एक वीडियो में हैदराबाद के एक मंदिर परिसर में मांस के टुकड़े दिखते हैं. दावा किया जा रहा है कि एक हिंदू पूजा स्थल की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर मांस के टुकड़े फेंके गए. ये घटना 12 फ़रवरी को पुराने शहर हैदराबाद के तप्पाचबूतरा इलाके में जिर्रा हनुमान मंदिर में होने की बात सामने आई है.

कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने आरोप लगाया कि अज्ञात लोग पीछे से मंदिर के अंदर कूद गए और शिव लिंग के पास मांस के टुकड़े फेंके. कुछ ने बताया कि ये घटना एक मुस्लिम राजनेता – AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के प्रतिनिधित्व वाले निर्वाचन क्षेत्र में हुई थी.

जिस दिन वीडियो सामने आया, उस दिन तेलंगाना से भारतीय जनता पार्टी के विधायक राजा सिंह ने क्लिप शेयर की और इसे कांग्रेस शासन के तहत “असामाजिक तत्वों” द्वारा “जानबूझकर उकसाने की कार्रवाई” बताया. (आर्काइव लिंक)

ध्यान दें कि विधायक (जिन्हें टी राजा सिंह भी कहा जाता है) का मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर नफरत भरे भाषण देने का इतिहास रहा है. पैगंबर मोहम्मद पर उनकी टिप्पणी पर बड़े विवाद के बाद उन्हें लगभग एक साल के लिए भाजपा से निलंबित कर दिया गया था. हालांकि, वो पिछले साल आम चुनाव के दौरान पार्टी के आधिकारिक प्रचारकों की सूची में थे जहां उन्होंने मुसलमानों को “पाकिस्तानी मुल्ले” कहकर नफरत भरे भाषण दिए और उन्हें देश से बाहर फेंकने की धमकी दी.

मीडिया आउटलेट न्यूज़मीटर (@NewsMeter_In) ने 12 फ़रवरी को हैदराबाद मंदिर से दो क्लिप पोस्ट कीं. एक में वो क्षेत्र दिखाया गया जहां शिव लिंग मौजूद था और दूसरे में परिसर के अंदर पुलिस के साथ कुछ लोग इकट्ठा हुए थे. कैप्शन में कहा गया है कि कथित तौर पर कुछ लोगों ने मांस के टुकड़े मंदिर के अंदर फेंके थे. (आर्काइव)

एक और X यूज़र ‘@YakkatiSowmith’, (जो कथित तौर पर अपने बायो के अनुसार टाइम्स नाउ के पत्रकार हैं) ने शिव लिंग और मांस दिखाते हुए वही क्लिप शेयर की और कहा कि “अज्ञात लोग कथित तौर पर पीछे से मंदिर में कूद गए और शिव लिंग के पास मांस का टुकड़ा फेंक दिया.” (आर्काइव)

आगे, इसी तरह के दावों के और उदाहरण दिए गए हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

इन दावों पर गौर करने के लिए, ऑल्ट न्यूज़ ने सबसे पहले सर्च किया जिससे हमें घटना पर कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. 12 फ़रवरी को दोपहर 2 बजे के आसपास पब्लिश इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है और CCTV फ़ुटेज की बारीकी से जांच कर रही है. रिपोर्ट में बताए गए दक्षिण-पश्चिम पुलिस उपायुक्त चंद्र मोहन के मुताबिक, चूंकि मंदिर के सभी दरवाजे बंद थे, इसलिए संभावना है कि मांस के टुकड़े किसी जानवर द्वारा परिसर में लाए गए थे.

हालांकि, जांच पूरी होने से पहले ही बीजेपी विधायक राजा सिंह ने इस थ्योरी को खारिज कर दिया. उन्होंने दावा किया कि शहर में ऐसी घटनाएं अक्सर हुई हैं और पुलिस पर नियमित रूप से कुत्तों या बिल्लियों जैसे आवारा जानवरों को ज़िम्मेदार ठहराने का आरोप लगाया.

12 फ़रवरी को रात 8 बजकर 30 मिनट के आसपास एक X पोस्ट में तप्पाचबूतरा क्षेत्र पुलिस ने एक प्रेस नोट और स्टेशन हाउस अधिकारी का एक बयान शेयर किया. इसमें CCTV फ़ुटेज के साथ अपराधी का खुलासा किया गया था. पुलिस ने कहा कि मंदिर के उत्तर की ओर लगे कैमरे से मिले फ़ुटेज में साफ़ तौर पर एक बिल्ली अपने मुंह में मांस का टुकड़ा लेकर मंदिर परिसर में प्रवेश करती हुई दिखाई दे रही है. प्रेस नोट में, उन्होंने नागरिकों से इस घटना से संबंधित अफवाहों और ग़लत सूचनाओं को बढ़ावा देने से बचने का आग्रह किया.

उसी दिन रात 11 बजकर 4 मिनट के आसपास पब्लिश इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया कि क्षेत्र को कवर करने वाले 17 कैमरों के CCTV फ़ुटेज का इस्तेमाल ये पता लगाने के लिए किया गया था कि 11 फ़रवरी की रात और 12 फ़रवरी की सुबह के बीच किसी ने भी मंदिर में प्रवेश नहीं किया था. यानी, निर्णायक रूप से बिल्ली ही दोषी थी.

कुल मिलाकर, जैसा कि पुलिस जांच से इसकी पुष्टि हुई है ये अफवाहें निराधार और झूठी हैं कि हिंदू मंदिर को जानबूझकर अपवित्र किया गया था और अज्ञात व्यक्तियों ने परिसर के अंदर मांस फेंका था.

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