2 जनवरी 2021 को ABP न्यूज़ ने एक दावा किया कि भारत पहले फ़ेज़ में 3 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन फ़्री में देने वाला है जबकि अमेरिका और इंग्लैंड वैक्सीन के लिए क्रमशः 5000 रुपये और 3000 रुपये चार्ज करेंगे. 2 जनवरी को फ़ेसबुक पर ABP न्यूज ने ये दावा पोस्ट किया था. डिलीट किये जाने से पहले तक इस पोस्ट को 1,400 बार शेयर किया गया था. (आर्काइव लिंक)

बस फिर क्या था, सोशल मीडिया पर भी ये दावा शेयर किया जाने लगा. कैबिनेट मिनिस्टर नन्द गोपाल गुप्ता ने भी ये दावा ट्वीट किया. (आर्काइव लिंक)

ट्विटर हैन्डल ‘@ThePushpendra_‘ ने भी ये दावा ट्वीट किया है जिसे आर्टिकल लिखे जाने तक 1,800 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया जा चुका है (आर्काइव लिंक). कई यूज़र्स ने फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये दावा शेयर किया है.

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फ़ैक्ट-चेक

इस आर्टिकल में हम बारी-बारी से भारत समेत अमेरिका और इंग्लैंड में कोरोना वैक्सीन के दामों के बारे में चर्चा करेंगे. अलग-अलग देश की सरकार ने वहां की सुविधानुसार इन दामों को तय किया है. किसी देश में निजीकरण कम है तो कहीं ज़्यादा. भारत में दो प्राइवेट कंपनीज़ ये वैक्सीन बना रही हैं. अमेरिका और इंग्लैंड की सरकार ने तय किया है कि वहां के नागरिकों को फ़्री में वैक्सीन दी जाएगी.

भारत

2 जनवरी 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया कि पहले फ़ेज़ में 1 करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और 2 करोड़ फ़्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन मुफ़्त में लगाई जाएगी. डॉ हर्षवर्धन के मुताबिक, प्राथमिकता सूची में शामिल बाकी के 27 करोड़ लोगों को जुलाई तक कैसे वैक्सीन देनी है, इसके बारे में फैसला लिया जा रहा है.

इसके अलावा, भारत के कई राज्य जैसे कि – बिहार, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, असम – मुफ़्त में कोरोना वैक्सीन देने का वादा कर चुके हैं.

भारत में वैक्सीन के दाम

भारत ने 2 कोरोना वैक्सीन्स को मंज़ूरी दी है जिसमें ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ शामिल हैं. बता दें कि ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का उत्पादन भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया कर रही है जिसे भारत में ‘कोविशील्ड’ के तौर पर जाना जाता है. NDTV से हुई बातचीत में सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला ने बताया, “ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन कोविशील्ड की शुरूआती 10 करोड़ खुराक भारत सरकार को 200 रुपये प्रति डोज़ के रेट से दी जाएगी.” रिपोर्ट के मुताबिक, भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की वैक्सीन का दाम अभी नहीं बताया गया है. अदर पूनावाला ने बताया कि प्राइवेट सेक्टर में कोविशील्ड का दाम 1000 रुपये प्रति डोज़ होगा.

यानी, अभी तक की ख़बर के अनुसार एक आम आदमी प्राइवेट हॉस्पिटल से कोविशील्ड लेने की सोचता है तो उसे 2 हज़ार रुपये देने पड़ेंगे. क्यूंकि वैक्सीन की कुल 2 डोज़ हैं.

अमेरिका

अमेरिकन सेंटर्स फ़ॉर डीज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेन्शन (CDC) के मुताबिक, अमेरिकी सरकार टैक्सपेयर के पैसों से वैक्सीन खरीद रही है और इस कारण अमेरिका के लोगों को मुफ़्त में कोरोना वैक्सीन दी जाएगी. वैक्सीन प्रोवाइडर्स, शॉट देने के लिए एडमिनिस्ट्रेशन फ़ीस चार्ज कर सकते हैं. वैक्सीन प्रोवाइडर्स ये चार्ज, मरीज़ के पब्लिक या प्राइवेट इन्श्योरेन्स कंपनी से वसूल कर सकते हैं. जबकि बगैर इन्श्योरेन्स के मरीज़ों के लिए ये चार्ज, हेल्थ रिसोर्सेज़ एंड सर्विसेज़ एडमिनिस्ट्रेशन के प्रोवाइडर रीलीफ़ फ़ंड से लिया जाएगा.

