ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में नेपाल की एक छात्रा ने कथित तौर पर एक पुरुष छात्र के परेशान करने के कारण आत्महत्या कर ली. इसके बाद से ये इंस्टिट्यूट विवादों में है. घटना के बारे में रिपोर्ट्स और वीडियोज़ सामने आने के बाद संस्थान और प्रशासन जांच के दायरे में है. साथी छात्र प्रकृति लम्सल के मामले में हस्तक्षेप नहीं करने के लिए अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे नेपाली छात्रों के साथ कर्मचारियों द्वारा दुर्व्यवहार और मारपीट करते हुए दिखाया गया था.

नेपाल की एक छात्रा प्रकृति लमसल, रविवार, 16 फ़रवरी को अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाई गई थी. उसे कथित तौर पर आद्विक श्रीवास्तव नामक एक छात्र ने परेशान किया था. प्रदर्शनकारी छात्रों का दावा है कि उत्पीड़न के बारे में जानने के बावजूद कॉलेज ने प्रकृति लम्सल की सुरक्षा के लिए कदम नहीं उठाया और इसके बजाय आद्विक श्रीवास्तव के खिलाफ नरम रुख अपनाया. KIIT स्थित भुवनेश्वर पुलिस ने आद्विक श्रीवास्तव पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया.

इस बीच, साफ़ तौर पर हिंदुत्व संगठनों से जुड़े दो लोगों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं. यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि ये तस्वीरें आद्विक श्रीवास्तव के पिता, मनोज श्रीवास्तव की हैं और उनकी राजनीतिक पहुंच KIIT की निष्क्रियता का कारण है.

ऐसी ही एक तस्वीर में भगवा रंग का स्कार्फ पहने एक आदमी है. ये फोटो एक और तस्वीर के साथ कंबाइंड है जो उसके फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल से ली गई है जहां उसका नाम-मनोज के श्रीवास्तव – दिख रहा है. प्रकृति लैम्सल का शव मिलने के एक दिन बाद, X अकाउंट ‘@manav_शाह2000’ ने एक रेडिट पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया जहां किसी ने दो तस्वीरें एक साथ रखी थीं. पोस्ट के जरिए यूज़र ने ये भी कहा कि संस्थान आद्विक श्रीवास्तव को इसलिए बचा रहा है क्योंकि उनके पिता एक राजनेता हैं. (आर्काइव)

20 फ़रवरी को X अकाउंट ‘@_JoshNeverStops’ ने एक और कोलाज शेयर किया गया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रमुख भाजपा राजनेता स्मृति ईरानी के साथ खड़े एक व्यक्ति की अलग-अलग तस्वीरें दिखाई गईं. यूज़र्स ने दावा किया कि तस्वीरों में दिख रहा व्यक्ति आद्विक श्रीवास्तव के पिता मनोज श्रीवास्तव हैं जो लखनऊ के एक प्रभावशाली भाजपा नेता हैं. (आर्काइव)

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने दोनों दावों और तस्वीरों के बारे में अलग-अलग फ़ैक्ट-चेक किया:

पहली तस्वीर:

ऑल्ट न्यूज़ ने तस्वीर में दिखाए गए फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल की तलाश की. हमें एक प्रोफ़ाइल मिली जो वायरल पोस्ट के नाम और तस्वीर से मेल खाती थी. इसके मुताबिक, मनोज श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं और हिंदुत्व संगठन भारतीय केसरिया वाहिनी के प्रमुख हैं.

ऑल्ट न्यूज़ ने इस व्यक्ति से कॉन्टेक्ट किया जिसने KIIT घटना में आरोपी आद्विक श्रीवास्तव से जुड़े होने से साफ तौर पर इनकार किया. उन्होंने कहा कि उसका एक बेटा है, लेकिन वो 16 साल का है और अभी भी स्कूल में है.

मनोज ने कहा, “मैं वो मनोज श्रीवास्तव नहीं हूं. मेरी तस्वीरों का ग़लत इस्तेमाल किया जा रहा है. मुझे ग़लत पहचाना जा रहा है. मेरा एक ही बेटा है जो इंजीनियरिंग कॉलेज में जाने के लिए बहुत छोटा है, वो अभी भी स्कूल में है और 12वीं कक्षा में है.” 

उन्होंने कहा कि वो 2019 से भारतीय केसरिया वाहिनी के अध्यक्ष हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य भी हैं. उन्होंने दावा किया कि वो कुछ समय से सामाजिक सक्रियता में शामिल हैं और एक छात्र के रूप में राजनीति में सक्रिय थे. उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि जब से उन्हें आरोपी के पिता के रूप में ग़लत पहचाना गया है तब से उनके सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर उन्हें धमकाया जा रहा है और उनके साथ बहुत ग़लत व्यवहार किया जा रहा है.

इस व्यक्ति ने अपने फ़ेसबुक अकाउंट पर एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें इन दावों को ग़लत बताया गया कि वो आद्विक श्रीवास्तव के पिता हैं.

