2024 के चुनाव अभियान में ग़लत जानकारी की कितनी बड़ी भूमिका होगी? ये सवाल कई प्लेटफ़ार्म्स पर बहुत से लोगों ने पूछा है. जैसे-जैसे भारतीय चुनाव का महासमर अपने चरम पर पहुंच रहा है, इस सवाल का जवाब बिल्कुल साफ होता जा रहा है. फिलहाल, भाजपा का लोकसभा 2024 का चुनाव अभियान झूठ, ग़लत और सांप्रदायिक नफरत पर मजबूती से खड़ा है. ये कुछ ऐसे उपकरण हैं जिसके साथ पार्टी ने हमेशा अपने पक्ष में प्रचार करने की कोशिश की है. और इसके पीछे का कारण आईटी सेल और अमित मालवीय है. चुनावी मौसम अपने चरम पर है, भाजपा ने नो-होल्ड-वर्जित तरीके से इनका इस्तेमाल करने का फैसला किया है.
पीएम मोदी इनका नेतृत्व कर रहे हैं
21 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बांसवाड़ा में दिया गया भाषण (जिसमें उन्होंने अपने दर्शकों को ग़लत सूचना और सांप्रदायिक नफरत का कॉकटेल परोसा) इसका सिर्फ एक उदाहरण था. हिंदुओं की संपत्ति छीनने के लिए मुसलमानों को ‘घुसपैठिए’ और ‘ज़्यादा बच्चे पैदा करने वाले’ कहकर उनके अपमानजनक संदर्भ पर विपक्ष और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जबकि ऑपइंडिया संपादक नूपुर जे शर्मा जैसे राईट विंग ट्रोल ने इसका जश्न मनाया. और फिर उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया था कि महिलाओं के पास मौजूद सोना, खासकर उनका मंगलसूत्र, छीन लिया जाएगा और मुसलमानों को दे दिया जाएगा. ऑल्ट न्यूज़ ने इसकी पड़ताल की थी कि घोषणापत्र में कल्पना के किसी भी स्तर पर इस तरह की कोई बात नहीं कही गई है.
सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को गहरा करने के अलावा, मोदी के भाषण में जो हासिल किया जा सकता था, वो था चुनाव के बीच पूरे राजनीतिक विमर्श को उस दिशा में ले जाना, जहां हिंदुओं को नुकसान पहुंचाने के लिए कांग्रेस को मुस्लिम सांठगांठ के रूप में दिखाया जा सके. मोदी के बाद से भाजपा के हर बड़े नेता ने यही बात दोहराई है. और मुसलमानों का ये तिरस्कार – हिंदुओं की नौकरियों और संपत्ति को हड़पने वाले शैतान के रूप में दिखाना – RSS -भाजपा के ‘हिंदू खतरे में है’ के बड़े सांप्रदायिक एजेंडे के भीतर अच्छी तरह से फ़िट बैठता है.
23 अप्रैल को राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर निर्वाचन क्षेत्र में मोदी ने उन्हीं झूठ को दोहराया जिनका उन्होंने बांसवाड़ा भाषण में सहारा लिया था. उन्होंने दो दिन पहले के अपने शब्दों का ज़िक्र करते हुए कहा, ”जब मैं एक दिन पहले राजस्थान आया था, तो अपने 90 सेकंड के भाषण में मैंने देश के सामने कुछ सच्चाइयां रखीं. इससे पूरे कांग्रेस और भारतीय गठबंधन में इतनी खलबली मच गई… मैंने देश के सामने सच्चाई रखी कि कांग्रेस ने आपकी संपत्ति छीनने और अपने खास चहेतों में बांटने की गहरी साजिश रची है. मैंने कुछ दिन पहले इसका खुलासा किया था.”
35 मिनट के भाषण में मोदी 15 मिनट से ज़्यादा समय तक कांग्रेस-मुस्लिम मिलीभगत के सिद्धांत पर ही चर्चा करते रहे. गौरतलब है कि कांग्रेस के घोषणापत्र के प्रकाशन के तुरंत बाद मोदी ने इसे मुस्लिम लीग का घोषणापत्र कहा था. टोंक में उन्होंने अपने दर्शकों से भाजपा को वोट देने का आग्रह किया ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि राज्य में रामनवमी मनाई जाएगी साथ ही हनुमान चालीसा गाई जा सके. उन्होंने ये भी कहा, ”और आपको पता होगा उन्होंने मेनिफ़ेस्टो में लिखा है की आपकी संपति का सर्वे करेंगे, हमारी माताओं बहनों के पास जो स्त्री धन होता है जो ‘मंगलसूत्र’ होता है उसका सर्वे करेंगे…. और फिर आपकी सारी संपत्ति ज़रूरत से ज़्यादा जो भी होगा वो उनका कब्ज़ा करेगी उनकी सरकार..कहते हैं..और फिर लोगों को बांट देंगे अगर आपके पास दो घर है..तो एक्सरे करेंगे कि भाई दो घर है, एक वापस दो, सरकार को दो..”
