28 जून, 2022 को दो मुस्लिम व्यक्तियों ने राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल बेरहमी से हत्या कर दी. हमलावरों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया और इसे नुपुर शर्मा द्वारा पैगम्बर मोहम्मद पर दिए गए बयान का बदला बताया. ज्ञात हो कि नुपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट में पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित टिपण्णी की थी. इसका देशभर में व्यापक विरोध हुआ और खाड़ी देशों ने इसकी निंदा की थी. इसके बाद भाजपा ने नुपुर शर्मा को ‘फ्रिंज एलीमेंट’ कहते हुए पार्टी से निकाल दिया था.

पुलिस ने दोनों मुख्य आरोपियों की पहचान मोहम्मद रियाज़ और गौस मोहम्मद के रूप में की. कन्हैया लाल की हत्या के मामले में अबतक पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ़्तार किया है. इन सब के बीच एक ख़बर सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हमलावारों की गिरफ़्तारी के विरोध में पुलिस पर हमला कर दिया.

इस घटना को रिपोर्ट करते हुए राइट विंग प्रॉपगेंडा वेबसाइट ऑपइंडिया ने दावा किया कि इस्लामिक भीड़ ने धारदार हथियार से पुलिस कॉन्स्टेबल संदीप के गर्दन पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया. (आर्टिकल का आर्काइव लिंक)

राइट विंग प्रॉपगेंडा वेबसाइट ऑपइंडिया ने इस खबर को अपने ट्विटर अकाउंटफ़ेसबुक पेज पर भी शेयर किया था. बाद में उसने इसे डिलीट कर दिया.

भाजपा प्रवक्ता प्रशांत कुमार उमराव ने ट्वीट कर कहा, “राजसमंद में कन्हैयालाल के आतंकी हत्यारों की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए भीड़ ने तलवार से एक कांस्टेबल संदीप की गर्दन पर हमला कर दिया था.” (आर्काइव लिंक)

क्रिएटली मीडिया ने ट्विटर पर लिखा कि कन्हैया लाल के हत्यारे गोज मोहम्मद और रियाज़ को पकड़ने गई पुलिस पर पत्थरबाज़ी और तलवार से हमला हुआ. इसमें कांस्टेबल संदीप को घायल कर दिया. (आर्काइव लिंक)

भगवा अपडेट, आर बी पाठक, भाजपा समर्थक दिव्यम कुमार समेत कई अन्य यूज़र ने भी अपने ट्वीट में ऐसा ही दावा किया.

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फ़ैक्ट-चेक

घटना से जुड़े कुछ की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें ईटीवी भारत का एक आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल के मुताबिक, टेलर कन्हैया लाल की हत्या के विरोध में विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन में भीड़ को बेकाबू देख पुलिस उन्हें काबू करने की कोशिश कर रही थी. बेकाबू भीड़ में से एक लड़के ने पुलिस कांस्टेबल संदीप पर तलवार से हमला कर दिया जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना के बाद वहां तनावपूर्ण स्थिति बन गई. पुलिस को लाठीचार्ज व आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को काबू करना पड़ा.

हमने इस मुद्दे पर राजसमंद के एसपी सुधीर चौधरी से बात की. उन्होंने वायरल दावे का खंडन करते हुए कहा कि जिस भीड़ में से एक लड़के ने कॉन्स्टेबल संदीप पर हमला किया, वो भीड़ मुस्लिम समुदाय की नहीं थी. असल में वो भीड़ हत्या का विरोध कर रहे स्थानीय समूहों की थी. मामले में अबतक 23 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है. एसपी ने हमें ये भी बताया कि कांस्टेबल संदीप पर हमला करने वाले की पहचान हो चुकी है. फिलहाल पुलिस उसकी तलाश में जुटी है इसलिए उसकी पहचान को गोपनीय रखा गया है.

राजस्थान पुलिस ने अपने ऑफ़िशियल ट्विटर हैंडल से वायरल दावे का खंडन किया.

इस केस पर हमने लगातार अपनी नज़र बनाए रखी और अधिकारियों से पूछताछ करते रहे. मुख्य आरोपी के पकड़े जाने के बाद राजसमंद SP ने हमें जानकारी दी कि 8 जुलाई को राजस्थान पुलिस और गुजरात एंटी टेरर स्क्वाड (ATS) ने एक जॉइन्ट ऑपरेशन में कॉन्स्टेबल संदीप पर हमला करने वाले मुख्य आरोपी बलवीर सहित दो अन्य आरोपी महावीर और श्रवण को गुजरात के वड़ोदरा से गिरफ़्तार कर लिया.

भीम पुलिस स्टेशन के SHO गजेन्द्र सिंह ने बयान दिया, “कुछ असामाजिक तत्व तलवार, पेट्रोल की बोतलें और लाठियां लेकर भीम में दाखिल हुए थे. पुलिस प्रशासन ने उन्हें खदेड़ा, लेकिन भीड़ में से एक व्यक्ति बलवीर ने संदीप को मारने के इरादे से उसकी गर्दन पर तलवार से हमला कर दिया.”

गुजरात एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि विशिष्ट इनपुट के आधार पर तीनों आरोपियों को वडोदरा के वाघोडिया के लिमडा से गिरफ़्तार किया गया.

कुल मिलाकर, राइट विंग प्रॉपगेंडा वेबसाइट ऑपइंडिया ने झूठा दावा किया कि इस्लामिक भीड़ ने कॉन्स्टेबल संदीप पर हमला किया. राजस्थान पुलिस ने जब इस ख़बर को झूठ बताया तो उन्होंने अपना आर्टिकल अपडेट कर दिया. भाजपा प्रवक्ता प्रशांत कुमार उमराव और कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने झूठा दावा किया कि कन्हैया लाल के हत्यारों की गिरफ़्तारी के विरोध में भीड़ ने पुलिस कॉन्स्टेबल पर हमला किया. जबकि हत्यारों की गिरफ़्तारी के विरोध में कोई प्रदर्शन हुआ ही नहीं है. पुलिस पर हमला करने वाली भीड़ मुस्लिम समुदाय की नहीं थी. कॉन्स्टेबल संदीप पर तलवार से हमला करने वाला लड़का मुस्लिम समुदाय का नहीं बल्कि हिन्दू है.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).