अमेरिका में वैक्सीन के दाम (जिन दामों से अमेरिकी सरकार वैक्सीन खरीदेगी)

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार 39 डॉलर प्रति डोज़ (लगभग 2,860 रुपये) की कीमत से फ़ाइज़र-बायो एन टेक की वैक्सीन की 10 करोड़ डोज़ खरीदेगी. द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, अमेरिकी सरकार 4 डॉलर प्रति डोज़ के भाव से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन खरीदेगी. बीबीसी की रिपोर्ट में कोरोना वैक्सीन के दाम प्रति डोज़ के हिसाब से दिए गए हैं. चार्ट में शामिल वैक्सीन की जानकारी का श्रेय वैक्सीन कंपनियों को दिया गया है. इस चार्ट के मुताबिक, मॉडर्ना वैक्सीन का दाम अमेरिका में 2,400 रुपये हैं. फ़ाइज़र-बायो एन टेक का रेट अमेरिका में करीब 1,500 रुपये और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का दाम 300 रुपये हैं. (चार्ट में रक़म डॉलर में दी गयी है जिसे हमने भारतीय रुपयों में बदला है.)

From- BBC

ABP न्यूज़ के दावे के उलट, इनमें से किसी वैक्सीन का दाम 5000 रुपये नहीं हैं. ये दाम प्रति डोज़ के हिसाब से दिए गए हैं लेकिन इन्हें दुगना यानी कि डबल डोज़ के हिसाब से करने पर भी आंकड़ा 5000 के पार नहीं पहुंचता है. हालांकि, ये बात भी मायने ही नहीं रखती है क्योंकि पैसे अमेरिकी सरकार टैक्स के खजाने से देगी. अमरीकी नागरिकों को अलग से पैसा नहीं भरना होगा.

इंग्लैंड

सर्च करने पर यूके गवर्नमेंट की वेबसाइट से हमें ये जानकारी मिली कि कोरोना वैक्सीन सिर्फ़ नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के ज़रिए ही वितरित होंगी और ये एक फ़्री वैक्सीनेशन कार्यक्रम होगा.

11 जनवरी 2021 की बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 15 लाख लोगों को फ़ाइज़र-बायो एन टेक के शॉट लगा चुके हैं. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वैक्सीन के लिए किसी भी तरह का भुगतान नहीं करना होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, NHS के माध्यम से लोगों को मुफ़्त में कोरोना वैक्सीन बांटी जाएगी.

यूके वैक्सीन के लिए क्या दाम चुका रही है

इंग्लैंड के नेशनल ऑडिट ऑफ़िस (NAO) की वेबसाइट से हमें कोरोना वैक्सीन की तैयारियों के बारे में एक इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के मुताबिक, यूके गवर्नमेंट कोरोना वैक्सीन खरीदने या बनाने के लिए साढ़े 11 हज़ार अरब रुपये (£11.7 बिलियन) का निवेश करेगी.

16 दिसम्बर 2020 की ब्लूमबर्ग क्विन्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि UK के द नेशनल ऑडिट ऑफ़िस के मुताबिक इंग्लैंड की सरकार कोरोना वैक्सीन के उत्पादन, खरीद के लिए लगभग साढ़े 11 हज़ार अरब रुपये खर्च करेगी. यूके ने कोरोना वैक्सीन के 267 मिलियन डोसेज़ खरीदने का कान्ट्रैक्ट साइन किया है.

एक बात और – द गार्जियन की एक रिपोर्ट में डिपार्ट्मन्ट फ़ॉर बिज़नस, एनर्जी एंड इन्डस्ट्रीअल स्ट्रेटर्जी (BEIS), यूके के हवाले से बताया गया है कि यूके सरकार द्वारा वैक्सीन के किए गए भुगतान की जानकारी पब्लिक में जारी नहीं की जाएगी. इस तरह, इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती कि यूके सरकार ने वैक्सीन के क्या दाम दिए हैं.

गौर करें कि भारत, अमेरिका और इंग्लैंड में सिर्फ़ एक वैक्सीन कॉमन है – ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका. इस वैक्सीन की भारत में कीमत है 200 रूपए (पहली 10 करोड़ डोज़) जबकि अमरीका ये लगभग 300 रुपये की है.

लाइवमिंट की रिपोर्ट में फ़्री ऑफ़ कॉस्ट कोरोना वैक्सीन देने का वादा करने वाले देशों के बारे में बताया गया हैं. इनमें जापान, अमेरीका, फ़्रांस, नॉर्वे जैसे देश शामिल हैं.

इस दावे की हकीकत बताते हुए द क्विन्ट ने 5 जनवरी 2021 को एक फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट पब्लिश की थी.

कुल मिलाकर, ABP न्यूज़ का अमेरिका और इंग्लैंड में फ़्री वैक्सीन नहीं देकर क्रमशः 5000 रुपये और 3000 रुपये चार्ज वसूलने का दावा बेबुनियाद है. दोनों देशों ने ये बात साफ़ कर दी है कि नागरिकों को मुफ़्त में कोरोना वैक्सीन मुहैया करवाई जाएगी.

[त्रुटि सुधार : भूलवश हमने यूके की वैक्सीन्स के दाम में अमरीकी वैक्सीन्स के दाम लिख दिए थे. इस ग़लती में सुधार करते हुए स्टोरी को 17 जनवरी 2021 को रात 11.00 बजे अपडेट किया गया है.]

COVID-19 वैक्सीन के रूप में दिखाई जा रही फ़ाइज़र की दवा की तस्वीर फ़र्ज़ी है, देखें ये वीडियो :

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.