बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में 5-6 दिसंबर को हुई हिंसा के दौरान घायल हुए छात्रों के समर्थन में JNU कैंपस पहुंची थी। पादुकोण का JNU पहुंचना कुछ लोगों को इतना व्यथित कर दिया कि उन्होंने कल रात से ट्विटर पर #BoycottChhapaak को ट्रेंड करवाना शुरू कर दिया। ‘छपाक’ पादुकोण की आगामी फिल्म है, जो कि 2005 में लक्ष्मी अग्रवाल पर 32 वर्षीय नईम खान द्वारा किये गए एसिड अटैक की घटना से प्रेरित है।

इसके अंत में, मीडिया के एक हिस्से ने भी यह दावा किया कि फिल्म में नईम खान को ‘राजेश’ के रूप में दिखाया गया है।

IMDB के लिंक के आधार पर, स्क्रीन पर एक कास्ट सदस्य को ‘राजेश’ के रूप में दर्शाया गया है, स्वराज्य ने इसपर एक लेख प्रकाशित किया, “दीपिका की फिल्म में आरोपी का नाम ‘राजेश’ बताया गया है।” (अनुवाद)

[अपडेट: News18 ने 8 जनवरी को एक लेख प्रकाशित किया था, जिसका शीर्षक था, ”दीपिका पादुकोण का छपाक ट्विटर पर तेजाब फेंकने वाले का नाम ‘बदलने’ के कारण ट्रेंड कर रही।”– (अनुवाद)

इंडिया टीवी और द क्विंट ने IANS की खबर को फिर से प्रकाशित किया है, वहीं जनसत्ता ने इसपर एक स्वतंत्र रिपोर्ट प्रकाशित की है।

इंडिया टीवी के एंकर सुशांत सिन्हा ने भी दीपिका पादुकोण के JNU जाने पर एक प्रसारण में यही दावा किया। प्रसारण की शुरुआत करते में उन्होंने कहा, “आज सोशल मीडिया पर दीपिका जबरदस्त ट्रेंड कर रही है, पर उनके साथ एक और नाम ज़बरदस्त ट्रेंड कर रहा है ट्विटर पर और वो नाम है नदीम खान का। ये वही नदीम खान है जिसने लक्ष्मी अग्रवाल पर एसिड फेंका था, जिसपर दीपिका की फिल्म छपाक बनी है। और इसका नाम फिल्म में बदलकर राजेश कर दिया गया है।” 

News18 ने 9 जनवरी को अधिवक्ता ईशकरन सिंह भंडारी के ट्वीट के आधार पर इस कहानी में एक नया मोड़ दिया। मीडिया संगठन ने दावा किया “विरोध के बाद दीपिका पादुकोण ने सुधारी ये गलती! रातों-रात ‘छपाक’ में बदलाव का दावा”

ओपइंडिया की नूपुर शर्मा ने ट्वीट किया कि, “अगर धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है “राजेश” को “नदीम” में बदलना होता है तो यह बहुत भयानक है।” (अनुवाद)

Latestly और न्यूज़नेशन ने भी ऐसी समान रिपोर्ट प्रकाशित की।

भाजपा समर्थकों के भी किया समान दावा

भाजपा हरियाणा आईटी सेल के प्रभारी अरुण यादव ने अग्रवाल की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “ये लक्ष्मी अग्रवाल हैं,इन्हीं के ऊपर बनी है फ़िल्म छपाक। लक्ष्मी के ऊपर सन 2005 में दिल्ली के खान मार्केट में नदीम खान नाम के एक लड़के ने ऐसिड फेंका था।हमारे बॉलीवुड ने सेक्युलर फ़ैब्रिक इंटैक्ट रखने के उद्देश्य से फ़िल्म में नदीम का नाम राजेश रख दिया है.. #NameItLikeBollywood.”

जम्मू कश्मीर भाजपा की युवा शाखा BJYM के राष्ट्रिय मीडिया प्रभारी रोहित चहल ने भी समान दावा साझा किया है – “जिस लक्ष्मी अग्रवाल पर दीपिका की फिल्म बनी है, असल ज़िंदगी में उसपर एसिड फेंकने वाले का नाम नदीम खान था। लेकिन दीपिका की फ़िल्म में एसिड फेंकने वाले का नाम राजेश रख दिया गया है। रशीद, रईस या रहमान जैसा कुछ क्यों नहीं?? #ShameOnBollywood”

वकील ईशकरन सिंह भंडारी ने ट्वीट किया, “अगर अन्य नामों का उपयोग किया गया , उसमें भी अगर अलग धर्म के नाम , तो लीगल नोटिस भेजा जायेगा।” (अनुवाद)

भदरी के ट्वीट का जिक्र करते हुए, भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा, “… अगर उन्होंने वास्तविक जीवन में मुस्लिम आरोपी का नाम बदलकर हिन्दू रख दिया है। तो यह मानहानि है।” (अनुवाद)

