22 जुलाई को आयकर विभाग ने भारत के एक प्रमुख अखबार दैनिक भास्कर समूह के कई ठिकानों पर छापेमारी की. इस छापेमारी पर दैनिक भास्कर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार: गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सही आंकड़े देश के सामने रखने वाले भास्कर ग्रुप पर सरकार की दबिश”.
बता दें कि इस छापेमारी के विरोध में लोकसभा व राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ और दोनों सदनों की कार्यवाही ठप रही. इस छापे के बाद सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट जमकर शेयर किया गया. स्क्रीनशॉट में लिखा दिखता है- “मैं वीर सावरकर नहीं जो डर जाऊं, मैं स्वतंत्र हूं, क्योंकि मैं दैनिक भास्कर हूं”.
कई लोग इस स्क्रीनशॉट को पोस्ट करते हुए नाराज़गी जताते दिखे. साथ ही दैनिक भास्कर का बहिष्कार करने की अपील भी की जा रही थी. वहीं, कई लोग इसे दैनिक भास्कर की स्वतंत्रता व मज़बूती बताते हुए शेयर करने लगे.
एक और यूज़र ने वायरल ट्वीट और अपने मोबाइल फ़ोन का स्क्रीनशॉट शेयर किया और दैनिक भास्कर का ऐप डिलीट कर दिए जाने की बात कही.
भाजपा नेता सुरेश जोशी ने भी ये स्क्रीनशॉट शेयर किया और दैनिक भास्कर की आलोचना की.
राजद से जुड़े अभिषेक कुमार ने भी ये स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसे आर्टिकल लिखे जाने तक 4 हज़ार से ज़्यादा बार लाइक और 250 से ज्यादा बार शेयर किया गया.
फ़ेसबुक पेज ‘हमारा हिंदुस्तान प्यारा सा हिन्दुस्तान‘ ने ये स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, “ये तो सीधे मुंह पर तमाचा मारने वाला ट्वीट हैं” जिसे अबतक 1 हजार से ज्यादा लाइक व 200 से ज्यादा बार शेयर किया गया है. फेसबुक पर ये स्क्रीनशॉट जमकर वायरल हुआ.
फ़र्ज़ी अकाउंट
देखने पर ही मालूम हो जाता है कि वायरल स्क्रीनशॉट वाला ट्विटर अकाउंट फ़र्ज़ी है. क्योंकि दैनिक भास्कर का ऑफ़िशियल ट्विटर हैंडल @DainikBhaskar है. ऑल्ट न्यूज़ ने इस अकाउंट के बारे में जानने के लिए ट्विटर पर ‘@DainkBhaskar1’ सर्च किया. हमने पाया कि फिलहाल ऐसा कोई अकाउंट नहीं है.
बाद में हमें पता चला कि इस ट्विटर अकाउंट का हैंडल नेम बदल दिया गया है. लेकिन इस अकाउंट से किये गए ट्वीट के जवाब में अभी भी ये हैन्डल नेम दिखता है.
इंटरनेट आर्काइव में सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को इस अकाउंट से जुड़े कुछ ट्वीट्स मिले. जब हमने एक ट्वीट के आर्काइव लिंक में मौजूद ट्वीट खोला तो वो नये (बदले हुए) हैंडल @DainikBhaskara पर पहुंचा (आर्काइव लिंक). इस ट्वीट को अबतक 27 हज़ार से ज्यादा बार लाइक और 6 हज़ार से ज्यादा बार रीट्वीट किया गया है.
नए हैन्डल नेम वाले अकाउंट के बायो में साफ़ शब्दों में लिखा है कि ये एक पैरोडी अकाउंट है. साथ ही हैंडल ने डिस्प्ले पिक्चर में भी पैरोडी लिखा है.
इसलिए, इस फ़ैक्ट-चेक में हमने पाया कि फ़र्ज़ी अकाउंट द्वारा किये गए ट्वीट को लोगों ने सच मानकर शेयर किया. इस अकाउंट का दैनिक भास्कर से कोई संबंध नहीं है.
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