न्यूज़ीलैंड ने मैनचेस्टर में खेले गए आईसीसी विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में भारत को हराया। किवियों की इस सनसनीखेज़ जीत के बाद, सोशल मीडिया इस दावे से भर गया कि संभवतः अंपायरिंग की एक गलती की वजह से भारत यह मैच हार गया। मार्टिन गुप्टिल के डीप थ्रो से एमएस धोनी के रन-आउट होने के ठीक पहले लिया गया मैच के लाइव प्रसारण का एक स्क्रीनशॉट, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रसारित करके आरोप लगाया गया है कि लॉकी फर्ग्यूसन ने अवैध गेंदबाज़ी की थी, क्योंकि तब, भीतरी घेरे के बाहर छह खिलाड़ी थे।

ICC के नियमों के अनुसार, पारी के तीसरे पॉवरप्ले में, जो 41-50 ओवरों के बीच, यानी पारी के अंतिम दस ओवरों में होता है, 30-गज के घेरे के बाहर केवल पांच फील्डरों की अनुमति होती है। कुछ प्रमुख सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं और प्रभावकारी लोगों ने अंपायरों की इस कथित त्रुटि की ओर ध्यान आकर्षित किया है जिन्होंने बॉलिंग से पहले न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों की क्षेत्ररक्षण की स्थिति का ध्यान नहीं रखा।

CNN News18 के एंकर आनंद नरसिम्हन ने एक संदेश के साथ यह स्क्रीनशॉट पोस्ट किया, ”अंपायरिंग की त्रुटि? क्या वे विश्व कप के सेमीफाइनल में ऐसा कर सकते? सर्कल के बाहर 6 खिलाड़ी … कब तक वे पी3* ऐसा में खेले?”। (*पावरप्ले 3)

कई अन्य व्यक्तियों ने यह सुझाव देने के लिए कि मैच के दौरान अंपायरिंग की ऐसी त्रुटि हुई थी, यह स्क्रीनशॉट ट्विटर पर पोस्ट किया है।

एक फेसबुक पेज, MS Dhoni Fans official, जिसके करीब 6 लाख अनुयायी हैं, इस तस्वीर को सबसे पहले पोस्ट करने वालों में था। एक यूट्यूब वीडियो, जिसका शीर्षक है- “देखिये, Dhoni थे नोटआउट मेहनत से नही अम्पायर की बईमानी से जीता है न्यूज़ीलैण्ड,सबूत देख होश उड़ जायेंगे“, उसे 1.1 करोड़ से अधिक बार देखा गया है।

द इंडियन एक्सप्रेस, इंडिया टुडे, आजतक और वियन जैसे प्रमुख मीडिया संगठनों ने भी भारतीय पारी के तीसरे पॉवरप्ले के दौरान क्षेत्ररक्षण प्रतिबंधों के संभावित उल्लंघन के सिद्धांत को श्रेय देते हुए लेख प्रकाशित किए हैं।

तथ्य-जांच

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि जिस गेंद ने धोनी को आउट किया था, ब्रॉडकास्टर द्वारा दिखाए गए, उससे पहले की फ़ील्ड सेटिंग के ग्राफिक में त्रुटि थी। इस लेख में, हम 49वें ओवर की पहली गेंद से शुरू होकर उस गेंद तक, जिस पर धोनी गुप्टिल द्वारा रन-आउट हुए थे, प्रत्येक गेंद की फील्ड सेटिंग का विश्लेषण करेंगे। हमने दृश्य, चित्र और लाइव कमेंट्री से इन तीनों गेंदों की सटीक फ़ील्ड सेटिंग की पुष्टि की है। यहां यह ध्यान देने योग्य है कि 49वें ओवर के संदर्भ में, तीसरी गेंद को लेकर आपत्ति समेत, 30-गज के घेरे के बाहर खड़े फील्डर और उनकी फील्डिंग की स्थिति पर चर्चा की गई है।

फील्ड सेटिंग का गेंद-दर-गेंद विश्लेषण

पहली गेंद (48.1 ओवर)

पहली गेंद से ठीक पहले के प्रसारण के स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है कि घेरे के बाहर पांच फील्डर हैं। क्षेत्ररक्षण की स्थिति थी- थर्ड मैन, डीप फाइन लेग, डीप प्वाइंट, डीप स्क्वॉयर लेग और लांग-ऑन। 49वें ओवर की फर्ग्यूसन की पहली गेंद पर धोनी ने छक्का लगाया।

दूसरी गेंद (48.2 ओवर)

अब, मिड-विकेट पर फील्डर को वापस लाया जाता है और डीप फाइन लेग के फील्डर को घेरे के अंदर लाया जाता है [49वें ओवर की तीसरी गेंद फेंके जाने से पहले इयान स्मिथ की कमेंट्री से इसकी पुष्टि की गई है]। धोनी को फर्ग्यूसन की यह दूसरी गेंद सीधी थी और बल्लेबाज के करीब पिच की हुई थी, परिणामस्वरूप डॉट बॉल रह गई, यानी, कोई रन नहीं लिया जा सका।

