गैटविक जा रही एयर इंडिया फ्लाइट 171 की भयानक दुर्घटना के बाद ज़िंदा बचे एकमात्र व्यक्ति विश्वास कुमार रमेश का कथित तौर पर एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. फ़ुटेज में उन्हें दुर्घटनास्थल की ओर चलते हुए दिखाया गया है जो आग की लपटों से घिरी हुई है. रमेश बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में सवार 242 लोगों में से एक थे. ये प्लेन उड़ान भरने के 30 सेकंड के भीतर गुजरात के अहमदाबाद के मेघानी नगर के घनी आबादी वाले इलाके में बीजे मेडिकल कॉलेज में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. ये दुर्घटना, हाल के विमानन इतिहास की सबसे भयानक त्रासदियों में से एक है जिसमें चालक दल सहित 241 लोगों और मेडिकल कॉलेज के परिसर में रहने वाले कई अन्य लोगों की जान चली गई.

विमान में आपातकालीन निकास पर बैठे रमेश का ज़िंदा बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है. इससे पहले, कई न्यूज़ आउटलेट्स द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में रमेश को एक बिल्डिंग के गेट से बाहर निकलते हुए दिखाया गया था, क्योंकि बैकग्राउंड में धुएं का गुबार था. ये अभी वायरल हो रहे वीडियो से अलग है जिसमें उन्हें दुर्घटनास्थल की ओर जाते हुए दिखाया गया है.

सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस वीडियो को शेयर किया और सवाल उठाया है कि वो दुर्घटनास्थल की तरफ क्यों गए और उसके बाद वहां से क्यों निकले. कई लोगों ने बताया कि ये गड़बड़ है कि एक व्यक्ति जो इस दुर्घटना में “इकलौता ज़िंदा व्यक्ति के रूप में बाहर आया” वो दुर्घटनास्थल की तरफ क्यों जा रहा था और बाद में बाहर क्यों आ रहा था. कुछ लोगों ने तो यहां तक ​​कहा कि ये “सच्चाई” है जिसे मीडिया आउटलेट्स द्वारा शेयर नहीं किया जा रहा. आगे, X और इंस्टाग्राम के कुछ दावे हैं. (आर्काइव 12)

 

 

फ़ेसबुक पर भी यूज़र्स ने वायरल क्लिप शेयर की. आगे, स्क्रीनशॉट्स हैं:

फ़ैक्ट-चेक

फ्लाइट में यात्रियों की जानकारी और विश्वास कुमार रमेश के बोर्डिंग पास की जानकारी कई मीडिया आउटलेट्स द्वारा पब्लिश की गई थी, इसलिए हम ये ज़रूर कह सकते हैं कि विश्वास उस फ्लाइट में मौजूद थे.

लेकिन ये समझने के लिए कि वायरल वीडियो में क्या दिखाया जा रहा है, हमने कुछ फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें कई छोटे वीडियोज़ मिलें जिनमें विश्वास कुमार रमेश जैसा दिखने वाला एक व्यक्ति एक से ज़्यादा बार दुर्घटनास्थल की तरफ जाता और बाहर निकलता है. ऑल्ट न्यूज़ ने साइट पर मौजूद लोगों द्वारा बनाए गए ऐसे कई वीडियोज़ देखे और घटनाओं की सीरिज को एक साथ जोड़ने की कोशिश की.

हमारी रिसर्च में पाया गया कि रमेश पहली बार दुर्घटनास्थल से बाहर निकले जब आसपास बहुत कम लोग थे फिर उन्होंने अपने भाई (जो उसी फ्लाइट में मौजूद था) की तलाश के लिए वापस जाने की कोशिश की. कांस्पीरेसी थ्योरीज के साथ शेयर किए गए नए वायरल वीडियो में उन्हें पहली बार दुर्घटनास्थल पर जाते हुए देखा जा सकता है. उन्होंने दूसरी बार भी इसमें जाने की कोशिश की जब साइट पर और भी लोग थे जिन्होंने उसे इशारा किया और वापस बुलाया. इस बार जब वो साइट से बाहर निकलें तो इन लोगों ने उसे एम्बुलेंस तक पहुंचाया. उनके निकलने और एम्बुलेंस में ले जाने का एक वीडियो वही था जो न्यूज़ आउटलेट्स ने शेयर किया था.

हम यहां तक कैसे पहुंचे इसका विवरण आगे दिया गया है:

हमें 12 जून को यूज़र @ravibarthuniya की एक इंस्टाग्राम रील मिली जिसमें सफेद टी-शर्ट पहने एक व्यक्ति को दुर्घटनास्थल के सामने सड़क पार करके परिसर में घुसते हुए दिखाया गया है. वो भी लंगड़ा रहा था और उसके कपड़े साइट से निकलते समय विश्वास कुमार रमेश के विवरण और विजुअल्स से मेल खाते थे.

 

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हमने वायरल वीडियो और इस रील के विजुअल्स की तुलना की और पाया कि वे एक जैसे थे. आगे, इन दोनों क्लिप्स के स्क्रीनशॉट्स की तुलना दी गई है.

