सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल है जिसमें पुलिस एक लड़का-लड़की के साथ दिख रही है. दावा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी रोमियो स्क्वॉड ने नोएडा के बुद्ध पार्क में एक लड़का-लड़की से पूछताछ की. पहले तो इन दोनों ने अपना नाम ललित और वंदना बताया और कहा कि वो अपनी मर्ज़ी से वहां पर बैठे हैं. लेकिन बाद में उन दोनों से आईडी मांगे जाने पर लड़के ने आनाकानी की. पुलिस द्वारा दबाव बनाए जाने पर लड़के ने अपना आईडी निकाला. पता चला कि इस लड़के का नाम असल में रेहान है. लड़की ये सुनकर दंग रह गई क्योंकि लड़की ने लड़के गले में पड़े हनुमान के लॉकेट से उसे हिन्दू मान लिया था. लेकिन लड़का असल में मुस्लिम निकला. ट्विटर यूज़र ‘आज की मैत्रेयी’ ने ये तस्वीर इसी दावे के साथ ट्वीट की है. (आर्काइव लिंक)

ट्विटर यूज़र विपुल सैनी ने इसी दावे के साथ एक ग्राफ़िक शेयर किया है जिसमें ये तस्वीर भी शमिल है. ट्वीट में इस घटना को ‘जिहाद’ से जोड़ा गया है. (आर्काइव लिंक)

फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये तस्वीर इसी दावे के साथ वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ये साल 2017 के कुछ आर्टिकल्स में मिली. 25 जून 2017 के स्क्रॉल के आर्टिकल में ये तस्वीर लखनऊ में एंटी रोमियो स्क्वॉड द्वारा की गई कार्रवाई की बताकर शेयर की गई थी. डेक्कन हेरल्ड के 22 मार्च 2017 के आर्टिकल में भी ये तस्वीर लखनऊ की बताकर शेयर की गई थी.

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23 मार्च 2017 की टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में इस तस्वीर को लखनऊ के नेशनल पीजी कॉलेज का बताया गया.

यहां पर एक बात तो साफ़ हो जाती है कि वायरल तस्वीर हाल की नहीं है और न ही ये तस्वीर नोएडा की है. असल में, ये तस्वीर लखनऊ के नेशनल पीजी कॉलेज के बाहर एंटी रोमियो स्क्वॉड द्वारा की गई कार्रवाई की है. किसी भी रिपोर्ट में इस लड़का-लड़की के साथ में होने की बात नहीं बताई गई है.

ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर के बारे में ज़्यादा जानकारी जुटाने के लिए लखनऊ के कुछ फ़ोटो जर्नलिस्ट और क्राइम रिपोर्टरों से संपर्क किया. फ़िलहाल हम इस तस्वीर को खींचने वाले का पता नहीं लगा पाए हैं. लेकिन तस्वीर में दिखने वाले पुलिस अफ़सर का नाम डीके उपाध्याय है. ऑल्ट न्यूज़ ने उनसे बात की. उन्होंने बताया, “ये घटना कुछ सालों पहले की है. मुझे इस घटना के बारे में ज़्यादा कुछ याद नहीं है लेकिन जितना मुझे याद है उसके मुताबिक, ये मामला लव जिहाद का नहीं था.”

यूपी सरकार ने साल 2017 में एंटी रोमियो स्क्वाड लॉन्च किया था. सरकार के मुताबिक़, ये कानून महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था.

यानी, साल 2017 में यूपी के लखनऊ में एक कॉलेज के बाहर एंटी रोमियो स्क्वॉड द्वारा की गई कार्रवाई की तस्वीर ‘लव जिहाद’ के ग़लत ऐंगल से शेयर की गई. पहले भी सोशल मीडिया पर ‘लव जिहाद’ के एंगल से कई झूठे दावे शेयर किये गए हैं जिसपर लिखे ऑल्ट न्यूज़ के आर्टिकल्स आप यहां पर पढ़ सकते हैं.


NDTV पर सोशल मीडिया का निशाना, लेकिन क्या उसने झूठ रिपोर्ट किया था?

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Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.