28 दिसंबर, 2017 को एक लोकप्रिय फेसबुक पेज ‘Humans of Hindutva’ (HoH), जिसके द्वारा व्यंग्यपूर्ण तरीके से दक्षिणपंथी राजनीति का मजाक उड़ाया जाता था, बंद हो गया और इस पेज को नहीं देखा जा सका। कुछ घंटों बाद पैरोडी पेज के (एडमिन) व्यवस्थापक ने अपनी वेबसाइट www.satyanash.com पर लिखा कि उन्होंने स्वेच्छा से इस पेज को हटा दिया क्योंकि उन्हें ट्रोलों से धमकियां मिल रही थी, जो उनका फ़ोन नंबर प्राप्त करने में कामयाब रहे। HoH के एडमिन जिसने अपनी पहचान बताने से इंकार किया लिखा,
“मैं अपनी स्वेच्छा से छोड़ रहा हूँ। मुझे किसी के द्वारा न तो प्रतिबंधित किया गया है ना ही किसी ने मुझ पर जन याचिका दायर की है। कुछ वक्त से मुझे मारने की धमकियां मिल रही हैं जिन्हें मैं नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता। मेरे खिलाफ बहुत लोग हैं, एक भाजपा शासित राज्य में रहता हूँ और मध्यम वर्ग के परिवार से आता हूँ जिसका कोई राजनैतिक या प्रशासनिक संबंध नहीं हैं। मुझे गौरी लंकेश या अफराज़ुल खां जैसा अंत नहीं चाहिए। दरअसल, मुझे खुद से ज़्यादा अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता है। मुझे उम्मीद है मुझे धमकी देने वाले दोस्त इसे अपनी जीत समझेंगे और हमें अकेला छोड़ देंगे। मैंने HoH पेज़ हटा दिया है और जल्द ही वेबसाईट भी हट जाएगी। हिंदुत्व को इस डेविड बनाम गोलीयत लड़ाई (साम्राज्य बनाम एक मामूली इंसान की लड़ाई) में मिली जीत की शुभकामनाएं। (अनुवाद)”
DailyO वेबसाइट के संपादक जयराज सिंह जो उस व्यक्ति (पेज के एडमिन) को जानते हैं, ने इस बात की पुष्टी की है कि उसने वो पेज जान से मारने की धमकियां मिलने की वजह से हटाया है।
Had a brief chat with my friend who runs the Humans of Hindutva page. He told me that trolls have got a hold of his phone number and they're sending him death threats. He's scared for his wife and children, so he's shut the page for now. The nation can't take a joke.
— Jairaj Singh (@JairajSinghR) December 28, 2017
HoH के पेज को हटा देने का निर्णय और उसका कंटेट पूरे दिन सोशल मिडिया पर ट्रेंड का विषय बना रहा। इस खबर को द स्क्रौल, द वायर और डेलीओ जैसे पब्लीकेशन ने चलाया। पेज के प्रशंसक और फॉलोवर्स ने शोक व्यक्त किया और इसे ‘असहमति’ पर ‘फासीवाद’ की जीत बताया। वहीं दूसरी तरफ, जो इस पेज के खिलाफ़ थे उन्होंने इस पेज को फेसबुक के द्वारा हटाया गया बताया और कि ये नफरत फैलाने की वजह से जन याचिका के कारण हुआ है।
पत्रकार आरती टिकु सिंह उन लोगों में शामिल थी जिन्होंने HoH के दावे पर सवाल उठाया था कि पेज स्वेच्छा से हटा लिया गया है।
And what is this? Are @scroll_in @thewire_in @DailyO_ @htTweets & others now into fake news to glorify an abusive troll #HumansofHindutva ? pic.twitter.com/njtUYO5ZrP
— Aarti Tikoo Singh (@AartiTikoo) December 29, 2017
दक्षिणपंथी ब्लॉग ओप इंडीया ने एक लेख लिखा है कि फेसबुक ने सामाजिक दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए पेज को हटा दिया है।
Alt न्यूज़ ने HoH के (एडमिन) व्यवस्थापक से ईमेल पर संपर्क किया था, जिन्होंने फेसबुक द्वारा पेज हटा दिए जाने का दावा करने वाली बात को झूठा कहा। एक ईमेल वार्तालाप में, उन्होंने कहा:
