दिल्ली विस्फ़ोट के कुछ दिनों बाद, आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कुछ तस्वीरें शेयर कीं. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल में भर्ती एक मरीज के बगल में खड़े हैं. तस्वीर शेयर करते हुए, उन्होंने सुझाव दिया कि तस्वीरें फ़र्ज़ी थीं और मरीज की चोटें बनावटी थीं. (आर्काइव)

10 नवंबर की शाम को दिल्ली में लाल किले के पास कार में विस्फ़ोट होने के बाद घायलों को LNJP अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में कई राजनीतिक हस्तियों ने वहां का दौरा किया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विस्फ़ोट स्थल का दौरा किया और विस्फ़ोट के कुछ ही घंटों बाद LNJP में ज़िंदा बचे लोगों से मुलाकात की. उनके बाद दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता भी आईं. बुधवार, 12 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय भूटान यात्रा से नई दिल्ली वापस आने के बाद अस्पताल गए और ज़िंदा बचे पीड़ितों से मुलाकात की.

अपने X पोस्ट के कैप्शन में, सौरभ भारद्वाज ने सीएम और पीएम की एक ही पीड़ित से मुलाकात की तस्वीरों में साफ विसंगतियों की ओर इशारा किया. उन्होंने दावा किया कि जब पीएम उनसे मिले तो मरीज के पास “नए कपड़े” और “नया प्लास्टर” था.

पोस्ट को 1 मिलियन से ज़्यादा बार देखा गया.

कुछ अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी ऐसे ही दावे किए हैं. उनमें से कुछ नीचे गैलरी में देखे जा सकते हैं:

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फ़ैक्ट-चेक

हमने घायल बचे लोगों से मिलने के लिए LNJP अस्पताल में राजनीतिक नेताओं के दौरे के सभी मौजूद वीडियो फ़ुटेज का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया. हमने उनमें से इस पीड़ित का पता लगाया.

रात करीब 9 बजकर 24 मिनट पर अमित शाह ने ब्लास्ट में बचे लोगों से मुलाकात की. उनके दौरे के फ़ुटेज में हम मरीज़ को सफ़ेद इनर बनियान, जींस और दाहिने पैर में जूता पहने हुए देख सकते हैं. उसके बाएं पैर को एक सुरक्षात्मक प्लास्टिक से ढकी पट्टी में लपेटा गया है, और उनकी बाईं बांह पर मलहम लगाया हुआ दिखता है, जो शुरूआती प्राथमिक चिकित्सा देखभाल का संकेत देता है.

बाद में उस रात, लगभग 11 बजकर10 मिनट पर, रेखा गुप्ता अस्पताल गईं. इस बातचीत के वीडियो में वही मरीज़ अब मरीज़ का लबादा पहने हुए है. जबकि वो अपने दाहिने पैर में जूता पहने हुए है, उसके बाएं पैर के टखने पर एक पट्टी दिखाई दे रही है, उसकी एड़ी पर खून के धब्बे हैं. उसकी दाहिनी बांह पर एक इंट्रावेनस चैनल दिखाई दे रहा है, जिससे पता चलता है कि मरीज का इलाज चल रहा था.

11 नवंबर को चांदनी चौक से बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भी LNJP अस्पताल का दौरा किया और मरीजों से मुलाकात की. NDTV द्वारा शेयर की गई तस्वीरों से पता चलता है कि मरीज को बिस्तर नंबर 3 पर ले जाया गया है. यहां, वो मरीज का लबादा पहने हुए, बाएं हाथ पर प्लास्टर लगाए हुए और चेहरे के कुछ हिस्सों पर मलहम लगाए हुए दिखाई दे रहा है.

अगले दिन 12 नवंबर को जब नरेंद्र मोदी LNJP अस्पताल गए तो उनकी मुलाकात भी उस मरीज से हुई. इस वक्त उसने मरीज़ का गाउन पहन रखा था. उसके बाएं हाथ पर प्लास्टर लगा हुआ था और उनके बाएं पैर में टखने के ऊपर पट्टी बंधी हुई थी. उसके चेहरे के बायीं तरफ भी चोट के निशान दिख रहे थे.

हमारी जांच के दौरान, हमें सोशल मीडिया पर कुछ यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया एक ‘ट्रीटमेंट समरी’ मिला. ये साफ तौर पर LNJP अस्पताल द्वारा मोहम्मद शाहनवाज के लिए जारी किया गया है. मोहम्मद शाहनवाज को 10 नवंबर, 2025 को शाम 7.30 बजे दिल्ली बम विस्फ़ोट में घायल जिंदा व्यक्ति के रूप में भर्ती कराया गया था. मरीज की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए हम यहां डॉक्यूमेंट अटैच नहीं कर रहे हैं. 

