एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें कुछ बच्चे मंच पर दिख रहे हैं. 30 सेकेंड के वीडियो में साड़ी पहने एक लड़की के सिर से एक लड़का मुकुट हटा देता है. और वहीं पास में खड़ी एक लड़की सफेद रंग का कपड़ा उसके सिर पर डाल देती है. इसके बाद लड़की समेत सभी बच्चे नमाज़ पढ़ने लगते हैं. ये वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि लखनऊ के एक स्कूल में भारत माता के सिर से मुकुट हटाकर नमाज़ पढ़ाई जा रही है.

सुदर्शन न्यूज़ ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “भारत माँ के सिर से मुकुट हटाकर पहना दिया हिजाब”. (आर्काइव लिंक)

भाजपा कार्यकर्ता अभिजात मिश्रा ने वीडियो ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से घटना का संज्ञान लेने का अनुरोध किया. (आर्काइव लिंक)

पत्रकार हेमेंद्र त्रिपाठी ने वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि लखनऊ के मालवीय नगर के एक स्कूल में भारत माता का मुकुट हटाकर उन्हें हिजाब पहनाकर नमाज़ पढ़ाई गई. साथ ही उन्होंने इसे 15 अगस्त के दिन भारत माता के साथ भद्दा मज़ाक बताया. (आर्काइव लिंक)

सुदर्शन न्यूज़ से जुड़े जीतेन्द्र प्रताप सिंह ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)

इसे राइट विंग प्रॉपगेंडा वेबसाइट क्रियेटली मीडिया, भाजपा समर्थक उपेन्द्र दीक्षित, इत्यादि ने भी इसे इसी दावे के साथ शेयर किया. ये वीडियो फ़ेसबुक और ट्विटर पर वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

वीडियो से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करते के लिए हमने लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट का ट्विटर अकाउंट खंगाला क्यूंकि कई लोगों ने शेयर करते हुए इसे लखनऊ की घटना बताया है. हमें वायरल वीडियो के संबंध में लखनऊ पुलिस का बयान मिला. इसमें लिखा है, “सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो प्राप्त हुआ है, जिसमें एक लड़की के सर से भारत माता का मुकुट हटाकर नमाज़ पढ़ना बताया गया है. उस वीडियो की जाँच की गई तो पाया गया कि उक्त वीडियो शिशु भारतीय विद्यालय, मालवीय नगर थाना बाज़ार खाला का है. इस संबंध में स्कूल प्रबन्धक से वार्ता कर सम्पूर्ण वीडियो देखा गया तो यह तथ्य पाया गया कि स्कूल के बच्चों द्वारा एक नाटक का मंचन किया गया था, जिसमें बच्चों द्वारा धर्म के नाम पर झगड़ा फ़साद ना करने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने का संदेश दिया गया है. ट्वीटकर्ता द्वारा आधे-अधूरे हिस्से को ट्वीट करके भ्रम फैलाने का कार्य किया गया है, जिनके विरुद्ध अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है.”

लखनऊ पुलिस ने वायरल वीडियो का बड़ा हिस्सा भी ट्वीट किया है. इस वीडियो में साफ नज़र आ रहा है कि स्कूल के बच्चे हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई, चारों धर्मों की अलग-अलग पद्धति से भारत मां की पूजा का मंचन कर रहे थे. मतलब इस वीडियो को काट-छांट कर सांप्रदायिक ऐंगल के साथ शेयर किया गया.

इस मामले पर ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के पत्रकार अरविन्द चौहान ने शिशु भारती विद्यालय की टीचर प्रगति का बयान ट्वीट किया है. इसी टीचर ने ये नाटक कोरियोग्राफ़ किया था. इस वीडियो में उन्होंने काट-छांट कर चलाए जा रहे वीडियो के साथ वायरल दावे का खंडन किया. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने चारों धर्मों को मिलाकर नाटक का मंचन करवाया था. इस मुद्दे पर DCP वेस्ट, लखनऊ ने भी बयान देकर वायरल दावे का खंडन किया और कहा कि ट्वीट करने वालों ने वीडियो के आधे-अधूरे हिस्से को शेयर कर भ्रम फैलाने का कार्य किया गया है.

इस मुद्दे पर हमें स्कूल की टीचर प्रगति निगम से बात की. उन्होंने हमें बताया कि नाटक में चारों धर्म, हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई का भाग है. उन्होंने हमें पूरे नाटक का दो हिस्सा भेजा. साथ ही उन्होंने हमें वो वीडियो भी भेजा जिसका नकल स्कूल के बच्चों ने अपने नाटक में किया. इस नाटक में दर्शाया गया है कि कैसे धार्मिक झगड़ों की वजह से अंग्रेजों ने देश पर शासन किया. लेकिन महात्मा गांधी ने सभी धर्मों को साथ लाया और भारत मां पर हो रहे अंग्रेज़ो के अत्याचार से उन्हें बचाया. इसके बाद अंग्रेज़ों से भारत को आज़ादी मिली.

स्कूल में छात्रों द्वारा किये गए नाटक का ये वीडियो हमें 2 हिस्सों में भेजा गया था. हमने इसे आपकी सुविधा के लिए जोड़ दिया है.

नीचे दिए गए वीडियो का नकल स्कूल के बच्चों ने नाटक में किया था.

कुल मिलाकर, सुदर्शन न्यूज़ समेत कई पत्रकार, नेताओं और सोशल मीडिया यूज़र्स ने स्कूल में छोटे बच्चों द्वारा सामाजिक सौहार्द बनाने के नाटक को काटकर सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).