सोशल मीडिया पर एक अखबार की क्लिप वायरल है. इस क्लिप में दिख रही खबर का टाइटल है – “किसानों की वर्षो पुरानी मांग पूरी हुई : राकेश टिकैत” ट्विटर यूज़र @brijeshchaodhry ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “न जाने कब भोले-भाले लोग इस धूर्त को समझेंगे जब सरकार ने नए किसान कानून बनाए तक इस राकेश टिकैत ने उसका स्वागत किया और कहा कि सरकार ने हम किसानों की वर्षों पुरानी मांग पूरी की है कुछ दिनों बाद इसे मोटे-मोटे सूटकेस मिले उसके बाद यह दोगला बदल गया”. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 300 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव लिंक)
न जाने कब भोले-भाले लोग इस धूर्त को समझेंगे
जब सरकार ने नए किसान कानून बनाए तक इस राकेश टिकैत ने उसका स्वागत किया और कहा कि सरकार ने हम किसानों की वर्षों पुरानी मांग पूरी की है
कुछ दिनों बाद इसे मोटे-मोटे सूटकेस मिले उसके बाद यह दोगला बदल गया@RakeshTikaitBKU @sambitswaraj pic.twitter.com/aBk3X19w2h
— तैमूर का जीजा 💪🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@brijeshchaodhry) January 29, 2021
‘आकाश आरएसएस’ ने भी अखबार की ये क्लिप ट्वीट की. ‘आकाश आरएसएस’ ने पहले भी कई बार सोशल मीडिया पर गलत जानकारियां शेयर की हैं जिसे आप यहां पर देख सकते हैं. (आर्काइव लिंक)
न जाने कब भोले-भाले लोग इस धूर्त को समझेंगे
जब सरकार ने नए किसान कानून बनाए तक इस राकेश टिकैत ने उसका स्वागत किया और कहा कि सरकार ने हम किसानों की वर्षों पुरानी मांग पूरी की है
कुछ दिनों बाद इसे मोटे-मोटे सूटकेस मिले उसके बाद यह दोगला बदल गया pic.twitter.com/FamBjU2brv
— Akash RSS (@Satynistha) January 30, 2021
फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये तस्वीर वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें 4 जून 2020 की लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट का टाइटल और वायरल क्लिप का टाइटल एक ही है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, “देश के 14 करोड़ किसानों को एक देश एक मंडी का तोहफा देते हुए सरकार ने किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की अनुमति दे दी है. कैबिनेट ने अध्यादेश के जरिए इसे मंजूरी दी है. BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है और कहा कि यह BKU की वर्षो पुरानी मांग थी.”
इस रिपोर्ट में ये भी लिखा है, “उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि वह इस बात पर भी नजर रखें कि कहीं किसान के बजाए बिचौलिए सक्रिय होकर उनकी फसल सस्ते दामों में खरीदकर दूसरे राज्यों में न बेचने लगे. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वह एक ओर कानून लागू करें जिससे देश में कहीं भी एमएसपी से कम दाम पर किसान की उपज नही बिक सके.” इसके अलावा, एशियानेट न्यूज़ हिंदी ने भी यही खबर पब्लिश की थी. इस रिपोर्ट में हिंदुस्तान की ये पेपर क्लिप भी शेयर की गई है.
