सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर हो रही हैं, जिसमें 2,000 रूपये के नोटों के ढेर को पुलिस ज़प्त करती हुई दिखाई दे रही है. दावा किया है कि गुजरात के आरएसएस समर्थक केतन दवे की गाड़ी से नकद रूपये जप्त किए गए हैं.

14 जनवरी को, ट्विटर यूज़र ‘@HabibHasan_’ ने तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा – “गुजरात से नकली नोटों का भंडार पकड़ा गया और ईमानदार संघ समर्थक श्री केतन दवे की कार से मिला ये नकली नोटों का जखीरा… RBI को बन्द करके Currency छापने और संचालन का काम भी इनको ही दे देना चाहिये.” इस ट्वीट को 400 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया जा चूका है.

इंडिया टीवी के प्रसारण में बताया गया है कि गुजरात से 4.5 करोड़ मूल्य के 2000 रूपये के जाली नोटों को ज़प्त किया गया है. इस प्रसारण को फ़ेसबुक पेज ‘बीआरसीएस ईनटरनेशनल (BRCS International)’ ने समान दावे से साझा किया है. ये ध्यान देने लायक है कि चैनल के प्रसारण में केतन दवे की गाड़ी से नकद बरामद करने की बात बताई गई है लेकिन उनके आरएसएस से किसी सम्बन्ध के बारे में नहीं बताया गया है. इस वीडियो को करीब 1.3 लाख बार देखा गया है.

गुजरात से
देशभक्ति और ईमानदारी से भरपूर संघ समर्थक श्री केतन दवे की कार से मिला ये नकली नोटों का भण्डार…

Posted by बीआरसीएस ईनटरनेशनल on Monday, January 13, 2020

इसी तरह से कुछ उपयोगकर्ता फेसबुक और ट्विटर पर समान दावा साझा कर रहे है.

यह ध्यान देने लायक है कि इन तस्वीरों को नवीनतम राष्ट्रिय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के डाटा के सन्दर्भ में साझा किया जा रहा है, जिसमें बताया गया है कि वर्ष 2017 से 2018 के बीच ज़प्त किये गए जाली नोटों में से 56 प्रतिशत 2,000 रुपये के नोट थे.

तथ्य जांच

वायरल तस्वीर

ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर 2 नवंबर, 2019 ‘तेलंगाना टुडे’ का एक आर्टिकल मिला. रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना पुलिस ने एक परिवार के चार सदस्यों और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था और साथ में 2000 रु के फ़र्ज़ी नोटों के 350 बंडल को भी ज़प्त किया था. ये घटना खम्मम में हुई थी. मुख्य आरोपी की पहचान शैख़ मदार के रूप में हुई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस आयुक्त (CP) तफ़्सीर इकबाल ने बताया कि इस रैकेट का संचालन सथुपल्ली शहर को केंद्र में रखकर किया जा रहा था.

इस घटना को ‘फायनेंशियल एक्सप्रेस’ और ‘ANI’ ने भी रिपोर्ट किया था.

इस तरह वायरल हो रही घटना को गुजरात की बताकर शेयर करना गलत है. रिपोर्ट्स के अनुसार ये घटना नवंबर 2019 में तेलंगाना के खम्मम में हुई थी.

इंडिया टीवी का प्रसारण

गूगल पर की-वर्ड्स से सर्च करने पर मालूम हुआ कि वायरल हो रही क्लिप को यूट्यूब पर मार्च 2017 अपलोड किये गए ‘इंडिया टीवी’ के प्रसारण में से क्लिप कर ली गई है.

प्रसारण में गुजरात के राजकोट में रहने वाले केतन दवे नामक फाइनेंसर की गाड़ी से बरामद किये गए नोटों की बात की जा रही है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में भी दवे की पहचान राजकोट के एक फाइनेंसर के रूप में की गई है. अभी तक हमें ऐसी कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें उनकी पहचान आरएसएस समर्थक के रूप में की गई हो.

पत्रकार अनेरी शाह ने भी नवंबर 2019 में इस घटना का वीडियो शेयर किया था.

इस तरह, ‘इंडिया टीवी’ के प्रसारण को काट कर वीडियो को सोशल मीडिया पर झूठे मेसेज के साथ शेयर किया गया.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.