7 मई की सुबह, क़ारी मोहम्मद इकबाल की मौत मीडिया चैनल्स पर न्यूज़ सेग्मेंट्स का केंद्र बिंदु बन गई. उन्हें “मोस्ट वांटेड आतंकवादी” और “लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर” बताया गया. ऐसा लग रहा है कि उनकी मौत ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता को मार्क करती है जो भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (POK) में आतंकवाद के लिए पनप रहे नौ जगहों को निशाना बनाने के लिए शुरू किए गए सैन्य हमलों की एक सीरिज थी. पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LET) से कथित संबंध रखने वाले आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में 26 नागरिकों की हत्या की थी जिसके बाद ये ऑपरेशन शुरू किया गया. 

भारतीय हमले 6 और 7 मई की मध्यरात्रि को हुए. इसके तुरंत बाद, जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी इलाकों में लाइन ऑफ़ कंट्रोल (LOC) के पास आगे के गांवों पर पाकिस्तान द्वारा भारी मोर्टार गोलाबारी की ख़बरें आईं. LOC दोनों देशों को अलग करने वाली 700 किलोमीटर से ज़्यादा लंबी वास्तविक सैन्य सीमा है. अगले दिन, 8 मई को रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि पाकिस्तान ने पश्चिमी भारत में कई सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की और पड़ोसी देश की गोलीबारी में 16 लोग मारे गए.

7 मई को मारे गए लोगों में क़ारी मोहम्मद इकबाल भी शामिल थे. उन्हें क़ारी की उपाधि से सम्मानित किया गया था जो कुरान पढ़ते और सुनाते हैं. इन्हें मेनस्ट्रीम मीडिया आउटलेट्स द्वारा आतंकवादी करार दे दिया गया. मीडिया ने दावा किया कि वो पाकिस्तान के कोटली में छिपा हुआ था और भारत ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए उसे मार गिराया.

7 मई को न्यूज़ चैनल रिपब्लिक ने उस व्यक्ति के शव की धुंधली तस्वीर प्रसारित की और कहा कि वो पुलवामा समेत बड़े आतंकवादी हमलों में शामिल “लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर” था.

हत्या पर ABP की 7 मई की रिपोर्ट में टाइटल था: “मिट्टी में मिल गया मोस्ट वांटेंड आतंकी क़ारी मोहम्मद इकबाल, घाटी में ढूंढ़ रही थी एजेंसियां; भारत के एयरस्ट्राइक में हुआ ढेर.” (आर्काइव)

CNN-न्यूज़18 के वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर द्वारा आयोजित एक सेगमेंट का मेन फ़ोकस भी यही था. चैनल के यूट्यूब वीडियो में कहा गया, “लश्कर आतंकवादी क़ारी मोहम्मद इकबाल, एक धार्मिक उपदेशक, कोटली में भारतीय हमलों में मारा गया.”

ज़ी न्यूज़ ने भी, “मारा गया आतंकी क़ारी मोहम्मद इकबाल ” टिकर के साथ शव की धुंधली तस्वीर प्रसारित की.

न्यूज़18 इंडिया की रिपोर्ट भी कुछ ऐसी ही थी. चैनल ने कहा कि मोहम्मद इकबाल लश्कर के उन आतंकियों में शामिल हैं जिन्हें भारत लंबे समय से ट्रैक करने की कोशिश कर रहा था.

क्षेत्रीय मीडिया आउटलेट ABP माझा (मराठी) और न्यूज़18 MP-छत्तीसगढ़ ने भी ये ख़बर प्रसारित की कि भारतीय सशस्त्र बलों ने कोटली में “आतंकवादी” को मार गिराया है.

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क़ारी मोहम्मद इकबाल एक भारतीय कश्मीरी थे न कि आतंकवादी 

ऑल्ट न्यूज़ को कई न्यूज़ आउटलेट्स द्वारा प्रसारित क़ारी मोहम्मद इकबाल की तस्वीर 7 मई को एक फ़ेसबुक पोस्ट पर मिली. सईद अहमद हबीब ने ये तस्वीर पोस्ट कर शोक संदेश में लिखा था: “हमारे प्रिय मौलाना क़ारी मोहम्मद इकबाल साहब, जामिया जिया-उल-उलूम, पुंछ के शिक्षक, हाल ही में सीमा तनाव का शिकार हो गए. जब ​​मौत उनके पास आई तो वो अपने कमरे में थे…”

وفا دار تھا
وفا شعار تھا !!!
یکا یک بجلی کیا گری کہ اک دنیا اجڑ سی گئی ۔۔۔۔۔
ہمارے عزیز مولانا قاری محمد اقبال۔صاحب…

