किसान आन्दोलन के दौरान 26 जनवरी को हुई घटना के बाद आन्दोलन की छवि ख़राब करने के लिए लगातार भ्रामक नैरेटिव दिए जा रहे हैं. अब कई फे़सबुक और ट्विटर यूज़र्स ये दावा कर रहे हैं कि आन्दोलन में शामिल मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति ने आजतक की ऐंकर नवज्योत रंधावा के साथ छेड़खानी की. दावे के मुताबिक, आजतक ने ये न्यूज़ इसलिए दबाई क्योंकि आरोपी अल्पसंख्यक समुदाय से है.
ट्विटर यूज़र्स @Im_Ricky_in और @SomaliBhattach5 ने ये दावा शेयर किया. आर्टिकल लिखे जाने तक दोनों ट्वीट को कुल 550 से ज़्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं.
हिंदी में वायरल ये पूरा मेसेज कहता है, “ये नवज्योत रंधावा हैं, आजतक चैनल में एंकर हैं. आप शायद इन्हें पहचानते भी होंगे. 26 जनवरी पर किसानों की ट्रैक्टर रैली को कवर करने के लिए सिंघु बॉर्डर गई थीं. वहाँ पर एक सिख युवक इनके पीछे पड़ गया. सिंघु बॉर्डर से वो लालक़िले आ गईं तो पीछे-पीछे वह युवक भी लालक़िले आ गया. यहाँ पर आकर उसने छेड़खानी शुरू कर दी. नवज्योत रंधावा सिख हैं. उन्होंने अपने साथ छेड़खानी की शिकायत लालक़िले पर प्रदर्शन में शामिल कुछ सिख युवकों से कर दी. उन्होंने छेड़खानी करने वाले युवक को पहले समझाने की कोशिश की, लेकिन बात बढ़ गई और मारपीट शुरू हो गई. इतने में ही छेड़खानी करने वाले इतने में ही छेड़खानी करने वाले की पगड़ी खुल गई और पता चला कि वह सरदार नहीं है. जब पकड़कर पूछताछ की तो पता चला कि वो कोई अब्दुल मियाँ थे, जो सरदार बनकर अपनी मज़हबी खेती करने के चक्कर में थे. चैनल ने अपनी एंकर के साथ हुई छेड़खानी की ख़बर दबा दी, क्योंकि आरोपी मज़हब विशेष से था.”
‘स्वयंसेवक‘ समेत कई फे़सबुक यूज़र्स ने नवज्योत की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए ये दावा शेयर किया और हज़ारों फ़ॉलोवर्स तक पहुंचाया. फे़सबुक यूज़र दिलीप पाण्डेय का पोस्ट आर्टिकल लिखे जाने तक भी 900 से ज़्यादा लोगों ने लाइक और 100 से ज़्यादा लोगों ने शेयर किया.
फ़र्ज़ी कहानी
तस्वीर में दिख रहीं महिला वाकई आजतक ऐंकर नवज्योत रंधावा हैं. लेकिन उनसे जुड़ी ये कहानी पूरी तरह फ़र्ज़ी है.
ऑल्ट न्यूज़ ने नवज्योत रंधावा से संपर्क किया और उन्होंने बताया, “सोशल मीडिया का दावा निराधार और फ़र्ज़ी है. 26 जनवरी को मेरे साथ कुछ वैसा नहीं हुआ जो वायरल टेक्स्ट में लिखा है.”
मतलब साफ़ है कि पत्रकार नवज्योत रंधावा के बारे में ये मनगढ़ंत कहानी बुनी गयी कि 26 जनवरी को किसान आन्दोलन के दौरान मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति ने उनके साथ छेड़खानी की. इसी तरह, हाल ही में एक अन्य कॉपी-पेस्ट मेसेज के ज़रिये किसान आन्दोलन को बदनाम करने की कोशिश की गयी थी. एक फे़क अकाउंट @NehakiNews ने ट्वीट किया था कि वो एक पत्रकार है जिनके साथ प्रदर्शनकारियों ने छेड़खानी की. ये मेसेज भी कई अकाउंट्स से करके कहा गया है ये घटना उनके साथ हुई है.
ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी ऐसे फ़र्ज़ी दावों के बारे में खुलासा किया है जब मुस्लिम समुदाय पर किसान आन्दोलन में घुसपैठ करने के ग़लत दावे किये गए थे.
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