झूठा दावा

ऑल्ट न्यूज़ ने पत्रकार अभिनंदन शेखरी से सम्पर्क किया, जिन्होंने दिल्ली में ‘छपाक’ के स्क्रीनिंग में हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया, “मैंने फिल्म का स्पेशल स्क्रीनिंग देखा था, जिसे एसिड अटैक की पीड़िताओं के लिए आयोजित किया गया था। सोशल मीडिया में चल रहा दावा कि अपराधी को हिन्दू समुदाय का दिखाया गया है, गलत है। जिस व्यक्ति को दोषी ठहराया गया है, उसे मुस्लिम समुदाय का दिखाया गया है और उनके एक रिश्तेदार को भी बुर्के में देखा जा सकता है।”

शेखरी ने ट्विटर पर स्वराज्य की रिपोर्ट को गलत बताया है।

PTI की पत्रकार राधिका शर्मा की रिपोर्ट के अनुसार, “मेघना गुलज़ार द्वारा निर्देशित फिल्म में कोई भी नदीम या नईम खान का उल्लेख नहीं है। इसके अलावा, राजेश , मालती के बॉयफ्रेंड का नाम है।” (अनुवाद)

शर्मा ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि, “स्क्रीनिंग का आयोजन NCW ने किया था। एसिड हमले के लिए दोषी पाए गए व्यक्ति को फिल्म में बशीर खान उर्फ ​​बब्बू के रूप में बताया गया है। जबकि राजेश एसिड अटैक पीड़ित मालती के प्रेमी का नाम है।” पत्रकार राधिका शर्मा, PTI के लिए फिल्म स्क्रीनिंग को कवर करती है।

टाइम्स नाउ के प्रसारण ने भी इस दावे को ख़ारिज किया था।

एक संगठित प्रयास

प्रशांत पटेल उमराव, शेफाली वैद्य, लेखक रवि राय, अनुज बाजपेयी और @Nationalist_Om ने यह दावा किया कि ‘छपाक’ में लक्ष्मी अग्रवाल के अपराधी को मुस्लिम समुदाय का नहीं बताकर हिन्दू नाम दिया गया है।

सोनम महाजन ने ट्वीट किया कि, “अगर गुनाह का कोई धर्म नहीं होता है, तो क्यों बॉलीवुड ने बायोपिक में अपराधी के धर्म को बदलने की कोशिश की?” (अनुवाद) उनकी ट्वीट को अब तक करीब 11000 बार रिट्वीट किया जा चूका है। महाजन इस झूठे दावे को साझा करने वालों में सबसे शुरुआती लोगों में शामिल है।

‘फिल्म आलोचक’ के रूप में अपनी पहचान देने वाले रोहित जैसवाल ने सवाल उठाया कि, “अगर एसिड अटैक अपराधी का नाम नईम खान है तो उसे फिल्म में बदलने की ज़रूरत नहीं थी…यह राजेश क्या है?” (अनुवाद)

अपने आप को ‘पूर्व पत्रकार’ बताने वाली एक उपयोगकर्ता मोनिका (@TrulyMonica) ने भी ट्वीटर पर इस झूठे दावे को साझा किया है।

विकास पांडेय (@MODIfiedvikas) ने ट्वीट किया, “मुझे पता था” और दावा किया कि अपराधी के नाम को राजेश से बदला गया है। उन्होंने बाद में अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था।

यह ध्यानदेने लायक है कि स्वराज्य ने अपने लेख को अपडेट किया और गलत जानकारी को सही किया। इसके अतिरिक्त, अपनी ट्वीट पर स्पष्टीकरण देते हुए लिखा, “लक्ष्मी के केस में मुख्य आरोपी का नाम नईम खान है मगर उनके नाम को दीपिका की फिल्म में “राजेश” के रूप में बताने की बात कही जा रही है।” (अनुवाद)

यह ध्यान देने लायक है कि फ्री प्रेस जर्नल ने भी इस भ्रामक खबर को इस विवादास्पद शीर्षक के साथ प्रकाशित किया, “#NameItLikeBollywood ने ट्रेंड किया जब दीपिका की ‘छपाक’ ने अपराधी के नाम को नईम खान से राजेश में बदल दिया।” (अनुवाद) लेख के निष्कर्ष में इस गलत जानकारी के बारे में लिखा गया है।

‘छपाक’ 10 जनवरी, 2020 को रिलीज़ होने जा रही है और यह दावा कि लक्ष्मी अग्रवाल पर एसिड फेंकने वाले मुस्लिम व्यक्ति की पहचान फिल्म में एक हिन्दू के रूप में की गयी है, गलत है।

[अपडेट: इस लेख में मीडिया संगठन News18, द क्विंट, जनसत्ता, इंडिया टीवी के रिपोर्ट को बाद में शामिल किया गया है।]
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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.