सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है. ऐसा लग रहा है जैसे ये एक लिफ़्ट का CCTV फ़ुटेज है. वीडियो में दो लड़कियों को लिफ़्ट के अंदर खड़े देखा जा सकता है. इसके बाद लिफ़्ट का दरवाज़ा खुलते ही दो आदमी अंदर आते हैं. ये दोनों जबरन अपने हाथों में लड़कियों का मुंह बंद कर देते हैं और उनमें से एक लड़की (जो पूरे क्लिप में दिखाई दे रही है) ‘अपहरणकर्ता’ से लड़ने की कोशिश करती है. कुछ देर बाद दोनों बच्चियां बेहोश हो जाती हैं. इन व्यक्तियों को वीडियो के अंत में लड़कियों को अपने कंधों पर ले जाते हुए देखा जा सकता है.

कई सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा है कि ये घटना बेंगलुरु में हुई और ये ‘जिहादियों’ द्वारा हिंदू लड़कियों के अपहरण का मामला था.

X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) यूज़र प्रिया राणा (@priyarana3101), ने 5 जनवरी को इस कैप्शन के साथ ये वीडियो शेयर किया: “#कर्नाटक #बंगलौर देखिए किस तरह जेहादी लिफ्ट में से हिन्दू लड़कियों को क्लोरोफार्म सुंघा कर अपहरण कर लिफ्ट में बेहोश कर सीधे कार पार्किंग में खड़ी कार में दोनों लड़कियों को डालाऔर निकल गए,जिन लड़कियों और महिलाओं का अपहरण होता हैकभी पता नहीं चलता हमेशा के लिए गायब कर दी जाती हैं! 🤔.” इनके बायो के मुताबिक, ये News1India में रिपोर्टर हैं. (आर्काइव)

X प्रीमियम यूज़र अतुल °कुशवाहा🇮🇳 (@RealAtulsay) ने भी 4 जनवरी को इसी कैप्शन के साथ ये वीडियो शेयर किया. पाठकों को ध्यान देना चाहिए कि यूज़र @RealAtulsay ने पहले भी कई बार ग़लत सूचनाएं शेयर की हैं.

कई अन्य यूज़र्स ने वायरल क्लिप को X और फ़ेसबुक पर इसी कैप्शन के साथ शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

हमने नोटिस किया कि वायरल क्लिप के वीडियो फ्रेम पर एक इंस्टाग्राम आईडी, @seetrendinginformation दिख रहा है.

हमने इस इंस्टाग्राम पेज @seetrendinginformation की तलाश की. मालूम चला कि पेज ने ये वीडियो 23 दिसंबर, 2023 को शेयर किया था. इस पेज ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, “😥सावधान ये हादशाह किसी भी शहर मे हो सकता है लिफ्ट से लड़कियो को उठा लिया गया #virals #short #news #trendingreels #reel.” इसमें इस बात का कोई ज़िक्र नहीं था कि घटना कहां हुई या अपराधी और पीड़ित कौन थे.

हमने देखा कि एक इंस्टाग्राम यूज़र ने कमेंट किया कि ये घटना मिस्र की है.

इसे ध्यान में रखते हुए हमने अंग्रेजी और अरबी दोनों में एक सबंधित की-वर्डस सर्च किया. हमें घटना से संबंधित कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं.

हमें ‘रोया न्यूज़’ की भी एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली जिसमें वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट था. इस रिपोर्ट का टाइटल कुछ यूं है: “काहिरा में पिता ने नशीला पदार्थ पीलाकर अपनी दो बेटियों का अपहरण कर लिया.” रिपोर्ट 21 दिसंबर, 2023 को पब्लिश हुई थी. रिपोर्ट में ज़िक्र किया गया था कि घटना काहिरा में हुई थी और जांच से पता चला कि पारिवारिक विवाद की वजह से दो लड़कियों के पिता ने अपनी ही बेटियों का अपहरण की कोशिश की.

स्काई न्यूज़ अरेबिया की एक अन्य न्यूज़ रिपोर्ट में ज़िक्र किया गया है कि मिस्र के आंतरिक मंत्रालय ने मामले से संबंधित एक ऑफ़िशियल बयान जारी किया था. मिस्र का आंतरिक मंत्रालय मिस्र के मंत्रिमंडल का एक हिस्सा है. ये मिस्र में कानून प्रवर्तन के लिए ज़िम्मेदार है. हमें 20 दिसंबर, 2023 को X पर पोस्ट किया गया उनका बयान मिला. ट्वीट में अपहरण की वायरल क्लिप का एक स्क्रीनग्रैब और एक तस्वीर थी जिसमें लिफ्ट से लड़कियों में से एक को एक आदमी के साथ शांति से चलते हुए देखा जा सकता था, जो शायद उनके पिता थे.

अरबी में दिए बयान का हिंदी अनुवाद है:

“#मिनिस्ट्री ऑफ़ इंटीरियर. सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो क्लिप (जिसमें दो लोगों को दो लड़कियों को लिफ़्ट से ले जाते हुए दिखाया गया है) की परिस्थितियों को सामने लाने में मंत्रालय के प्रयासों के तहत, जांच करने पर पता चला कि 12/13/2023 को दो लड़कियों की मां (काहिरा में #Nasr_सिटी_थर्ड_पुलिस विभाग की निवासी) ने विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कहा गया कि उनके पूर्व पति (एक अकाउंटेंट) ने अन्य लोगों के साथ मिलकर उनके दो बच्चों में से एक को उसकी इच्छा के बिना उठा लिया था… बिना किसी अन्य विवरण का ज़िक्र किए इसका सबूत मांगा. और ये दावा किया कि उनके बीच पारिवारिक विवाद थे, क्योंकि वे 2022 तक अलग होने के बाद अपने पिता के साथ रह रहे थे, और उसने अपनी दो बेटियों की कस्टडी और उसके बाद उसके कार्यान्वयन के संबंध में एक निर्णय मिला, और उसने इसका कोई सबूत नहीं दिया.

जांच करने पर, ये पता चला कि दोनों लड़कियों के पिता ने वीडियो क्लिप में दिखाई गई घटना को अंज़ाम देने के लिए दो लोगों की मदद मांगी थी, और घटना के दिन ही वो अपनी बेटी के साथ काहिरा के हवाई अड्डे से अपनी मर्जी से देश छोड़कर चला गया था. जैसा कि सुरक्षा निगरानी कैमरों से साबित है. घटनाक्रम को समझने के बाद, दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया. ‘उनमें से एक को वीडियो क्लिप में दो लड़कियों के पिता के साथ दिखाया गया था – और दूसरा, उस कार का ड्राईवर था जिसने घटना को अंज़ाम दिया.’

उनके साथ हुई बातचीत में उन्होंने पैसे के बदले में दो लड़कियों के पिता के साथ समझौते के अनुसार घटना को अंज़ाम देने की बात स्वीकार की. कानूनी उपाय किए गए… और पब्लिक प्रॉसिक्यूशन ने जांच अपने हाथ में ले ली.”

कुल मिलाकर, इन बातों से ये साफ़ हो जाता है कि वायरल दावों से अलग, न तो ये घटना बेंगलुरु, कर्नाटक की है, न ही ये कोई सांप्रदायिक घटना है. वायरल दावे झूठे हैं.

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