सोशल मीडिया में एक वीडियो इस दावे से वायरल है कि उत्तर प्रदेश में एक दलित व्यक्ति को मुस्लिम लोगों ने बड़ी बेरहमी से मारा। इस व्यक्ति को मस्जिद में दाखिल होने पर मारा गया है। एक ट्विटर उपयोगकर्ता @shailen_pratap ने इस वीडियो को संदेश के साथ साझा किया है, “उत्तर प्रदेश में एक दलित को मस्जिद के अंदर खींच कर ले गए और मार-मार कर अधमरा कर दिया। #MobLynching”

@shailen_pratap को केंद्रीय मंत्री अमित शाह और रेलवे मंत्री पियूष गोयल का कार्यालय जैसे भाजपा के बड़े नेता ट्विटर पर फॉलो करते है। इन्हें दिल्ली के भाजपा प्रदेश प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा भी फॉलो करते हैं। इनके ट्वीट को करीब 2,000 बार रीट्वीट और वीडियो को 16,000 से ज्यादा बार देखा जा चूका है। उनके ट्वीट को पत्रकार अभिजीत अय्यर मित्रा ने एक संदेश के साथ साझा किया है।

@ shailen_pratap के ट्वीट को @RituRathaur ने एक संदेश, “भीड़ ने एक दलित हिन्दू को मस्जिद में ले जाकर लगभग उसे मौत के घाट उतार दिया“-(अनुवाद) के साथ ट्वीट किया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और पियूष गोयल का कार्यालयय जैसे भाजपा के कई बड़े नेता उन्हें फॉलो करते हैं।

यह वीडियो फेसबुक और व्हाट्सअप पर भी प्रसारित है।

तथ्य जांच

कीवर्ड्स सर्च से ऑल्ट न्यूज़ को दैनिक भास्कर, पंजाब केसरी और पत्रिका द्वारा प्रकाशित लेख मिले, जिसमें लिखा गया था कि इस व्यक्ति को मोबाइल फ़ोन चोरी करने की वजह से मारा गया है। यह घटना यूपी के हापुड़ जिले में हुई थी। दैनिक भास्कर के अनुसार, जब वह नमाज़ पढ़ने गया तब उसे बंधक बनाकर करीब एक घंटे तक मारा गया। उसके भाई अख़लाक़ द्वारा इसकी शिकायत भी दर्ज करवाई गई थी।

अगर कोई ध्यानपूर्वक इस वीडियो को सुनता है तो 17 सेकंड पर किसी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि,“दो मोबाइल निकाल लिया था”

हापुड़ पुलिस ने ट्वीट किया था कि घटना 29 मई को हुई थी और हापुड़ नगर पुलिस स्टेशन में उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था जो लोग उस आदमी को मार रहे थे। पुलिस के बयान के मुताबिक,“उक्त प्रकरण 29 मई 2019 का है, जिसमें पीड़ित के भाई द्वारा दिनाँक: 02.06.2019 को दी गयी तहरीर के आधार पर थाना हापुड़ नगर पर एनसीआर संख्या: 278/19 धारा: 323/504 भादवि पंजीकृत कर 03 अभियुक्तों का धारा 151 Crpc में चालान किया गया। अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है”

ऑल्ट न्यूज़ ने हापुड़ पुलिस स्टेशन से संपर्क किया, SHO ने हमें बताया कि पीड़ित और अपराधी दोनों एक ही समुदाय के थे। SHO महावीर सिंह ने ऑल्ट न्यूज़ से कहा, “उसे मोबाइलफ़ोन की चोरी के शक में मारा गया था। तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है”-(अनुवाद)।

निष्कर्ष के तौर पर, मुस्लिम लोगों की भीड़ ने मस्जिद के अंदर एक व्यक्ति को बेरहमी से मारा। हालांकि, यह दावा कि पीड़ित दलित था और उसे मस्जिद में दाखिल होने को लेकर मारा गया, यह गलत है। जैसा कि पुलिस द्वारा स्पष्ट किया गया है कि पीड़ित और अपराधी दोनों एक ही समुदाय के हैं और पीड़ित को मोबाइल चोरी के संदेह पर पीटा गया था।

हाल ही में, कई घटनाओं को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावे के साथ साझा किया गया है। जयपुर में एक मस्जिद पर पथराव करने की घटना को, हरियाणा में मंदिर पर मुस्लिमों द्वारा हमले के रूप में गलत तरीके से साझा किया गया। यूपी में यौन उत्पीड़न के एक वीडियो में मुस्लिम सदस्यों द्वारा छेड़छाड़ करने के झूठे दावे से साझा किया गया। मध्य प्रदेश की एक आदिवासी महिला के साथ हुई मारपीट की घटना को सोशल मीडिया पर कई झूठे, सांप्रदायिक दावो के साथ साझा किया गया।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.