Posted by Sayeed Ahmed Habib on Wednesday 7 May 2025

हबीब के बायो में उनकी पहचान पुंछ में जामिया जिया-उल-उलूम हाई स्कूल के उप प्रशासक के रूप में की गई है जिसका मतलब है कि दोनों सहकर्मी थे. हबीब की पोस्ट को जामिया जिया-उल-उलूम हाई स्कूल के ऑफ़िशियल फ़ेसबुक पेज पर भी शेयर किया गया, जहां क़ारी मोहम्मद इकबाल एक शिक्षक के रूप में काम करते थे. ऑल्ट न्यूज़ को स्कूल द्वारा बताया कि उन्होंने वहां 20 सालों तक पढ़ाया है.

एक वीडियो बयान में (जिसे स्कूल के फ़ेसबुक पेज पर भी शेयर किया गया) हबीब ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैसे मीडिया आउटलेट्स ने शहीद शिक्षक के बारे में ग़लत सूचना फ़ैलाई. उन्होंने चैनलों को अपने कवरेज के लिए माफी मांगने या कानूनी कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी.

पूंछ नियंत्रण रेखा के पास कई ज़िलों में से एक था जहां पाकिस्तानी सशस्त्र बलों द्वारा सीमा पार से तोपखाने और मोर्टार गोलाबारी देखी गई. इसके परिणामस्वरूप लोग हताहत हुए. इस गोलीबारी में जान गंवाने वालों में क़ारी मोहम्मद इकबाल भी शामिल थे. इसकी पुष्टि ज़िला पुलिस ने की है. पुलिस के बयान में कहा गया, “मृतक मौलाना मोहम्मद इकबाल स्थानीय समुदाय में एक सम्मानित धार्मिक व्यक्ति थे और उनका किसी आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं था.”

PRESS RELEASE

Date: 08-05-2025

Subject: Clarification Regarding the Death of Maulana Mohd Iqbal in Poonch

Poonch, May…

Posted by District Police Poonch on Thursday 8 May 2025

ऑल्ट न्यूज़ ने मृतक के परिवार से भी कॉन्टेक्ट किया. उनके बहनोई इशाक खायान ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि जिस तरह से मीडिया आउटलेट्स ने दिवंगत मोहम्मद इकबाल को आतंकवादी करार दिया, उससे उनका परिवार बेहद आहत था. “हम भारतीय हैं, हमें राष्ट्र के प्रति असीम प्रेम है और हम देश और सशस्त्र बलों के साथ खड़े हैं. लेकिन मेरे बहनोई की गोलीबारी में मौत हो गई, वो शहीद हो गए. ऐसी परिस्थितियों में, अगर किसी को आतंकवादी करार दिया जाता है, तो निश्चित रूप से ये दुखद है. ये दर्दनाक था.”

एक वीडियो में पीड़ित के छोटे भाई क़ारी मोहम्मद फ़ारूख अपने परिवार के साथ खड़े हैं और क़ारी मोहम्मद इकबाल के बारे में फ़ैली ग़लत सूचनाओं की निंदा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “हम पहले से ही दुखी हैं और अब इस त्रासदी ने हम पर हमला कर दिया है. गोदी मीडिया ये झूठ फ़ैला रहा है कि वो पाकिस्तानी आतंकवादी थे. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और ज़िला कलेक्टर (DC साहब) से उचित कार्रवाई करने की अपील करते हैं.”

कुल मिलाकर, क़ारी मोहम्मद इकबाल पाकिस्तानी आतंकवादी नहीं बल्कि वो कश्मीर के पुंछ ज़िले में एक शिक्षक और धार्मिक व्यक्ति थे. भू-राजनीतिक संघर्ष के एक महत्वपूर्ण पल में जहां न्यूज़ आउटलेट्स को तथ्यात्मक और विश्वसनीय जानकारी के सोर्स के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए थी, उन्होंने झूठ गढ़ना और झूठ फ़ैलाना शुरू कर दिया जिससे, एक सामान्य व्यक्ति, सबसे महत्वपूर्ण रूप से एक भारतीय नागरिक, को आतंकी बना दिया गया और उसे पाकिस्तान के एक आतंकवादी संगठन से जोड़ दिया गया. इससे भी बदतर, इन मीडिया आउटलेट्स द्वारा कोई माफ़ी या स्पष्टीकरण जारी नहीं की गई. 

(दिति पुजारा के इनपुट्स के साथ)

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Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.