 

उड़ीसा में छात्रा की मौत में संदेह के तौर पर पकड़े गए अद्विक श्रीवास्तव को मीडिया द्वारा गलत प्रचारित किया जा रहा है कि वह मेरा पुत्र है जो बिल्कुल गलत है मेरे नाम व हमारे वर्षों सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल किए जाने का असफल प्रयास किया जा रहा है। जो लोग अगर गलतफहमी में मेरे नाम व फोटो का प्रयोग कर रहे हैं तो वह तुरंत खंडन करे और मेरा नाम , फोटो हटाए ।
धन्यवाद

Posted by Manojk Srivastava on Tuesday 18 February 2025

 

दूसरी तस्वीर:

दूसरी तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति भाजपा अयोध्या के पूर्व ज़िला उपाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव हैं, और उनके फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर एक पोस्ट से पता चलता है कि वो KIIT आरोपी के पिता नहीं हैं.

इस शख्स ने अपने फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर अपने बेटे अक्षत श्रीवास्तव के जन्मदिन पर उनके लिए एक पोस्ट शेयर किया था. जांच के दौरान हमें पता चला कि उनका बेटा ऑटो मोटर अयोध्या के वी.एम. में एमडी और सीईओ है. 

ऑल्ट न्यूज़ अक्षत श्रीवास्तव से भी बात की. उन्होंने बताया कि वो तस्वीर में दिख रहे मनोज श्रीवास्तव के इकलौते बेटे हैं. और अपना खुद का व्यवसाय चलाते हैं. उन्होंने कहा कि उनका परिवार लंबे समय से लखनऊ में रह रहा है और कहा कि उनके पिता को KIIT आरोपियों से जोड़ने का दावा बिल्कुल निराधार है.

मनोज श्रीवास्तव ने भी आद्विक श्रीवास्तव से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है. उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “मेरा एक ही बेटा अक्षत श्रीवास्तव और एक बेटी है. मेरा जन्म अयोध्या में हुआ और मैं आज भी अपने परिवार के साथ यहीं रहता हूं. आद्विक से मेरा कोई पारिवारिक संबंध नहीं है. इस तरह का कोई भी दावा ग़लत है.”

मनोज श्रीवास्तव नाम ही क्यों?

लेकिन इस घटना में मनोज श्रीवास्तव का नाम यूं ही नहीं घसीटा जा रहा है. पता चला, ये सच में आरोपी के पिता का नाम है. लेकिन सोशल मीडिया यूज़र्स ने उनकी ग़लत पहचान कर ली और उसी नाम से ग़लत लोगों की तस्वीरें शेयर कर दीं. ध्यान दें कि मनोज और श्रीवास्तव दोनों ही देश का कॉमन नाम है. 

ऑल्ट न्यूज़ ने भुवनेश्वर स्थित एक पत्रकार से बात की और स्थानीय पुलिस से एक प्रेस नोट प्राप्त किया. FIR के सारांश में आरोपी का नाम आद्विक श्रीवास्तव और उसके पिता का नाम मनोज श्रीवास्तव दिखाया गया है. वे लखनऊ के रहने वाले हैं. FIR में ये भी कहा गया है कि आरोपी को तब पकड़ा गया जब वो राज्य से भागने की कोशिश कर रहा था.

यहां FIR के सार का अनुवाद है:

“शिकायतकर्ता सिद्धांत सिगडेल की शिकायत के बाद इन्फ़ोसिटी पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपी को गिरफ़्तार कर अदालत में भेज दिया.

कथित तौर पर, पीड़िता नेपाल की थी और भुवनेश्वर के एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान में पढ़ रही थी और संस्थान के छात्रावास में रहती थी. दो साल पहले उसकी आरोपी से जान-पहचान हो गई. इसके बाद, आरोपी ने चुपके से अपने मोबाइल फ़ोन पर उसकी कुछ तस्वीरें और वीडियो ले लिए. किसी कारणवश उनके बीच विवाद हो गया. जिसके बाद, शैक्षणिक संस्थान के तहत अंतर्राष्ट्रीय संबंध अधिकारी की मदद से इस मुद्दे को दो बार हल किया गया, लेकिन आरोपी के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया. उल्टे आरोपी ने उसे फिर से परेशान करना शुरू कर दिया. इस घटना से पीड़िता गंभीर मानसिक परेशानी में थी. 16.02.2025 को उनके बीच फिर झगड़ा हुआ. उस दोपहर उसके सहपाठियों ने उसे उसके कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया. उन्होंने तुरंत उसे बचाया और KIMS अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.

एक शिकायत के बाद, इन्फ़ोसिटी पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपी को हवाई अड्डे के पास से गिरफ़्तार करने में कामयाब रही, जब वो ओड़िशा से भागने की कोशिश कर रहा था. उस वक्त पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल फ़ोन और एक लैपटॉप भी ज़ब्त किया था. पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. मामले में आगे की जांच जारी है.”

उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

ऑल्ट न्यूज़ ने इन्फ़ोसिटी भुवनेश्वर पुलिस से भी कॉन्टेक्ट किया. उन्होंने बताया कि आरोपी के मुताबिक, उसके पिता मनोज श्रीवास्तव लखनऊ में एक सिविल इंजीनियर और ठेकेदार हैं. उनके पिता के किसी राजनीतिक दल से जुड़े होने के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी.

कुल मिलाकर, इन दोनों वायरल तस्वीरों में दिख रहे लोगों को गलत रूप से KIIT के हालिया विवाद के चलते आरोपी आद्विक श्रीवास्तव का पिता बताया गया.


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