देशभर में अलग-अलग जगहों पर लोगों को क्रिसमस मनाने से रोका गया. हिन्दू संगठनों से जुड़े लोगों ने चर्च में धावा बोला, क्रिसमस की सजावटों को तोड़ दिया गया और खुलेआम दंबगई दिखाई. जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर की सुबह 8 बजे ही X पर पोस्ट कर सभी को क्रिसमस की बधाई दी. वहीं क्रिसमस की प्रार्थना के लिए पीएम मोदी द कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन में भी पहुंचे. क्रिसमस के दिन और उसके पहले के कुछ दिनों में ईसाई धर्म से जुड़े प्रार्थना स्थलों और ईसाई समुदाय के लोगों को जो टारगेटेड नफरत और हिंसा का शिकार होना पड़ा, उसपर ये रिपोर्ट लिखे जाने तक सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

क्रिसमस के कुछ दिनों पहले ही मध्यप्रदेश के जबलपुर में चर्च द्वारा आयोजित एक भोजन समारोह में भाजपा नेत्री और कुछ हिन्दू संगठनों से जुड़े लोग पहुंच गए. उन्होंने चर्च में आतंक का माहौल बनाया और वहां अंधमुक छात्रावास से समारोह में शमिल हुए लोगों को भलाबुरा सुनाया गया. इस दौरान, भाजपा नेत्री अंजू भार्गव ने तो सारी सीमाएं लांघकर एक नेत्रहीन महिला और उसकी बच्ची को लेकर अभद्र कमेंट्स किये और जब ये महिला भाजपा नेत्री को जवाब देने लगी दिखी तो गुस्से में आग बबूला होकर अंजू भार्गव ने इस नेत्रहीन महिला पर हाथ उठाया और उसके साथ मारपीट की कोशिश की. मामले का तूल पकड़ने के बाद BJP भी हरकत में आई और अंजू भार्गव को कारण बताओ नोटिस जारी किया.

पढ़िए: क्रिसमस से पहले ईसाइयों को टारगेट करने के कई मामले: BJP नेता ने नेत्रहीन महिला पर हाथ उठाया

छत्तीसगढ़

केस 1: रायपुर के मैग्नेटो मॉल में ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते घुसी भीड़

रायपुर में क्रिसमस के दिन बंद का समर्थन नहीं करने पर शहर के मैग्नेटो मॉल में ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते भीड़ घुस आई. मॉल में तोड़फोड़ की गई. स्टाफ़ के साथ दुर्व्यवहार किया गया और सार्वजनिक रूप से आतंक फैलाया गया. मॉल में तोड़फोड़ की इस वारदात के कई वीडियोज़ सोशल मीडिया पर शेयर किये जाने लगे जिसके बाद पुलिस ने 40 से ज़्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ़ शिकायत दर्ज की.

मॉल में तोड़फोड़ के एक वीडियो में दिख रहा है कि कैसे हाथों में हथियारों के साथ और चेहरा ढंककर भीड़ दाखिल होती है और मॉल में सजावट के साथ चीज़ों को तोड़ने लगती है.

मॉल की मार्केटिंग हेड आभा गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए बताया, “50-100 लोग ज़बरदस्ती घुसे थे, हमने प्रोटेस्ट का समर्थन किया, मॉल पूरी तरह से बंद था”. आभा ने बताया कि ये लोग लाठी-हॉकी लेकर आए थे. मॉल के सारे कर्मचारी स्टोर बंद करके अंदर काम कर रहे थे. लेकिन वो लोग काफी गुस्से में थे और इस कारण मॉल के कर्मचारी काफी डर गए थे कि कही ये लोग उन्हें मार न दें. आभा ने ये भी बताया कि भीड़ में शामील लोग स्टाफ़ के लोगों के आइडी कार्ड देख पूछ रहे थे कि “क्रिश्चियन हो, हिन्दू हो क्या कास्ट है तुम्हारी?”

केस 2: बड़ेतेवड़ा में ईसाई धर्म मानने वालों पर हमला और तोड़फोड़

पिछले कुछ वक़्त से कांकेर में ईसाई और हिन्दू समुदाय के लोगों के बीच में कथित रूप से धर्म परिवर्तन के मुद्दे को लेकर तनाव का माहौल बना हुआ था. ऐसे में 24 दिसंबर को छत्तीसगढ़ बंद के बीच कांकेर के बड़ेतेवड़ा गांव में 30 से ज़्यादा लोगों ने उन परिवारों पर हमला किया जो पिछले कई वर्षों से हिन्दू धर्म छोड़ ईसाई धर्म अपना चुके थे. ईसाई धर्म को मानने वाले इन लोगों के घरों पर भीड़ ने लाठी-डंडों से हमला किया और तोड़फोड़ मचाई.

