18 फ़रवरी को PTI ने जानकारी दी कि राजस्थान में एक व्यक्ति को कथित तौर पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. मोहम्मद यूनुस नामक इस व्यक्ति पर भारतीय सेना की नसीराबाद छावनी की गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ व्हाट्सऐप पर शेयर करने का आरोप लगाया गया था.
इस घटना के 2 दिन बाद ट्विटर यूज़र @AkshatK93411224 ने एक वीडियो ट्वीट किया. वीडियो में वर्दी पहने हुए अधिकारी दो मुस्लिम व्यक्तियों पर लाठीचार्ज करते हुए दिख रहे हैं. वीडियो में दिख रहा है कि सेना के जवान इन दोनों को जबरन एक वैन में बिठा रहे हैं. शेयर किये गए इस वीडियो को 30 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि वीडियो में सेना के जवान मोहम्मद यूनुस, अहमद मौलाना और सद्दाम पर लाठीचार्ज कर रहे हैं. और इन्हें ही अजमेर में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ़्रतार किया गया था. कई ट्विटर यूज़र्स ने ये वीडियो ट्वीट किया है.
ट्विटर यूज़र @iyogitasingh ने भी ये वीडियो ट्वीट किया जिसे 500 से ज़्यादा रिट्वीट मिला. पहले भी इस अकाउंट से कई ग़लत जानकारियां शेयर की गई हैं जिस पर लिखी ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं. कई और ट्विटर यूज़र्स ने भी ये वीडियो ट्वीट किया है.
बेटे कही गड़बड़ करते मिले आगे से नीला पीछे से पिला कर दिये जाओगे ध्यान रखना सिंघासन पर मोदी जी है😛😛
अजमेर से पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले मोहम्मद यूनुस,अहमद मौलाना,और सद्दाम को सेना ने डंडे मारे 😂😂😂 pic.twitter.com/sKD2ACvT1W
— पुनीत पांडेय🇮🇳🇮🇳 (@022BJP) February 21, 2022
कई फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी ये वीडियो पोस्ट किया.
फ़ैक्ट-चेक
जांच करते हुए ऑल्ट न्यूज़ को मालूम हुआ कि ये वीडियो 2 साल पुराना है. इसे पत्रकार अनुराग द्वारी ने अप्रैल 2010 में पोस्ट किया था. उन्होंने लिखा था ये मध्य प्रदेश के रतलाम ज़िले में लॉकडाउन के दौरान हुई घटना से जुड़ा वीडियो है.
रतलाम में #lockdown #Lockdown21 का उल्लंघन कर सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने पर पुलिस की कार्रवाई #Covid_19 #coronavirus #StayHome #lockdown @ndtvindia @shailendranrb @ajaiksaran @dharamtiwari @PoliceWaliPblic @sunilcredible pic.twitter.com/MdWvzk8LBR
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) April 17, 2020
वनइंडिया हिंदी ने बताया कि पुलिस ने COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने की वजह से रतलाम के ओमकाला सड़क पर एक मस्जिद से कुछ लोगों को गिरफ़्तार किया था. कुछ लोगों को आईपीसी की धारा 188 [लोक सेवक के आदेश का पालन नहीं करना], 269 [लापरवाही जिससे खतरनाक बीमारी के संक्रमण के फैलने की संभावना हो] और 270 [खतरनाक काम जिससे खतरनाक बीमारी के संक्रमण फैलने की संभावना हो] के तहत गिरफ़्तार किया गया था.
कुल मिलाकर, 2020 में COVID-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने की वजह से रतलाम के कुछ मुस्लिम व्यक्तियों को ग़िरफ्तार किए जाने का वीडियो ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया.
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