IIT गुवाहाटी के पूर्व प्रोफ़ेसर डॉक्टर बृजेश कुमार राय ने ऑल्ट न्यूज़ से संपर्क किया और एक ट्वीट के स्क्रीनशॉट की प्रिन्ट कॉपी शेयर की. उन्होंने हमें बताया कि IIT गुवाहाटी की बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स (BoG) मिनट्स रिपोर्ट में उनके एक ऐसे ट्वीट का हवाला दिया गया है जो उन्होंने कभी किया ही नहीं. उन्होंने हमसे इस ट्वीट को वेरीफ़ाई करने का अनुरोध किया. साथ ही उन्होंने कोर्ट के कुछ अन्य दस्तावेज भी हमारे साथ शेयर किए जिसमें प्रासंगिक ट्वीट का स्क्रीनशॉट अटैच किया गया है.

क्या है मामला?

1 जनवरी 2020 को IIT गुवाहाटी के तत्कालीन असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. बृजेश कुमार राय को कदाचार के आरोप में मेजर पेनाल्टी कंपलसरी रिटायरमेंट दे दिया गया. 2 जनवरी 2020 को उन्हें संस्थान का क्वार्टर खाली करने का नोटिस दिया गया था.

2011 से IIT गुवाहाटी के इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत प्रोफ़ेसर बृजेश कुमार राय ने कम्पलसरी रिटायरमेंट से पहले IIT गुवाहाटी में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, 4 जनहित याचिकाएं और 450 से अधिक RTI आवेदन दायर किए हैं.

IIT गुवाहाटी की वेबसाइट पर मौजूद 22 अप्रैल 2021 को आयोजित बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (BOG) की 106वीं बैठक के दस्तावेज में बृजेश कुमार राय के एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट अटैच किया गया है. कुल 125 पेज के इस दस्तावेज के पेज नंबर 96 में मौजूद स्क्रीनशॉट के मुताबिक, डॉ. बृजेश कुमार राय ने शिक्षा मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय समेत कई अन्य अकाउंट को टैग करते हुए आह्वान किया कि वे छात्रों के जबरन निष्कासन के खिलाफ प्रोटेस्ट करेंगे. इस कथित ट्वीट में उन्होंने फैकल्टी गेट्स पर मौजूद दुकानों के मालिकों को शामिल करने की बात की. ट्वीट में ये भी लिखा है कि ये प्रदर्शन हिमंत बिस्वा शर्मा, भाजपा, मोदी और IIT गुवाहाटी के खिलाफ़ होगा और इसका नेतृत्व विक्रांत और हिमांचल करेंगे.

विक्रांत और हिमांचल IIT गुवाहाटी के छात्र हैं. इन्होंने अपने शिक्षक बृजेश राय की कंपलसरी रिटायरमेंट के विरोध में 4 से 7 जनवरी, 2020 तक भूख हड़ताल किया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च 2021 में IIT गुवाहाटी ने विक्रांत को तत्कालीन शैक्षणिक सत्र से निलंबित कर दिया था. इसके बाद उन्हें संस्थान से टर्मिनेट कर दिया गया. वहीं हिमांचल सिंह को अपना रीसर्च जारी रखने के लिए IIT गुवाहाटी द्वारा छह सूत्री शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करवाया गया. इस शपथ पत्र में ये भी लिखा था कि वे भविष्य के किसी भी विरोध प्रदर्शन या आंदोलन में भाग नहीं लेंगे.

अक्टूबर 2021 में IIT गुवाहाटी ने कोर्ट ऑफ़ चीफ़ जुडीशियल मजिस्ट्रेट, कामरूप के समक्ष बृजेश राय पर आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई (शिकायत नंबर – 79/2021). इस शिकायत के 10 व 11 पेज नंबर के पॉइंट नंबर 8 में लिखा है कि डॉ. राय ने अपने दुष्प्रचार अभियान का अधिक से अधिक लाभ उठाने के इरादे से 11 मार्च 2021 को एक रैली आयोजित करने के उद्देश्य से अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ IIT गुवाहाटी के परिसर में एक विशेष राजनीतिक दल से संबंधित सार्वजनिक हस्तियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का इरादा किया. उक्त ट्वीट आरोपी व्यक्ति द्वारा 11 मार्च 2021 को अपने ट्विटर हैंडल @brijeshrai से किया गया था और उसी ट्वीट को निम्नानुसार पुन: प्रस्तुत किया गया है. इस दस्तावेज में बृजेश कुमार राय के कथित ट्वीट को शब्दसः लिखा गया है. साथ ही कथित तौर पर उनके सोशल मीडिया अकाउंट से लिए गए स्क्रीनशॉट की कॉपी इसके साथ संलग्न है और Annexure-B के रूप में चिह्नित है. जब हमने बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स (BOG) मिनट्स रिपोर्ट और Annexure-B में मौजूद ट्वीट का मिलान किया तो पाया दोनों स्क्रीनशॉट एक ही हैं.