तीसरी गेंद (48.3 ओवर) नियमानुकूल है

49वें ओवर की तीसरी गेंद, जब धोनी ने अपना विकेट गंवा दिया, उससे पहले की फील्ड सेटिंग थी- डीप प्वॉइंट, डीप फाइन लेग, डीप स्क्वॉयर लेग, डीप मिड-विकेट और लॉन्ग-ऑन। प्रसारण के दौरान दिखाए गए ग्राफिक में शॉर्ट फाइन लेग के खिलाड़ी के डीप फाइन लेग में बदलाव को दिखाया गया, मगर, कमेंटेटर इयान स्मिथ के बताए अनुसार थर्डमैन पोजिशन के फील्डर की शॉर्ट थर्डमैन पोजिशन में शिफ्टिंग को नहीं दिखलाया गया।

तीसरी गेंद से ठीक पहले, इयान स्मिथ को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “फर्ग्यूसन के पास आया है और कहा थर्डमैन को (अंदर) लाओ, फाइन लेग को वापस (बाहर) भेजो। विलियम्सन इस बातचीत में वास्तव में शामिल नहीं थे। फर्ग्यूसन खुद से फील्ड लगा रहे थे।”

ब्राडकास्टर की ग्राफिक त्रुटि

नीचे पोस्ट किया गया वीडियो यह त्रुटि दर्शाता है। शॉर्ट फाइन लेग के फील्डर को डीप फाइन लेग की ओर बढ़ते देखा जा सकता है। मैच के दौरान प्रसारित ग्राफिक में इस त्रुटि को गोल घेरे में हाइलाइट किया गया है। इस ग्राफिक ने थर्डमैन फील्डर के 30-गज घेरे के अंदर आने का वास्तविक-समय-बदलाव नहीं दिखाया।

वीडियो के एक फ्रेम में, जब फर्ग्यूसन पिच की ओर दौड़ लगाता है, शॉर्ट थर्डमैन पर भी क्षेत्ररक्षक दिखता है। आप एक फ्रेम में उस क्षेत्ररक्षक के पैरों को (ऊपर-बाएँ कोने में) देख सकते हैं, जबकि दूसरा फ्रेम उसे स्टंप की ओर दौड़ते दिखलाता है जब धोनी नॉन-स्ट्राइकर छोर की ओर दौड़ रहे होते हैं।

नीचे पोस्ट की गई तुलना में, 49वें ओवर की शुरुआत में देखी गई फ़ील्ड सेटिंग का ग्राफ़िक, उस ओवर की तीसरी गेंद से पहले प्रसारित किए गए फ़ील्ड सेटिंग के ग्राफ़िक के ऊपर रखा गया है।

सीधे शब्दों में, पहली गेंद फेंके जाने के बाद मिड-विकेट का फील्डर डीप मिड-विकेट में चला गया, जिसे ग्राफिक में सही ढंग से प्रदर्शित किया गया था। लेकिन, थर्डमैन फिल्डर के शॉर्ट थर्डमैन में जाने को ग्राफिक में वास्तविक समय में प्रदर्शित नहीं किया गया। इसलिए, इसमें 30-गज के घेरे के बाहर 6 फील्डरों को दिखाया गया, जबकि वास्तव में 5 खिलाड़ी ही थे। अंपायरिंग में कोई त्रुटि नहीं थी। प्रसारण में ग्राफिक-संबंधी त्रुटि थी।

प्रसारक की यह त्रुटि नीचे पोस्ट की गई दूसरी तस्वीर में पीले गोल घेरे में हाइलाइट की गई है।

एक अन्य ट्वीट में, आनंद नरसिम्हन ने इस तथ्य को स्वीकार करते हुए एक स्पष्टीकरण पोस्ट किया कि थर्डमैन को तीसरी गेंद से पहले घेरे के अंदर ले जाया गया और क्षेत्ररक्षण नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।

उन्होंने ट्वीट किया, “ट्रेंट बाउल्ट फील्डिंग में बदलाव कर रहे थे और फर्ग्यूसन के दौड़ने से पहले, थर्डमैन को स्थानांतरित कर दिया गया था।” यह ध्यान देने योग्य है कि नरसिम्हन के जिस ट्वीट ने फील्ड प्रतिबंधों के संभावित उल्लंघन पर संदेह जताया था, उसे 3,700 से अधिक बार रीट्वीट किया गया है, जबकि इस लेख को लिखने के समय स्पष्टीकरण के केवल 100 रीट्वीट हुए हैं।

न्यूजीलैंड और भारत के बीच खेले गए सेमीफाइनल के 49वें ओवर के दौरान फील्ड की स्थिति दिखलाने वाले ग्राफिक में प्रसारकों से हुई एक त्रुटि को, जिसका गलत होना, इस बारे में कमेंटेटरों के विवरण से स्पष्ट है, सोशल मीडिया में व्यापक रूप से इस गलत दावे के साथ साझा किया गया कि अंपायरों द्वारा क्षेत्ररक्षण के एक प्रमुख उल्लंघन की अनदेखी की गई। कई प्रमुख ट्विटर हैंडलों द्वारा साजिश के इस अधकचरे सिद्धांत के बारे में ट्वीट करने और मुख्यधारा के मीडिया संगठनों द्वारा उसे आगे बढ़ाकर मान्यता देने से, यह दावा सोशल मीडिया में चर्चा का एक प्रमुख विषय बन गया है। इसके अलावा, यह ध्यान देने योग्य है कि एमएस धोनी को आउट किए जाने के तरीके पर, रन-आउट के मामले में, बॉलिंग की वैधता पर सवाल उठाना ही बेतुका है।

ग्राफिक्स: रौनक शुक्ला और स्मित भट्ट

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