इसे ध्यान में रखते हुए, ऑल्ट न्यूज़ ने मोहम्मद शाहनबाज़ से संपर्क किया. जिन्होंने पुष्टि की कि तस्वीरों में दिख रहे व्यक्ति वही हैं. 38 साल के कैब ड्राइवर मोहम्मद शाहनबाज़ ने हमें बताया कि वो अपनी टैक्सी में उस कार से लगभग 10 मीटर की दूरी पर थे जिसमें विस्फ़ोट हुआ था. उन्होंने कहा, विस्फ़ोट का प्रभाव इतना शक्तिशाली था कि वह कई फ़ीट दूर जा गिरे और उनके वाहन में आग लग गई. 

“बहुत बड़ा विस्फोट हुआ. इसका प्रभाव इतना जोरदार था कि मैं अपनी कार से लगभग 7 फीट दूर जा गिरा. मेरी कार में आग लग गई. मेरी शर्ट जल गई. मेरा चेहरा झुलस गया और जल गया. मेरे शरीर में कांच के टुकड़े धंसे हुए थे. मेरे कान लगभग 15 मिनट तक सुन्न हो गए. मैंने इतना जहरीला धुंआ निगल लिया था कि मुझे उल्टी होने लगी. कुछ स्थानीय लोगों ने मुझे दूर खींच लिया, मुझे पानी दिया. क्योंकि मेरा बहुत खून बह रहा था, जब एम्बुलेंस पहुंची तो उन्होंने मुझे अंदर ले जाने में मदद की. इस तरह मैं LNJP अस्पताल पहुंचा.”

शाहनबाज़ ने ज़िक्र किया कि जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था तब जिंदा बचे लोगों की संख्या अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों से ज़्यादा थी. उन्होंने कहा, “वे एक-एक करके हर मरीज की जांच कर रहे थे, इसलिए समय लगा. लेकिन सभी को प्राथमिक उपचार मिला.” उन्होंने अपने साथ हुए इलाज का भी ज़िक्र किया. “मेरे बाएं पैर पर पट्टी बंधी हुई थी, और मेरे बाएं हाथ में जले हुए छाले हो गए थे, इसलिए डॉक्टरों ने मरहम लगाया. लेकिन बाद में मेरे पैर से अभी भी खून बह रहा था, इसलिए चोट का आकलन करने के लिए पट्टी हटा दी गई. पता चला कि एक धातु का टुकड़ा मेरे पैर में घुस गया था. इसे निकाला गया, और घाव पर फिर से पट्टी लगाई गई.”

शाहनबाज़ के मुताबिक़, अमित शाह ज़िंदा बचे लोगों से अस्पताल पहुंचने के तुरंत बाद मिलने वाले पहले वरिष्ठ नेताओं में से थे. उन्होंने कहा, “अमित शाह हमसे मिलने आने वाले पहले व्यक्ति थे. बाद में उस रात सीएम हमसे मिलने आए. इसके बाद मेरे हाथ पर पट्टी बांधी गई.”

उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका एक्स-रे हुआ, जिसके बाद उन्हें बेड नंबर 3 पर ट्रांसफ़र कर दिया गया. 

उन्होंने कहा, “मेरा हाथ बुरी तरह जल गया है और अभी भी पट्टी बंधी हुई है. हमारे अस्पताल के कपड़े रोजाना बदले जाते हैं.” 

शाहनबाज़ ने इन आरोपों से साफ तौर पर इनकार किया कि उनके प्लास्टर या पट्टियां किसी प्रचार स्टंट के हिस्से के रूप में बनाई गई थीं.

शाहनबाज़ ने अपने और अपने परिवार के भविष्य के बारे में भी गहरी चिंता व्यक्त की. वो जो कार चलाते थे वो उसकी आजीविका का एकमात्र स्रोत थी, जो विस्फोट में नष्ट हो गई. उन्होंने पूछा, “मेरी कार पूरी तरह से नष्ट हो गई है. ये मेरी आय का एकमात्र स्रोत थी. मैं इस नुकसान से कैसे उबरूंगा? और इस तबाही की ज़िम्मेदारी कौन लेगा?” 

कुल मिलाकर, आप नेता सौरभ भारद्वाज द्वारा शेयर की गई तस्वीरों में दिख रहे दिल्ली विस्फ़ोट के बचे व्यक्ति ने ऑल्ट न्यूज़ से पुष्टि की कि LNJP अस्पताल में दिल्ली के सीएम और प्रधानमंत्री मोदी सहित राजनीतिक नेताओं की उनसे मुलाकात की तस्वीरें फ़र्ज़ी नहीं थीं. हमारे द्वारा विश्लेषण किए गए मौजूद वीडियो फ़ुटेज उसकी गवाही से मेल खाते हैं और इनमें कोई विसंगतियां नहीं हैं.

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