12 जनवरी 2021 की आज तक की वीडियो रिपोर्ट में राकेश टिकैत ने हिंदुस्तान की इस खबर के बारे में बताया था. वीडियो में 20 मिनट 30 सेकंड पर वो कहते हैं – “जो समर्थन की आपने बात करी वो हिंदुस्तान पेपर का है. हमने ये कहा था कि हम भी सरकार का धन्यवाद दे दें. प्रधानमंत्री की पायलट प्रोजेक्ट हैं डिजिटल इंडिया कैम्पैन, हमको भी उससे जोड़ दो. हमारे गन्ने का भुगतान 2-2 साल में होता है. आप हमारे गन्ने का भुगतान करो. जो MSP की फसले हैं उसको जोड़ दो. तो हम भी प्रधानमंत्री का धन्यवाद दे देंगे. हम भी सरकार का धन्यवाद दे देंगे. आप अगर पूरा का पूरा पढ़ोगे तो सबके सामने आ जाएगा. एक ही कागज़ है सबके पास में, ऐसा नहीं कि सरकार कोई काम कर ही नहीं रही, सारे खिलाफ़त कर रहे हैं. हमें भी सरकार का धन्यवाद देने का मौका दे दो. एकाध चीज़ में… आप बिल वापसी कर दो हम फिर धन्यवाद करेगे.” यही बयान राकेश टिकैत ने दिसम्बर 2020 में आज तक के एक और डिबेट शो के दौरान भी दिया था.
यहां आपको बता दें कि 5 जून 2020 को नए कृषि अध्यादेश कैबिनेट में रखा गया था. 14 सितंबर 2020 को ये बिल लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था. जहां से ये बिल पारित होकर राष्ट्रपति के पास पहुंचा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने 27 सितंबर 2020 को इसे सहमति दी थी.
3 कृषि बिल के कैबिनेट में प्रस्तुत होने से पहले राकेश टिकैत की बिल के बारे में क्या राय थी? ये देखने के हमने उनके सोशल मीडिया हैन्डल्स खंगाले. राकेश टिकैत ने 3 जून 2020 को एक अख़बार की क्लिप पोस्ट की थी. इस क्लिप में छपी खबर MSP के मूल्यों में हुई बढ़ौती के बारे में है. खबर के मुताबिक, राकेश टिकैत ने MSP में हुई बढ़ोत्तरी को किसानों के साथ धोखा बताया था. ऐसी ही खबर अमर उजाला ने भी 2 जून 2020 को पब्लिश की थी. इस आर्टिकल के मुताबिक, BKU ने सरकार से MSP का कानून बनाने की मांग की थी. भारतीय किसान यूनियन ने इस बारे में एक ब्लॉगपोस्ट भी पब्लिश किया था.
#TodayNewsUpdate
Posted by Chaudhary Rakesh Tikait on Tuesday, 2 June 2020
इसके अलावा, भारतीय किसान यूनियन के ऑफ़िशियल ट्विटर हैन्डल से 5 जून 2020 को न्यूज़ क्लिक का आर्टिकल शेयर किया था. इस आर्टिकल में BKU के नेता धर्मेंद्र मलिक के हवाले से बताया गया था, “कोरोना संकट के दौर में सरकार अपने हिडेन एजेंडे को पूरा कर रही है. इस समय किसानों को लेकर जो फ़ैसले लिए जा रहे हैं उसे देखकर यही लग रहा है कि यह निजी क्षेत्र के फायदे के लिए है. सरकार की चिंता किसानों को लेकर नहीं है. साथ ही सरकार को पता है कि किसान इस समय आंदोलन नहीं कर सकते हैं इसलिए वह इस तरह के फ़ैसले ले रही है.”
‘एक देश, एक कृषि बाज़ार’ जैसे कैबिनेट के फैसलों से किसानों का कितना भला? | https://t.co/7QUVfAfywt
भारतीय किसान यूनियन के नेता धर्मेंद्र मलिक कहते हैं, कोरोना संकट के दौर में सरकार अपने हिडेन एजेंडे को पूरा कर रही है। इस समय किसानों को लेकर जो…..! @RakeshTikaitBKU @Dmalikbku— Bhartiya kisan Union (@OfficialBKU) June 5, 2020
तो इस तरह, राकेश टिकैत के हवाले से हिंदुस्तान में जो खबर छपी थी, खुद राकेश टिकैत ने आज तक की एक डिबेट के दौरान उसे खारिज किया था. इसके अलावा, उनके ऐसे किसी बयान को लेकर कोई पुख्ता रिपोर्ट नहीं है.
फ़र्ज़ी पत्रकारों की फ़र्ज़ी कहानी से लेकर किसानों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले BJP वर्कर्स की असलियत तक :
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