सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल है. इसमें दंगे के दौरान पुलिस अधिकारियों को एक व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई करते हुए देखा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि एक स्थानीय नेता ने यूपी पुलिस को चुनौती दी थी कि ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे नहीं होने दिया जाएगा इसलिए पुलिस ने मौके पर ही उनका ‘सर्वे’ कर दिया.

इस वीडियो को ट्विटर पर कई यूज़र्स ने शेयर किया है.

वायरल वीडियो इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर भी वायरल हो रहा है.

ये वीडियो ज्ञानवापी मस्जिद मामले के संदर्भ में शेयर किया जा रहा है, जिसे मुगल बादशाह औरंगजेब ने बनवाया था. कई हिंदुओं का मानना ​​है कि ये मस्जिद भगवान शिव के एक मंदिर के ऊपर है. मीडिया में फिलहाल एक महीने से ज़्यादा वक्त से ये मस्जिद चर्चा का विषय बना हुआ है. आर्टिकल 14 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत भर में कम से कम चार राज्यों में 12 समान याचिकाएं हैं जिनमें मस्जिदों और इस्लामी युग के स्मारकों पर इसी तरह का दावा किया गया है.

फ़ैक्ट-चेक

हमने वीडियो से की-फ्रेम लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें समाजवादी पार्टी का एक ट्वीट मिला. ये ट्वीट जुलाई 2021 का है. यानी, ये करीब एक साल पुराना है और हाल की घटना से संबंधित नहीं है.

ट्वीट में लिखा है, “प्रयागराज में मुख्यमंत्री के आदेश पर सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस का बर्बर लाठीचार्ज घोर निंदनीय. सत्ता के दमन से मिली जीत का खोखला जश्न ज्यादा दिन नहीं चल पाएगा. प्रदेश का युवा, किसान, महिलाएं और बेटियां 2022 में सपा सरकार बनाएंगे.”

इसे ध्यान में रखते हुए हमने एक की-वर्ड्स सर्च किया, जिससे नवभारत टाइम्स की एक न्यूज़ रिपोर्ट सामने आई. रिपोर्ट के मुताबिक, UP के प्रयागराज में ज़िला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान मतगणना में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर धरना प्रदर्शन करने के बाद पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया.

इसी तरह, 4 जुलाई, 2021 को पब्लिश हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में ज़िक्र किया गया कि सपा ने आरोप लगाया है कि राज्य के ज़्यादातर ज़िलों में ज़िला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव होने पर उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया था.

साथ ही वायरल वीडियो में साफ तौर पर एक स्टोर का नाम दिख रहा है. बोर्ड पर “छप्पन भोग” ​​लिखा है. गूगल मैप्स पर ढूंढने पर पर प्रयागराज में स्थित स्टोर को बहुत आसानी से देखा जा सकता है.

कुल मिलाकर, सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस के लाठीचार्ज के पुराने वीडियो को ज्ञानवापी मस्जिद मामले से जोड़कर शेयर किया गया.

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Kalim is a journalist with a keen interest in tech, misinformation, culture, etc