“कुछ तस्वीरें ऐसी हैं जो दावा करतीे हैं कि मेरा पेज फेसबुक द्वारा हटा दिया गया यह बिलकुल गलत है। मैं यह साबित करने के लिए एक स्क्रीनशॉट साझा कर रहा हूं कि यह निर्णय मेरे द्वारा लिया गया था नाकि फेसबुक द्वारा। ऐसे कई लोग हैं जो पेज को हटाए जाने के मेरे फैसले पर जश्न मना रहे हैं, मैंने वो पेज मुझपर होने वाले खतरों के कारण हटाया। दुर्भाग्य से, मेरी हार में भी वे मेरे तरीके से व्यंग करके मुझे सही साबित कर रहे हैं। मुझे सही साबित करने के लिए धन्यवाद। यहां तक कि कुछ ‘पत्रकारों’ का मानना है कि मैं इसे पब्लिसिटी स्टंट के लिए कर रहा हूं और आत्मसमर्पण के लिए एक कायर हूं। जाहिर है, अपनी परिवार की सुरक्षा करना यदि उसे एक कायर बना देता है तो हाँ, मैं कायर हूँ मै अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करूँगा,(खासकर उसी वर्ष जब एक पत्रकार को उसी के दरवाजे पर गोली मार दी गई और भी कई सारे लोगों को मारा गया और एक आदमी को आग लगा दिया गया था और उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर फैलाया गया)। यदि मैं ऐसे देश में रह रहा होता जो मेरे जैसे लोगों की रक्षा कर सकता है तो मुझे पहली बार में गुमनाम नहीं होना पड़ता। आइये मुझसे बात करिये, जब आप हजारों अज्ञात, मुखौटे पहने दुश्मनों का सामना कर रहे हैं, जो सत्ताधारी के द्वारा प्रायोजित हैं। आप इसे महसूस नहीं करते लेकिन मेरी हार भी आपकी हार है। आज मैं हूं, कल आप हो सकते हैं। मैं उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने जा रहा हूँ जिन्होंने मुझे धमकी दी क्योंकि मैं एक ऐसी व्यवस्था में रहता हूँ जहां ऐसा करने से मुझे केवल जोखिम का सामना करना पड़ेगा। मैं आगे बढ़ रहा हूं और जल्द ही जब आप ऐसे मूर्खतापूर्ण पैरोडी पेज को हटाने पर जश्न मनाने के बाद आगे बढ़ सकेंगे। लेकिन याद रखना: मेरी हार आपकी भी हार है। आज यह मैं हूँ, कल यह आप भी हो सकते हैं। (अनुवाद)”
उन्होंने अपने दावे को सत्यापित करने के लिए निम्न स्क्रीनशॉट भी भेजे। स्क्रीनशॉट में, “Humans of Hindutva’ 14 दिनों में हटाया जाना निर्धारित है [हटाना रद्द]” (Humans of Hindutva is scheduled to be deleted in 14 days. Cancel Deletion) नोटिस देखा जा सकता है, जो इंगित करता है कि एडमिन ने खुद पेज को हटाने के लिए चुना है।
हमें एक और स्क्रीनशॉट प्राप्त हुआ, जिसके अनुसार URL “https://www.facebook.com/HoH Hindi” के साथ एक फेसबुक पेज वास्तव में निलंबित कर दिया गया था। सोशल मीडिया पर जो निलंबन नोटिस फैलाया जा रहा है, उसके “Humans of Hindutva” में एक कैपिटल ‘O’ है, जो HoH हिंदी पेज से मेल खाता है, जबकि मूल “Humans of Hindutva” में एक छोटा ‘o’ है।
यह दिखाने के लिए कि पेज वास्तव में स्वेच्छा से हटाया गया था नाकि फेसबुक द्वारा निलंबित नहीं किया गया था, पेज एडमिन के द्वारा इस पेज हो कुछ देर के लिए एक्टिव किया गया (फेसबुक पेज को ‘undelete’ (हटाना रद्द) करने के लिए 14 दिन तक की अनुमति देता है) और निम्नलिखित पोस्ट किया
‘Humans of Hindutva’ द्वारा अपनाया गया हास्य और व्यंग्य की शैली में विषय-वस्तु शेयर करने से कोई व्यक्ति सहमत/असहमत हो सकता है, लेकिन इस दावे का कोई तुक नहीं है कि फेसबुक द्वारा सामुदायिक मानकों के उल्लंघन के कारण इस पेज हटा दिया गया। यह (Admin) व्यवस्थापक का एक स्वैच्छिक निर्णय था।
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