22 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू होते ही किसानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान संसद शुरू कर दी. इसको देखते हुए जंतर-मंतर पर पुलिस ने भारी सुरक्षा के इंतजाम किये. किसान संसद के पहले ही दिन न्यूज़ 18 के ऐंकर अमीश देवगन ने अपने शो ‘आर-पार’ में दावा किया कि जंतर-मंतर पर रिपोर्टिंग कर रहे उनके कैमरामैन पर ‘हमला’ हुआ. वीडियो की शुरुआत में अमीश देवगन कहते हैं, “ये तस्वीर न्यूज़ 18 के कैमरा पर्सन नागेन्द्र गोसाईं की है. न्यूज़ 18 का एक कैमरापर्सन सामान्य रूप से कवरेज के लिए जाता है. लेकिन जब वहां पर मीडिया को गाली दी जाती है तो वो कहता है कि इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वहां पर महिलाएं भी हैं. तो पलटवार करते हुए उसे पीटा जाता है. उसके सिर पे रॉड मारने का प्रयास होता है. हाथों से वो बचाता है, उसके हाथ घायल हो जाते हैं. उसे उपचार के लिए हॉस्पिटल ले जाया जाता है.”
चैनल ने ये दर्शाने की कोशिश की कि हमला किसानों ने किया है. वीडियो में एक मौके पर अमीश देवगन कहते हैं, “न्यूज़ 18 के वीडियो जर्नलिस्ट पर हमला कोई आंदोलन नहीं है.”
ये वीडियो BJP आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने शेयर किया. उन्होंने लिखा, “न्यूज़ 18 के कैमरापर्सन को किसान प्रदर्शन स्थल पर पीटा गया.” (आर्काइव लिंक)
News18’s cameraman Nagendra beaten up at farmer protest…
There is little doubt that this protest is not what it portrays to be. Targeting media, vandalising the Red Fort, holding the capital to ransom, blocking borders at a time when sowing and harvesting seasons are at peak? pic.twitter.com/mxcvdHcbNC
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 22, 2021
अमीश देवगन ने भी एक ट्वीट में बताया कि कैमरामैन नागेन्द्र पर हमला हुआ था.
न्यूज़ 18 के कैमरा मैंन नागेन्द्र पर हमला . #bignews #FarmersProtest_AtParliament pic.twitter.com/IQWbtH2vXx
— Amish Devgan (@AMISHDEVGAN) July 22, 2021
कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स, जो अक्सर ग़लत जानकारी फैलाते हुए पकड़े जाते हैं, ने भी ये वीडियो शेयर किया. उन्होंने लिखा कि किसानों ने मीडिया पर हमला किया और उन्हें पीटा. ऋषि बागरी, अतुल आहूजा, @ExSecular ऐसे कुछ नाम हैं. इसके अलावा ऑप इंडिया ने दावा किया कि एक महिला प्रदर्शनकारी ने न्यूज़ 18 के कैमरापर्सन पर हमला किया.
फ़ैक्ट-चेक
इस दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले ये देखा कि ये घटना बाकी मीडिया चैनलों ने कैसे रिपोर्ट की थी. इंडिया टीवी ने 22 जुलाई इस बारे में जानकारी देते हुए रिपोर्ट में लिखा था, “एक फ़्रीलांस जर्नलिस्ट ने कथित तौर पर न्यूज़ चैनल के कैमरापर्सन पर हमला किया.” रिपोर्ट में नागेन्द्र गोसाईं के हवाले से बताया गया है कि एक फ़्रीलांस पत्रकार प्रभजोत सिंह एक महिला को अपशब्द कह रहा था और इसे रिकॉर्ड भी कर रहा था. उसे ऐसा करने से रोकने पर उसने हमला कर दिया.
हमने घटनास्थल का पूरा वीडियो ढूंढने की कोशिश की. और ये समझने की कोशिश की कि न्यूज़ 18 और बाकि लोग जो दावा कर रहे हैं, उसमें कितनी सच्चाई है. हमें ‘प्यारा हिंदुस्तान’ नाम के एक फ़ेसबुक पेज का वीडियो मिला. 9 मिनट के इस वीडियो में कैमरापर्सन को चोट लगने से पहले और बाद की पूरी कहानी रिकॉर्ड हुई है. वीडियो में 1 मिनट 56 सेकंड के बाद कुछ सेकंड के लिए कैमरापर्सन नागेन्द्र को चोट लगने की घटना दिखती है.
