सोशल मीडिया यूज़र्स 2 तस्वीरों का एक कोलाज शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद की रहनेवाली आशा नाम की एक लड़की को उसके प्रेमी नदीम इसलिए पीटकर उसकी हत्या कर दी क्यूंकि उसने इस्लाम कबूल करने से इनकार कर दिया था. कई लोगों ने ‘लव जिहाद’ के ऐंगल के साथ इस दावे को हवा दी और पीड़िता और आरोपी की कथित तस्वीरें भी शेयर कीं.

ट्विटर यूज़र दीपक शर्मा (@TheDeepak2023) ने 1 जून 2023 को इन तस्वीरों को ये कहकर ट्वीट किया: “नाम- आशा, निवासी- गाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश, अंजाम- प्रेमी नदीम ने लोहे की रॉड नीचे से डालकर मुँह से निकाल दी, गाजियाबाद की बेहद तेज तर्रार आशा रोज़ जूस पीने जाती थी, जूस पीते पीते कब नदीम से मोहोब्बत हुई पता न चला, नदीम ने धर्म परिवर्तन को बोला तो आशा ने मना किया। अंजाम सामने है.” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 2 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स और 1,623 बार रीट्वीट किया गया. बाद में ट्विटर ने इस अकाउंट को सस्पेंड कर दिया.

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ट्विटर ब्लू यूज़र संजू तिवारी (@SanjuTiwarri) ने भी वायरल दावा ट्वीट करते हुए कहा कि उनके ट्वीट का मकसद हिंदू लड़कियों को जागरूक करना है. गौर करें कि इस यूज़र के 26 हज़ार से ज़्यादा फ़ॉलोवर्स हैं. (आर्काइव)

‘मनीष कश्यप (सन ऑफ़ बिहार) पैरोडी’ नामक एक ट्विटर अकाउंट ने भी इस दावे को आगे बढ़ाया. इसके ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक 9,500 से ज़्यादा लाइक्स मिले हैं और इसे 4 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है.

ऐसे दावे फ़ेसबुक पर भी खूब किए जा रहे हैं.

फ़ैक्ट-चेक

इस मामले के बारे में पता लगाने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने की-वर्ड्स सर्च किया. हमें गाज़ियाबाद पुलिस का 20 सितंबर 2022 का एक ट्वीट मिला. इसमें बताया गया था कि नदीम नामक एक व्यक्ति को आशा देवी की हत्या के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. ट्वीट में इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट भी थी. इसमें कहा गया है कि सुमन उर्फ ​​आशा देवी अपने पति और बच्चों से अलग रहती थी. उसके और नदीम के आपसी संबंध थे. हालांकि, नदीम को ये शक था कि आशा के और भी कई अफ़ेयर्स हैं और इसलिए पिछले साल 17 सितंबर की रात को नदीम ने कुल्हाड़ी से कई बार वार कर आशा की हत्या कर दी और बाद में उसके खून से सने कपड़ों को एक स्थानीय मंदिर के पास फेंक दिया. गौरतलब है कि ये घटना लगभग एक साल पुरानी है और ‘लव जिहाद’ का ऐंगल निराधार है जिसमें दावा है कि नदीम ने आशा के धर्म परिवर्तन के कारण उसकी हत्या कर दी.

पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है: “अभियुक्त द्वारा पूछताछ में बताया गया कि लगभग एक साल पहले उसकी मुलाकात सुमन उर्फ ​​आशा देवी से हुई थी जो अक्सर अभियुक्त से मिलने लगी तथा दोनों में आपसी संबंध थे…मृतका उपरोक्त अपने पति व बच्चों से अलग रहती थी और अभियुक्त नदीम मृतका सुमन बहुत ज़्यादा प्यार करने लगा था किंतु एक दो बार जब उसे फ़ोन किया तो उसका फ़ोन काफी समय तक बिजी रहता था. नदीम को शक हुआ की सुमन उर्फ ​​आशा देवी के उसके आलावा भी किसी और व्यक्ति से संबंध हैं. अभियिक्त द्वारा उसके देर रात्रि फ़ोन पर किसी से बात करने का विरोध किया गया किंतु मृतका ने उसकी यह बात नहीं मानी. इसी बात से नाराज होकर दिनांक 17.09.2022 की रात्रि को अभियुक्त नदीम सुमन उर्फ़ आशा देवी के कमरे पर आया तथा अपने साथ अपने बैग में कुल्हाड़ी और एक जोड़ी साफ कपड़े भी लेकर गया रात्रि में दोनों लोगों ने खाना खाने के बाद बातचीत की तथा सो गए. अभियुक्त नदीम द्वारा समय करीब 03 बजे जब सुमन उर्फ ​​आशा देवी सोई हुई थी तो अभियुक्त ने अपने बैग से कुल्हाड़ी निकाल कर सुमन उर्फ ​​आशा देवी के गले पर कुल्हाड़ी से जोरदार वर कर दिया. कुल्हाड़ी लगते ही वह बेड से नीचे गिर गई. नीचे गिरते ही अभियुक्त नदीम द्वारा ने उसकी पीठ पर कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या कर दी गई… हत्या करने के बाद अभियुक्त ने अपने खून लगे कपड़ों को बाईपास रोड पर एक मंदिर के पास झाड़ियों में छुपा दिया था.”

नंदग्राम के ACP ने 1 जून 2023 को ट्विटर पर एक बयान जारी किया था. ट्वीट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जा रही थी. इस वजह से तत्काल वायरल दावों का खंडन किया गया.

इस ट्वीट में गाज़ियाबाद पुलिस की तरफ से जारी एक प्रेस नोट शामिल है जिसमें कहा गया कि ये घटना 17 सितंबर 2022 को यूपी के गाज़ियाबाद में हुई थी और उसी दिन नदीम को यूपी पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. आरोपी को IPC की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ़्तार किया गया था. नोटिस में ये भी ज़िक्र किया गया है कि मनीष कश्यप (सन ऑफ़ बिहार) पैरोडी नामक एक ट्विटर हैंडल ने शुरुआत में इस झूठी ख़बर को फ़ैलाया था.

हमें ETV भारत की 2022 की एक रिपोर्ट भी मिली जिसका टाइटल था, “जूस बेचने के दौरान हुआ प्यार, लव मैरिज के बाद कुल्हाड़ी से काट डाला, जानें क्यों”.’ इसमें हाल में वायरल तस्वीरें शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों के बीच आपसी संबंध थे और नदीम ने दूसरे से सबंध होने के शक में कुल्हाड़ी से आशा की हत्या की थी. कुल मिलाकर, ये साफ है कि ये घटना 2022 की है और आरोपी नदीम और आशा के आपसी संबंध थे. सोशल मीडिया पर मामले को लेकर किये गए ‘लव जिहाद’ के दावे झूठे हैं.

अबिरा दास ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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