[चेतावनी: तस्वीरें विचलित कर सकती हैं]

एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें एक सूटकेस को कई लोग घेर कर खड़े हैं और पुलिस की मौजूदगी में उसे खोला जाता है. सूटकेस से एक महिला की लाश निकलती है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि अकरम नाम के मुस्लिम लड़के ने हिन्दू लड़की को शादी का झांसा देकर उसकी हत्या कर दी.

(वीडियो में परेशान करने वाले दृश्य हैं, इसलिए हम इसे आर्टिकल में एम्बेड नहीं कर रहे हैं)

एक यूज़र ने वायरल वीडियो में ‘लव जिहाद’ का एंगल देते हुए शेयर किया और दावा किया कि बंगाल में अकरम नाम के लड़के ने शादी का झांसा देकर हिन्दू लड़की को मारकर सूटकेस में पैक कर दिया. (आर्काइव लिंक)

खुशी नाम की यूज़र ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया और इसे सांप्रदायिक एंगल के साथ शेयर किया. (आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

हमने वायरल वीडियो के फ्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें पत्रकार अमित भारद्वाज का 25 फरवरी का एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट में उन्होंने वायरल वीडियो के अलावा एक पुलिस वैन की तस्वीर और वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि कोलकाता के कुमारतुली घाट पर दो महिलाएं गंगा नदी में ट्रॉली बैग फेंक रही थीं. जब स्थानीय लोगों को उनकी संदिग्ध हरकतों पर शक हुआ तो उन्होंने दोनों महिलाओं को पकड़ लिया. बैग खोले जाने पर उसमें एक महिला का सिर कटा शव मिला. इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया और बैग ज़ब्त कर मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई.

इस मामले से जुड़े की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें इंडियन एक्स्प्रेस का 26 फरवरी का एक आर्टिकल मिला. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एक 55 वर्षीय महिला आरती घोष और उसकी 34 वर्षीय बेटी फाल्गुनी के खिलाफ़ 50 वर्षीय सुमिता घोष की हत्या और सबूत मिटाने की कोशिश का मामला दर्ज किया है. पुलिस के मुताबिक, आरती घोष उर्फ ​​मिठू अपनी बेटी फाल्गुनी के साथ मध्यमग्राम में रहती हैं. आरती एक हाउसहेल्पर के तौर पर काम करती है, जबकि फाल्गुनी असम के जोरहाट में रहने वाले अपने पति से अलग हो चुकी है. मृतिका की पहचान फाल्गुनी के ससुर की बहन सुमिता घोष के रूप में हुई है. डेप्यूटी पुलिस कमिश्नर (पोर्ट डिवीजन) हरिकृष्ण पई ने कहा कि आरोपी के बयान के अनुसार, उनके बीच झगड़ा हुआ और गुस्से में आकर उसकी हत्या कर दी गई.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि फाल्गुनी और सुमिता के बीच झगड़ा हुआ था. फाल्गुनी ने कथित तौर पर सुमिता को दीवार पर धक्का दिया, जिससे वह बेहोश हो गई. हालांकि, जब सुमिता को होश आया, तो वे फिर से लड़ने लगे. इस बार, फाल्गुनी ने उसके चेहरे और गर्दन पर ईंट से वार किया जिसके बाद वह बेहोश हो गई और उसकी मौत हो गई. इस मामले आरोपी और पीड़ित दोनों रिश्तेदार हैं और इसमें कहीं भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

कुल मिलाकर, कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने पश्चिम बंगाल में एक महिला की उसके ही रिश्तेदार द्वारा हत्या की घटना को सांप्रदायिक एंगल से शेयर करते हुए झूठा दावा किया कि अकरम नाम के एक मुस्लिम युवक ने शादी का झांसा देकर एक हिंदू लड़की की हत्या कर दी और इसे सूटकेस में पैक कर दिया. ध्यान दें कि अक्सर अब्दुल और सूटकेस शब्द का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधने के लिए किया जाता है. ऑल्ट न्यूज़ ने इस संदर्भ में विस्तृत रिपोर्ट पब्लिश की है जिसे यहां नीचे लिंक पर क्लिक करके पढ़ा जा सकता है.

‘मेरा अब्दुल ऐसा नहीं है’: मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने के लिए मेनस्ट्रीम में ‘अब्दुल’ नाम का इस्तेमाल


फ़रवरी 2025 में किये गए कुछ चुनिंदा फ़र्ज़ी दावों का सच देखिए इस वीडियो रिपोर्ट में

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