यानी, वायरल क्लिप में विश्वास कुमार रमेश को दुर्घटनास्थल में घुसते हुए दिखाया गया है. हमने ये भी देखा कि वो जिस परिसर की दीवार में दाखिल हुए, उसके पास एक स्कूटर खड़ा था और आसपास  कुछ ही लोग थे.

हालांकि, जब इस रील की तुलना न्यूज़ आउटलेट्स द्वारा शेयर किए गए वीडियो से की जाती है (जिसमें उसे साइट से निकलते हुए और एम्बुलेंस की ओर जाते हुए दिखाया गया है) तो कुछ चीजें अलग दिखती हैं.

उदाहरण के लिए, पहली तुलना तस्वीर में दीवार के सामने दिख रहा स्कूटर नहीं था. इसके अलावा, मौके पर और भी लोग मौजूद थे. इससे पता चलता है कि दोनों वीडियो के बीच कुछ समय बीत गया था और क्लिप बाद में ली गई थी.

हमें इंस्टाग्राम पर रमेश का अपने फ़ोन का इस्तेमाल करते हुए और दुर्घटनास्थल की तरफ जाते हुए एक और वीडियो भी मिला. हालांकि, ये उनके एंट्री वाले पिछले वीडियो से अलग है.

 

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हमने ये भी देखा कि स्कूटर हटा दिया गया था और, पिछले उदाहरण के उलट, कुत्ता वहां मौजूद नहीं है. और साथ ही लोग भी ज़्यादा हैं. हमने ऐसे कई वीडियोज़ देखे जिससे पता चला कि वो दुर्घटनास्थल पर एक बार नहीं, बल्कि दो बार दाखिल हुए थे.

दूसरी घटना में अंदर जाने के बाद साइट पर मौजूद लोग विश्वास को बुलाते हैं. जब वो बाहर आता है तो गुलाबी शर्ट और नीली पगड़ी में एक आदमी दिखाई देता है. न्यूज़ आउटलेट्स द्वारा शेयर किए गए वीडियो के आधार पर, हम जानते हैं कि ये वही व्यक्ति है जो रमेश को एम्बुलेंस तक ले जाता है.

18 जून को इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई बीबीसी इंडिया की एक वीडियो रिपोर्ट में पगड़ी वाले व्यक्ति की पहचान सतिंदर सिंह संधू के रूप में की गई है. संधू, जो एम्बुलेंस के बेड़े की देखरेख करते हैं, दुर्घटना स्थल पर पहले एमरजेंसी रेस्पोंडर थे.

 

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फिर हमने संधू से कॉन्टेक्ट किया. उन्होंने हमें बताया कि जब वो मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने रमेश को परिसर में वापस जाते देखा. उन्होंने हमें बताया, “मैं अभी-अभी एक पीड़ित को एम्बुलेंस में ले जा रहा था. तभी मैंने उसे (रमेश) गेट के पास देखा. वो अंदर गया और फिर बाहर आया जिसके बाद मैं एम्बुलेंस में ले गया.”

संधू ने BBC को बताया कि बचाव के बाद भी रमेश “दुर्घटना स्थल पर वापस जाने की कोशिश करता रहा.”

उन्होंने मीडिया को बताया, “उसे पता नहीं था कि वो क्या कर रहा है. वो परिसर के अंदर और बाहर जाता रहा. हमने उसे रुकने के लिए कहा, और उसे खींचकर एम्बुलेंस तक ले गए ताकि उसे मेडिकल देखभाल मिल सके… तभी उसने मुझसे कहा कि उसका रिश्तेदार अंदर फंसा हुआ है और वो उसे बचाने जाना चाहता है. उसके बाद हमने एक शब्द भी नहीं बोला.” उस समय, संधू को इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि वो व्यक्ति विमान दुर्घटना में जीवित बचा एकमात्र व्यक्ति था. उन्होंने न्यूज़ आउटलेट्स PTI, NDTV और यूके स्थित डेलीमेल को यही बताया. 

यानी, विश्वास कुमार रमेश दुर्घटनास्थल से बाहर निकले और अपने भाई की तलाश के लिए कम से कम दो बार जलते हुए मलबे के पास जाने की कोशिश की. सोशल मीडिया पर अलग-अलग ऐंगल्स से और अलग-अलग समय पर छोटे-छोटे फ़ुटेज से घटनाओं की सीरिज के बारे में भ्रम पैदा हो गया है. ऑल्ट न्यूज़ को वो फ़ुटेज नहीं मिल सका जिसमें उसे पहली बार दुर्घटनास्थल से दूर जाते हुए दिखाया गया हो. लेकिन हम ये वेरिफ़ाई करने में सक्षम थे कि अब वायरल हो रहे वीडियो में वो पहली बार फिर से जाने की कोशिश कर रहे हैं, शायद अपने भाई की तलाश करने और उसे बचाने के लिए.

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