14 मार्च 2022 को गुवाहाटी हाई कोर्ट में IIT गुवाहाटी द्वारा फ़ाइल किये गए रिट अपील के मुताबिक, घटनाओं का क्रम कुछ इस प्रकार है. ज्ञात हो कि इसमें Respondent (प्रोफेसर डॉ बृजेश कुमार राय) हैं, और Appellant institute (IIT गुवाहाटी) है.

इस रिट अपील (W.A. No. 117/2022) के इंडेक्स में Annexure-7 (पेज नंबर 464 से 474) में प्रतिवादी के सोशल मीडिया अकाउंट के स्क्रीनशॉट की कॉपी और 22 अप्रैल 2021 को आयोजित बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स (BOG) की 106वीं बैठक के प्रासंगिक भाग का ज़िक्र है. जब हमने रिट अपील का पेज नंबर 465 (Annexure-7) देखा तो पाया कि वहां भी बृजेश कुमार राय के कथित ट्वीट का स्क्रीनशॉट अटैच किया गया है.

फ़ैक्ट-चेक

दस्तावेजों में मौजूद उस ट्वीट को गौर से देखने पर ही पता चल जाता है कि ये एक फ़र्ज़ी ट्वीट है. इसमें कई त्रुटियां हैं. सबसे पहले गौर करने वाली बात ये है कि इस ट्वीट में कुल 341 कैरेक्टर्स हैं, जबकि ट्विटर की कैरेक्टर लिमिट मात्र 280 है. इसमें ट्वीट कैरेक्टर लिमिट से 61 कैरेक्टर ज्यादा है. उदाहरण के तौर पर हम यहां एक स्क्रीनशॉट अटैच कर रहे हैं.

दूसरी गौर करने वाली बात है कि कथित ट्वीट के स्क्रीनशॉट में सबसे ऊपर ‘ट्वीट लिखा है और साथ ही बैक बटन है, जो तभी दिखता है जब हम किसी ट्वीट पर क्लिक करके उसपर जाते हैं. ट्विटर फ़ीड पर दिखने वाले ट्वीट्स में ये बैक बटन नहीं होता. जब किसी ट्वीट को पूरा खोला जाता है तब उसके डीटेल्स लिखे होते हैं, जैसे टाइम, डेट, डिवाइस और उसके बाद रीट्वीट्स और लाइक्स के नंबर. और सबसे नीचे रिप्लाई, रीट्वीट, और लाइक का बटन, जिसके साथ कोई नंबर नहीं होता. जबकि इस ट्वीट में ऐसा नहीं है, इसमें ऊपर बैक बटन तो है लेकिन नीचे टाइम, डेट, डिवाइस जैसे अन्य डीटेल्स नहीं हैं. तीसरी गौर करने वाली बात ये है कि जब किसी ट्वीट पर क्लिक करके उसे खोला जाता है तो उसमें मौजूद टेक्स्ट का अलाइनमेंट प्रोफ़ाइल पिक्चर के नीचे होता है, जबकि इस ट्वीट में मौजूद टेक्स्ट का अलाइनमेंट नाम के नीचे है. ऐसा टाइमलाइन/फ़ीड वाले ट्वीट में होता है. यानी, ये ट्वीट फ़र्ज़ी है. इसे एडिट करके बनाया गया है.

गुवाहाटी हाई कोर्ट में फ़ाइल किये गए रिट अपील में हमें प्रोफ़ेसर बृजेश राय का एक अन्य ट्वीट मिला. ये ट्वीट अब भी ट्विटर पर मौजूद है. इसे इस आर्काइव लिंक पर देखा जा सकता है. फ़र्ज़ी ट्वीट में ठीक इसी क्रम में कई अकाउंट को मेंशन किया गया है जैसा कि इस ट्वीट में किया गया है.

IIT गुवाहाटी द्वारा फ़ाइल किये गए रिट अपील में मौजूद बृजेश राज के असली ट्वीट (दाहिने) व नकली ट्वीट (बाएं) को नीचे दिए विज़ुअल कंपेरिजन से बेहतर समझा जा सकता है.

इस विज़ुअल को देखने के बाद एक और बात गौर करने लायक है कि ओरिज़नल ट्वीट (दाहिने) में, नीचे जितने भी अकाउंट्स को मेंशन किया गया है, उसमें पहला @EduMinOfIndia को छोड़कर नीचे हर मेंशन से पहले एक स्पेस है. ठीक उसी प्रकार फ़र्ज़ी ट्वीट (बाएं) में भी @EduMinOfIndia को छोड़कर नीचे हर मेंशन से पहले एक स्पेस है. इससे ये मालूम चलता है कि डॉ बृजेश कुमार राय के टाइमलाइन से इस ओरिजनल ट्वीट के स्क्रीनशॉट के निचले हिस्से को फ़र्ज़ी ट्वीट में एडिट करके जोड़ा गया ताकि वो सच लगे.

कुल मिलाकर, हमने पाया कि IIT गुवाहाटी की बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स (BOG) मिनट्स रिपोर्ट, व अन्य कोर्ट के दस्तावेजों में प्रोफ़ेसर डॉ बृजेश कुमार राय के नाम से एक फ़र्ज़ी ट्वीट का उल्लेख है. इसे इस प्रकार एडिट किया गया है कि वो असली दिखे.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).