जिन्होंने 1971 में पुरुषों और महिलाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर अत्याचार करने में पाकिस्तानी सेना की सहायता की थी. इससे छात्र नाराज़ हो गए और उन्होंने प्रधानमंत्री से माफ़ी की मांग की. सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) को तैनात किया और आगामी झड़पों में 200 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई.

कुल मिलाकर, वायरल वीडियो बांग्लादेश के छात्रों के विरोध प्रदर्शन का है. वीडियो को भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा भ्रामक सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.

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