Rakesh Tikait के गुंडों ने Jantar Mantar पर महिला रिपोर्टर से की मारपीट किसान नहीं गुंडे हैं Farmers
Rakesh Tikait के गुंडों ने Jantar Mantar पर Pyara Hindustan की महिला रिपोर्टर से की मारपीट किसान नहीं गुंडे हैं Farmers मीडिया पर हुआ हमला आज की घटना पर बड़ा खुलासा
VIDEO LINK-https://www.youtube.com/watch?v=1HuBDsuZGbgPosted by Pyara Hindustan on Thursday, 22 July 2021
पूरा घटनाक्रम कुछ इस तरह है. प्यारा हिंदुस्तान की पत्रकार रिपोर्टिंग करते हुए कहती है, “यहां हर तरफ़ से बेरिकेडिंग कर दी गयी है, गाड़ियों का आना-जाना पूरी तरह से बंद है. ये आंदोलन अब 22 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगा. तो आप देख सकते हैं कि इतने दिन तक जो आम जनता है दिल्ली के उनको सामना करना पड़ सकता है. यहां से गाड़ी नहीं ले जा सकते हैं. उनको अपना रूट चेंज करना पड़ेगा. ऑफ़िस के लिए लेट भी हो सकते हैं. काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. जैसा कि लोग करते भी आ रहे हैं. क्यूंकि 8 महीने से ऊपर हो गया ये आंदोलन चलता ही जा रहा है, चलता ही जा रहा है…”
इस बीच में कैमरा एक अन्य पत्रकार को हाईलाइट करता है जो अपने मोबाइल से इस महिला पत्रकार का वीडियो बना रहा था. महिला उससे पूछती है, “क्या बोल रहे हैं आप मुझे?”
वो पत्रकार रिकॉर्ड करते हुए कहता है, “जलील.”
इसके बाद दोनों में कहा-सुनी होने लगती है. कुछ अन्य लोग जो वहां मौजूद थे, वो उस फ़्रीलांस पत्रकार प्रभजोत सिंह के हाथ से फ़ोन गिरा देते हैं और उसे नीचे तोड़ने की कोशिश करते हैं. वीडियो में न्यूज़18 के कैमरामैन नागेन्द्र को भी देखा जा सकता है.
हमने देखा कि एक फ़ेसबुक पेज ‘अम्बेडकर मिशन न्यूज़ चैनल’ इस घटना को लाइव कवर कर रहा था. ये वीडियो दूसरे ऐंगल से है. इस वीडियो को देखकर और साफ़ हो जाता है कि नाग्रेन्द्र को चोट कैसे लगी. पहले कुछ सेकंड में ही ये दृश्य हैं जिसे आप नीचे देख सकते हैं.
ਸੰਸਦ ਵੱਲ ਜਾ ਰਹੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਮੀਡੀਆ ਕਰਮੀਆਂ ਨਾਲ ਗੋਦੀ ਮੀਡੀਆ ਨੇ ਕੀਤੀ ਬਦਸਲੂਕੀ
Posted by Ambedkar mission news channel on Thursday, 22 July 2021
इसके बाद प्रभजोत अपना फ़ोन उठाता है और उन लोगों से अपना फ़ोन बचाने की कोशिश में ट्राइपॉड को दो-तीन बार घुमाता है. इस हाथापाई में ट्राइपॉड से नागेन्द्र के हाथ में चोट लग जाती है. इसके कुछ सेकंड बाद ही वीडियो में नागेन्द्र को अपना हाथ पकड़े देखा जा सकता है.
यानी, पत्रकारों की आपसी हाथा-पाई में एक को चोट लगी और इसे नेशनल टीवी पर किसान प्रदर्शन में पत्रकारों पर हमला बताया गया. सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये दावा किया कि किसानों ने ये हमला किया.
हमने नागेन्द्र गोसाईं से बात की. उन्होंने कहा, “वो किसान नहीं था लेकिन किसानों का समर्थक था. मीडिया को शूट का रहा था और गालियां दे रहा था. इसी बीच एक महिला को उसने गालियां दी. हमने रोकने की कोशिश की तो उसने लाइट स्टैंड से मुझ पर हमला कर दिया. मैंने अपने हाथ से रोकना चाहा तो वो स्टैंड खुलकर मेरे हाथ में लग गया और मुझे इस तरह से चोट लग गयी. उसके गले में संयुक्त किसान मोर्चा का कार्ड था.”
हमने प्रभजोत सिंह से भी बात की. उन्होंने कहा, “वहां गोदी मीडिया किसानों के बारे में झूठी जानकारी दे रहे थे. इसलिए मैंने लाइव आकर ये लाइन यूज़ की कि ‘ज़लील’ मीडिया है. इससे वो भड़क उठे और मेरा फ़ोन गिरा दिया. मैं लाइव ही तो कर रहा था. मेरा फ़ोन गिराकर तोड़ने की कोशिश की गयी. इसके बाद मैंने भी अपना फ़ोन बचाने के लिए ट्राइपॉड से मारा. इसमें उनको चोट लग गयी. इसके बाद मुझे 9 घंटे तक पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन में रखा गया फिर बाद में छोड़ा गया.”
ऑल्ट न्यूज़ ने DCP दीपक यादव से संपर्क किया. उन्होंने कहा, ये दो पत्रकारों के बीच हाथापाई का मामला था. किसानों ने हमला नहीं किया. ये पत्रकारों के बीच कहासुनी के बाद झड़प हो गयी थी. दोनों के हाथ में मोबाइल और रिकॉर्ड करने वाले सामान थे जिससे एक को चोट लग गयी. उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में किसी ने भी शिकायत दर्ज नहीं की है.
मौलवी ने मुस्लिम लड़कियों से नहीं कहा कि हिन्दू लड़के ‘फंसाकर’ कांग्रेस को वोट दिलवाए.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.