सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. वीडियो में बुर्का पहने एक शख्स को पुलिस गिरफ़्तार करती दिख रही है. इसे कई लोगों ने अलग-अलग कैप्शन के साथ शेयर किया है. कर्नाटका विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस से जुड़े मनीष कुमार कश्यप ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “एक धर्म को बदनाम करने के लिए कितना गिरोगे,,पैसे के लिए कुछ भी करने वाले लोगों का एक समूह #कर्नाटक में बुर्का पहनकर पुलिस पर पथराव करते पकड़ा गया।” (आर्काइव लिंक)

और भी कुछ यूज़र्स ये वीडियो शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि BJP के लोग हिजाब पहनकर पुलिस पर पथराव कर रहे थे जिन्हें पुलिस ने पकड़ा. (आर्काइव लिंक)

2022 में कर्नाटक हिजाब विवाद के बीच ये वीडियो हुआ था वायरल

भाजपा दिल्ली के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल, भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता प्रशांत उमराव ऐसे कुछ प्रमुख नाम हैं जिन्होंने ये वीडियो शेयर किया था.

भाजपा महिला मोर्चा यूपी की स्टेट सोशल मीडिया प्रमुख सुचित्रा पाठक कक्कड़ ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि कर्नाटक में पकड़े गए हिजाब बैन विवाद के प्रदर्शनकारियों में से एक ये व्यक्ति था.

हिजाब बैन विवाद कर्नाटक के एक पीयू कॉलेज से शुरू हुआ और अलग-अलग हिंदू संगठनों द्वारा शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में हिजाब पर बैन लगाने की मांग के साथ पूरे देश में फैल गया.

ये वीडियो व्हाट्सऐप पर इस मेसेज के साथ शेयर किया जा रहा था कि कर्नाटक में हिजाब बैन का विरोध करने वालों में ज़्यादातर पुरुष हैं. ऑल्ट न्यूज़ की व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) पर और ऑफ़िशियल ऐप (एंड्रॉइड,iOS) पर इस वीडियो की सचचाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.

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पत्रकार राकेश कृष्णन सिम्हा ने ये वीडियो ऐसे ही दावे के साथ ट्वीट किया.

ये वीडियो व्हाट्सऐप पर एक और दावे के साथ भी शेयर किया जा रहा था जिसमें लिखा है कि बुर्का पहने आदमियों के “आतंकवादी ग्रुप” को कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पुलिस पर पथराव करने के आरोप में ग़िरफ्तार किया गया. ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी उसी कैप्शन के साथ वायरल था.

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फ़ैक्ट-चेक

की-वर्ड्स सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को मालूम हुआ कि ये वीडियो 2020 का है जब आंध्र प्रदेश पुलिस ने शराब की तस्करी के आरोप में बुर्का पहने इस व्यक्ति सहित कुछ और लोगों को गिरफ़्तार किया था.

ETV आंध्र प्रदेश ने इस घटना के बारे में एक वीडियो रिपोर्ट पब्लिश की थी. वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि कुरनूल ज़िले में कई लोगों को बुर्का पहनकर अवैध शराब की तस्करी करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.

इसके अलावा, ये दावा भी ग़लत है कि ग़िरफ्तार किए गए बुर्का-पहने प्रदर्शनकारियों में से 40% पुरुष थे. हमने अलग-अलग न्यूज़ रिपोर्ट्स चेक किये. लेकिन ऐसी किसी ग़िरफ्तारी की कोई खबर नहीं मिली.

अगस्त 2020 में ये वीडियो इस झूठे दावे के साथ शेयर किया गया था कि एक आरएसएस कार्यकर्ता को बुर्का में पाकिस्तानी झंडा लहराते हुए पकड़ा गया.

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