दिल्ली के लाल किले के पास एक कार विस्फ़ोट में 13 लोगों की जान जाने के एक दिन बाद, प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (PTI) ने रिपोर्ट किया कि अपराधियों का पता लगाने के लिए चल रही जांच के बीच फ़रीदाबाद के सेक्टर 56 इलाके में एक घर से विस्फ़ोटकों का एक जखीरा ज़ब्त किया गया था. (आर्काइव)

राष्ट्रीय राजधानी में विस्फ़ोट के बाद पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UPA) की धारा 16 और 18 और विस्फ़ोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत आरोप दर्ज़ किए. गृह मंत्रालय ने 11 नवंबर को इस हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी. अगले दिन, सरकार ने आधिकारिक तौर पर विस्फ़ोट को ‘आतंकवादी घटना‘ करार दिया.

PTI की X पोस्ट के बाद, न्यूज़18 ने भी एक वीडियो रिपोर्ट पब्लिश की कि पुलिस ने 50-60 किलोग्राम विस्फ़ोटक बरामद किया, और अपराध शाखा ने हरियाणा में फ़रीदाबाद के सेक्टर 56 से दो लोगों को गिरफ़्तार किया. वीडियो में एक पुलिस अधिकारी को पैकेजों की जांच करते हुए फ़ुटेज भी दिखाया गया है. (आर्काइव)

मिंट, टाइम्स नाउ, TV9 भारतवर्ष, द डेली जागरण, फ्री प्रेस जर्नल, फ़ाइनेंशियल एक्सप्रेस, DNA इंडिया, MSN और पंजाब केसरी जैसे कई न्यूज़ आउटलेट्स ने भी इस बारे में रिपोर्ट्स पब्लिश की और कहा कि फ़रीदाबाद के सेक्टर 56 से 50-60 किलोग्राम विस्फ़ोटक बरामद किए गए थे.

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पुलिस ने क्या कहा

PTI की X पोस्ट के उसी दिन, फ़रीदाबाद पुलिस के ऑफ़िशियल हैंडल ने स्पष्ट किया कि 50-60 किलोग्राम विस्फ़ोटक पाए जाने का दावा करने वाली रिपोर्ट झूठी हैं. उन्होंने कहा कि जो सामग्री मिली वो जश्न के मौके पर इस्तेमाल किए जाने वाले पटाखे हैं. पीपुल्स पुलिस-फ़रीदाबाद पुलिस (@FBDPolice) ने X पर लिखा, “मीडिया में एक भ्रामक ख़बर प्रचारित हो रही है कि से० 56 फरी० क्षेत्र में विस्फ़ोटक सामग्री मिली है. ये सामग्री शादी विवाह में चलने वाले पटाखे व उसका रॉ मैटेरियल है, इसका आतंकवादी गतिविधियों से कोई संबंध नहीं है। फरीदाबाद पुलिस इसका खंडन करती है, भ्रामक प्रचार ना करें.”

द फ़रीदाबाद लिंक

10 नवंबर को दिल्ली विस्फ़ोट से कुछ घंटे पहले, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादी समूहों जैश-ए-मोहम्मद (JEM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGH) से जुड़े “अंतर-राज्य और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी मॉड्यूल” का भंडाफोड़ करते हुए सात गिरफ्तारियां की थीं. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले 15 दिनों में 2,900 किलोग्राम इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बनाने की सामग्री भी ज़ब्त की है. फिलहाल, जांचकर्ता इस ‘आतंकवादी मॉड्यूल’ और दिल्ली विस्फ़ोट के बीच संभावित संबंधों की जांच कर रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए लोगों में दो डॉक्टर शामिल थे – पुलवामा के कोइल निवासी मुजम्मिल अहमद गनी जिसे मुसैब के नाम से भी जाना जाता है, और वानपोरा, कुलगाम का निवासी अदील. अन्य आरोपी आरिफ़ निसार डार, यासिर-उल-अशरफ़ और मकसूद अहमद डार हैं जो श्रीनगर के नौगाम के निवासी हैं; गांदरबल के ज़मीर अहमद अहंगर उर्फ ​​मुतलाशा; और शोपियां के एक मौलवी इरफ़ान अहमद. इसके अलावा, 11 नवंबर को शाहीन सईद नाम की एक महिला को भी गिरफ़्तार किया गया.

गनी, इस मामले में गिरफ़्तार होने वाले पहले व्यक्ति थे; वो फ़रीदाबाद के अल फ़लाह अस्पताल में पढ़ाता था और 12 दिन पहले जम्मू-कश्मीर और फ़रीदाबाद पुलिस के संयुक्त अभियान में उसे पकड़ लिया गया था. पुलिस ने कहा कि उन्होंने फरीदाबाद के धौज गांव में उसके किराए के घर से 358 किलोग्राम विस्फ़ोटक ज़ब्त किया है.

‘आतंकवादी मॉड्यूल’ के भंडाफोड़ का कनेक्शन फ़रीदाबाद से जुड़ा होने के कारण उस वक्त भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी जब फ़रीदाबाद के एक अन्य क्षेत्र से बड़ी मात्रा में आतिशबाजी बनाने के लिए जरूरी सामग्री बरामद की थी. हालांकि, फ़रीदाबाद पुलिस ने इस बात को ख़ारिज कर दिया था कि ये बरामदगी विस्फ़ोट या ‘आतंकवादी मॉड्यूल’ के भंडाफोड़ से संबंधित जांच से पूरी तरह स्वतंत्र थी.

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