आज तक की एक ग्राउन्ड रिपोर्ट में उन आदिवासी समाज के लोगों से बातचीत की गई है जिनपर कथित रूप से हिन्दू संगठनों के लोगों ने 24 दिसंबर को हमला किया था. इन लोगों का कहना है कि ये पिछले 2 दशकों से ईसाई धर्म अपना चुके हैं और उन्होंने अपनी मर्जी से धर्म बदला था.

उत्तर-प्रदेश के 3 मामले

केस 1: बरेली में चर्च के बाहर इकठ्ठा होकर हनुमान चालीसा का पढ़ा गया

बरेली के सिवल लाइंस पर में मौजूद सेंट अल्फोंस कैथेड्रल चर्च के बाहर कथित रूप से बजगरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े लोग इकट्ठा हुए. उन्होंने चर्च के बाहर ही डेरा डालकर हनुमान चालीसा का पाठ किया. इन्हें सारे शहर के मंदिरों को छोड़कर चर्च के गेट के बाहर ही पूजन-कीर्तन करने के लिए जगह मिली. वीडियो में वहां पर पुलिस भी दिखाई पड़ती है.

चर्च के गेट पर हनुमान चालीसा के पाठ का वीडियो वायरल होने के बाद खबरें सामने आई कि बजरंग दल ने क्रिसमस के दौरान हिन्दू धर्म को बदनाम करने की कुछ ऐक्टिविटी कराए जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने बरेली पुलिस को इस बारे में ज्ञापन भी सौंपा था.

बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने 25 तारीख को बरेली के कोतवाली पुलिस थाने के बाहर भी प्रदर्शन किया था. उनकी ओर से आरोप था कि क्रिसमस से पहले चर्च के किसी एक कार्यक्रम में कथित रूप से हिन्दू धर्म विरोधी चीज़े दिखाई गई थीं. इसी को लेकर बजरंगदल ने चर्च के बाहर भी प्रदर्शन किया था और अब उनकी मांग पुलिस से है कि वो इस मामले में चर्च के खिलाफ शिकायत दर्ज करें.

केस 2: लखनऊ में ‘हरी बोल हरी बोल’ कहते हुए डांस किया 

लखनऊ के हज़रतगंज में कथित रूप से इस्कॉन मंदिर से जुड़े लोग पहुंच गए और क्रिसमस आयोजनों को देखते हुए उन्होंने वहां भजन करना शुरू कर दिया. लोगों ने ‘हरी बोल हरी बोल’ कहते हुए डांस भी किया. मौके के वीडियो में एक शख्स के हाथ में हिन्दू पुस्तक ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ भी दिखती है.

हज़रतगंज के एक और वीडियो में इस्कॉन टेम्पल से जुड़े लोग नाचते-गाते दिखते हैं.

केस 3: गाज़ियाबाद में चर्च के सामने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाया 

सोशल मीडिया पर शेयर किये गए एक वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग चर्च के बाहर मोमबत्ती लगाकर प्रार्थना कर रहे हैं, वहीं चर्च के सामने ही टोली में मौजूद कुछ लोग ‘जय श्री राम, जय श्री राम’ का नारा लगाते हैं. वीडियो को सोशल मीडिया पर दिल्ली के एक चर्च का बताया गया.

लेकिन छानबीन करते हुए ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये वीडियो गाज़ियाबाद में स्थित सेंट थॉमस ओर्थोडोक्स महा इडावका चर्च का है. गूगल मैप पर मौजूद चर्च की तस्वीरें और वीडियो में दिख रहा चर्च एक ही है.

नलबाड़ी, असम में क्रिसमस की सजावट को तहस नहस किया और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाये

असम के पानीगांव में सेंट मैरी स्कूल में क्रिसमस की सजावट की गई थी. बस इसी सजावट को देख गुस्से से लाल हुए बजरंगदल और विश्व हिन्दू परिषद के लोग स्कूल में पहुंच गए. सजावट को तहस-नहस कर दिया और आग के हवाले के कर दिया. इन लोगों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए और अपनी बहादुरी का झूठा प्रमाण दिया.

इंटरनेट पर वायरल नलबाड़ी के ऐसे ही एक वीडियो में ये लोग कथित रूप से मार्केट में मौजूद क्रिसमस की सजावटों की चीज़ों को जमा करते हैं और बाद में उसे आग के हवाले कर देते हैं. क्लिप में एक समय पर ये लोग ‘जय बजरंगदल, जय श्री राम’ का नारा लगाते हैं और बड़ी ही खुशी के साथ अपने तोड़-फोड़ के कार्यक्रम को अंज़ाम देते हैं. ये लोग ठेलेवालों के सामान को भी फेंक देते हैं.

