5 अप्रैल को रुख़सार नामक फ़ेसबुक यूज़र ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें भगवा झंडा हाथ में लिए कुछ लोग एक मस्जिद के बाहर देखे जा सकते हैं. रुख़सार के 5 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं. उसने ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘भाजपा शासित राज्यों के बाद कांग्रेस शासित राज्यों में भी मुसलमानों और मस्जिदों पर भी हमले हो रहे हैं.’ साथ ही ये दावा किया कि हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान इन बदमाशों ने छत्तीसगढ़ के एक मस्जिद में घुस कर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए.

 

BJP शासित प्रदेशों के बाद अब कांग्रेस शासित प्रदेशों में भी मुस्लिमों और मस्जिदों पर हमले बढ़ गये है,यह वीडियो छत्तीसगढ़ का बताया गया है जहां हिन्दू संगठनो के कार्यकर्ता रैली के दौरान मस्जिद में घुसे और जय श्री राम के नारे लगाये व उत्पात मचाया।

Posted by Rukhsar on Tuesday, 5 April 2022

इस वीडियो में एक मस्जिद जैसी दिखने वाली ईमारत के सामने बड़ी संख्या में लोगों को भगवा पोशाक पहने हुए देखा जा सकता है. बैकग्राउंड में एक गाना बज रहा है जिसके बोल में ‘जय श्री राम’ सुनाई दे रहा है. इसे कई यूज़र्स ने फ़ेसबुक पर शेयर किया है.

नेहा भारती नाम के ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किये गए इस वीडियो को करीब 1 हज़ार लाइक्स मिले.

6 अप्रैल को एक यूट्यूबर फ़राज़ मलिक ने अपने चैनल पर इसी तरह का दावा किया था. इस चैनल का नाम ‘मेरा सफर’ है जिसके 11 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं. उनके वीडियो में 1 मिनट 30 सेकेंड पर ये दावा किया गया कि छत्तीसगढ़ के एक मस्जिद में कुछ भगवाधारी लोग घुस गए और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए. इस यूट्यूब वीडियो को ढाई लाख से ज़्यादा बार देखा गया है.

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि 4 अप्रैल को सुभाष गुप्ता नामक व्यक्ति ने फ़ेसबुक पर इसे सबसे पहले शेयर किया था.

 

उपद्रव किसे कहते होंगे 🤔🤔🤔
36गढ़ से एक वीडियो

Posted by Subhash Gupta on Monday, 4 April 2022

फ़ैक्ट-चेक

‘छत्तीसगढ़ स्टेट फ़ेक न्यूज़ कंट्रोल एंड स्पेशल मॉनिटरिंग सेल’ ने स्थानीय पत्रकारों को एक व्हाट्सऐप पोस्ट शेयर किया जिसमें इस वीडियो पर ‘फ़ेक न्यूज़ अलर्ट’ का स्टैंप था. हालांकि, इसमें साफ तौर ये नहीं बताया गया कि ये वीडियो भी ‘फ़र्ज़ी’ है, जिसका मतलब है कि घटना छत्तीसगढ़ में नहीं हुई थी या नहीं या सोशल मीडिया के वायरल दावे ग़लत हो सकते हैं.

 

ऑल्ट न्यूज़ ने उमेश मिश्रा से संपर्क किया जो छत्तीसगढ़ के फ़ेक न्यूज़ मॉनिटरिंग कमिटी के सचिव हैं. उन्होंने कहा, “वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा था कि ये छत्तीसगढ़ का है. दूसरी कोई जानकारी नहीं दी गई थी. हमें डर था कि इससे गड़बड़ी हो सकती है, इसलिए इस पर फ़र्ज़ी का स्टैंप लगा दिया गया.” उन्होंने ये भी कहा कि प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो के बारे में डिटेल रिपोर्ट मांगी है.

हमने सुभाष गुप्ता के फ़ेसबुक पोस्ट पर किए गए कमेंट्स चेक किए और देखा कि उन्होंने एक यूज़र को जवाब दिया था कि वीडियो छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का है.

बिलासपुर पुलिस से संपर्क करने पर पता चला कि वीडियो लूथरा शरीफ दरगाह के बाहर शूट किया गया है जो सीपत थाने के अंतर्गत आता है. सीपत पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर राजकुमार सूरी ने हमें बताया, “हर साल सम्राट विक्रमादित्य समिति हिंदू नव वर्ष पर एक विशाल रैली का आयोजन करती है. इस साल भी 2 अप्रैल को इसका आयोजन किया गया था. रैली के दौरान अनजाने में डीजे म्यूजिक सिस्टम वाली गाड़ी दरगाह की तरफ मुड़ गई और रैली में भाग लेने वाले भी गाड़ी के पीछे चल दिए.” अधिकारी ने कहा कि रैली के दौरान पुलिस का सही बंदोबस्त था और जब दरगाह के सामने से रैली निकली तो कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.

दैनिक भास्कर के पत्रकार और दरगाह लूथरा शरीफ कमेटी के पूर्व सदस्य रियाज अतरासी ने भी वही बताया जो इंस्पेक्टर राजकुमार सूरी ने कहा था. उन्होंने कहा, “हालांकि ये पहली बार था कि ये रैली दरगाह तक पहुंच गई थी, लेकिन जानबूझ कर या बदमाशी की खबरें बिल्कुल झूठी और भ्रामक हैं.” उन्होंने ये भी कहा कि स्थानीय मुसलमानों ने रैली के सदस्यों के लिए कोल्ड ड्रिंक और नाश्ते की व्यवस्था की थी.

दरगाह के पास स्थित बाबा बुक स्टोर के मालिक मोहम्मद इब्राहिम ने भी बताया की कि रैली दरगाह के सामने से गुज़री थी. बजरंग दल ने 3-4 दिन पहले हिंदू नव वर्ष के अवसर पर एक रैली का आयोजन किया था. रैली हर साल निकाली जाती है लेकिन ये पहली बार था जब वे दरगाह की गली में गए और दरगाह के सामने ‘जय श्री राम’ गाने बजाए.

हालांकि, इब्राहिम ने ये भी स्पष्ट किया कि रैली में शामिल लोगों ने दरगाह परिसर में प्रवेश नहीं किया. वे कुछ देर दरगाह के सामने रुके और ‘जय श्री राम’ के गीत बजाए और चले गए.

पुलिस के बयान, ज़मीनी रिपोर्ट और गवाह के बयान इस बात को साबित करते हैं कि दरगाह पर हिंदू ग्रुप्स ने हमला नहीं किया था, बल्कि डीजे म्यूजिक सिस्टम वाली गाड़ी अनजाने में दरगाह की तरफ मुड़ गई और रैली में शामिल लोग उसके पीछे चले गए थे लेकिन वे दरगाह परिसर में नहीं घुसे थे.

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