हिन्दू संगठनों के ये लोग एक स्टोर में रखे क्रिसमस के सामान को भी ले जाते हैं. इनमें से एक आदमी स्टोर के किसी व्यक्ति को बताता है कि “हम लोग बजरंग दल से हैं और ये सब सामान नहीं बेचा जाएगा, हमारे भारत संस्कृति की जो चीज़े हैं, वहीं बेची जाएगी.”

नलबाड़ी में क्रिसमस से पहले तोड़फोड़ की इन घटनाओं को ध्यान में रखकर पुलिस ने मामले में केस दर्ज किया है. नलबाड़ी के एसएसपी बिबेकानंद दास ने मीडिया को बताया कि ये घटना 24 दिसंबर को हुई थी जिसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर तोड़फोड़ में शामिल 4 मुख्य लोगों को अरेस्ट किया था. पुलिस ने बताया कि ये लोग बजरंगदल और विश्व हिन्दू परिषद के लोग हैं.

केरल में बच्चों पर हमला

केरल के पलक्कड़ में भी क्रिसमस केरॉल ग्रुप पर कथित रूप से RSS-BJP कार्यकर्ता अश्विन राज ने हमला किया. इन लोगों ने केरॉल ग्रुप के बच्चों पर हमला भी किया और उनके म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट्स भी तोड़ दिए. बाद में मामले में केस दर्ज हुआ और पुलिस ने अश्विन राज को अरेस्ट किया.

इंदौर, मध्यप्रदेश

इंदौर में क्रिसमस के एक कार्यक्रम में कथित हिन्दू संगठनों के लोगों द्वारा क्रिसमस ट्री और सजावट को तोड़ने का वीडियो वायरल हुआ. वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि कुछ लोग कार्यक्रम में मौजूद सजावट की चीज़ों को तोड़ते हैं और स्टेज पर मौजूद महिला इन लोगों को रोकने की कोशिश करते हुए वहां मौजूद भीड़ से ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए कहती है. तब भी ये लोग रुकने का नाम नहीं लेते और तोड़फोड़ करते रहते हैं.

इंदौर पुलिस के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि इस मामले में उन्हें कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है लेकिन वायरल वीडियो के आधार पर वो मामले में छानबीन करेंगें.

अहमदाबाद के एक मॉल में क्रिसमस ट्री तोड़ दी

क्रिसमस त्योहार भले ही खत्म हो चुका है लेकिन फिर भी हिन्दू संगठन रुकने का नाम नहीं ले रहे. 27 दिसंबर को गुजरात के अहमदाबाद में पेलेडियम मॉल में हिन्दू संगठनों से जुड़े कुछ लोग घुस गए. उन्होंने दादागिरी दिखाते हुए मॉल में मौजूद क्रिसमस ट्रीज़ तोड़ दिए. और कथित रूप से मॉल के कर्मचारी के साथ भी हाथापाई की कोशिश की.

वहीं राजस्थान के श्रीगंगानगर ज़िले में अतिरिक्त ज़िला शिक्षा अधिकारी के ऑफिस से सभी प्राइवेट स्कूल्स को आदेश जारी किया गया कि वो छात्रों को क्रिसमस के मौके पर सांता क्लॉज़ के कपड़े पहनने के लिए आदेश न दें. अगर ऐसा करते हुए किसी स्कूल को पाया गया तो उनपर कार्रवाई की जाएगी. ये आदेश भारत-तिब्बत सहयोग मंच द्वारा ज़िला शिक्षा कार्यालय को भेजे गए एक पत्र के बाद जारी किया गया था. मामले में छपी खबर के अनुसार, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, “इस मुद्दे पर मंत्री या राज्य शिक्षा निदेशालय की ओर से कोई निर्देश जारी नहीं किए गए थे. ये निर्णय स्थानीय स्तर पर लिया गया था.”

उत्तराखंड के हरिद्वार में भी उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा संचालित एक होटल में आयोजित क्रिसमस के कार्यक्रम को कैन्सल कर दिया गया था. हिन्दू संगठनों की ओर से इस ईवेंट पर आपत्ति जताई गई थी जिसके बाद इस ईवेंट को ही कैन्सल कर दिया गया था.

क्रिसमस से पहले और 25 दिसंबर को भारत में ईसाई समुदाय के लोगों और उनके कार्यक्रमों और चर्च में जो भी घटनाएं घटी, वो न सिर्फ हमारे देश के प्रशासन पर सीधा सवाल उठाती है बल्कि साथ-साथ हमारे देश की छवि को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब करती है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भारत में क्रिसमस त्योहार के चलते अल्पसंख्यक समाज पर हुए नफरती हमलों को रिपोर्ट किया है.

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.