फ़ैक्ट ये है कि कांग्रेस के घोषणापत्र में संपत्ति सर्वेक्षण और वितरण का कोई ज़िक्र नहीं है. फ़र्स्टपोस्ट, बूमलाइव, एबीपी लाइव, NDTV सहित ऑल्ट न्यूज़ सहित कई मीडिया आउटलेट्स ने प्रधानमंत्री के झूठे दावे को उजागर किया है.
प्रधानमंत्री ने 29 अप्रैल को टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में मुसलमानों के बीच बहुसंख्यकों की संपत्ति बांटने की कांग्रेस की ‘भयानक’ योजना पर अपने दावे दोहराए और इसे ‘माओवादी सोच और विचारधारा’ कहा. धन बांटने पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा:
अमित शाह
PM मोदी के घुसपैठिए वाले बयान के अगले ही दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के कांकेर में एक रैली को संबोधित किया. अमित शाह ने पूछा कि कांग्रेस संपत्ति का सर्वे क्यों कराना चाहती है. उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वो भारत की जनता के सामने आकर सफाई दें कि क्या कांग्रेस के घोषणापत्र में किसी सर्वेक्षण की बात कही गई है. जैसा कि पहले ही ज़िक्र किया गया है, कांग्रेस के घोषणापत्र में धन सर्वेक्षण के बारे में बात नहीं की गई है. इसमें धन के पुनर्वितरण की बात ही नहीं की गई है, किसी विशेष समुदाय के बीच तो दूर की बात है.
Chattisgarh, Kanker: While addressing a public meeting, Union Home Minister Amit Shah says, “The first right on resources belongs to the poor, tribal, Dalit, and backward communities of the country.” pic.twitter.com/GePLUtoT69
— IANS (@ians_india) April 22, 2024
अमित शाह ने 26 अप्रैल को मध्य प्रदेश के गुना में और 28 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बेमेतरा ज़िले में भाषण दिया. दोनों जगहों पर, उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में ये साफ कर दिया गया था कि पार्टी शरिया कानून लागू करना चाहती है और तीन तलाक को फिर से लागू करना चाहती है.
उन्होंने मध्य प्रदेश में अपने भाषण में कहा, “कांग्रेस घोषणापत्र को ध्यान से पढ़ें. उन्होंने कहा है कि वे मुस्लिम पर्सनल लॉ और तीन तलाक को फिर से लागू करेंगे. आप मुझे बताएं, क्या यह देश शरिया से चल सकता है?”
छत्तीसगढ़ में अमित शाह ने कहा, ”उन्होंने कहा है कि वे अल्पसंख्यकों के लिए एक अलग कानून बनाएंगे. बताओ, क्या इस देश को शरिया के मुताबिक़ चलना चाहिए? क्या तीन तलाक को दोबारा लागू किया जाना चाहिए?”
कांग्रेस के घोषणा पत्र में तीन तलाक या शरिया का कोई ज़िक्र नहीं है. व्यक्तिगत कानूनों के बारे में घोषणापत्र के ‘रिलीजियस एंड लिंगविस्टिक’ टाइटल वाले हिस्से में कहा गया है:
- कांग्रेस ये सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक नागरिक की तरह, अल्पसंख्यकों को भी पोशाक, भोजन भाषा और व्यक्तिगत कानून चुनने की स्वतंत्रता हो.
- हम व्यक्तिगत कानूनों में सुधार को प्रोत्साहित करेंगे. ऐसा सुधार संबंधित समुदायों की भागीदारी और सहमति से किया जाना चाहिए.
राजनाथ सिंह
मोदी कैबिनेट में तीसरे नंबर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 24 अप्रैल को विशाखापत्तनम में एक बैठक को संबोधित किया, जिसे ‘बौद्धिक बैठक’ कहा गया. राजनाथ सिंह ने अपने भाषण की शुरुआत इस बात से की कि मोदी शासन में वैश्विक मंच पर भारत का कद काफी बेहतर हुआ है. और फिर उन्होंने दर्शकों को ‘वार रुकवा दी’ वाली कहानी भी सुनाई जो इतनी अविश्वसनीय है कि अब ये एक मीम में बदल गई है. “हमारे प्रधानमंत्री ने तुरंत रूसी राष्ट्रपति श्री पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति श्री ज़ेलेंस्की से बात की और युद्ध को साढ़े चार घंटे के लिए रोका गया और 22 हज़ार से ज़्यादा छात्र भारत लौट आए. ये भारत का कद है.” ‘बुद्धिजीवियों’ ने ख़ुशी से तालियां बजाईं. उनके भाषण का सबंधित हिस्सा नीचे सुना जा सकता है:
अब ये बात कई लोगों को पता है कि केंद्रीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 3 मार्च, 2022 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस दावे का खंडन करते हुए कहा था, “लेकिन ये अनुमानित करना कि किसी ने बॉम्बिंग रोक दी या ऐसा कुछ जहां हम कॉर्डीनेट कर रहे हैं तो मुझे लगता है कि ये बिल्कुल ग़लत है.
उनके भाषण में ज़ल्द ही मुस्लिम सवाल भी आ गया. राजनाथ सिंह ने कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति कांग्रेस के DNA में थी जिसने मुस्लिम लीग के साथ मिलकर देश को धर्म के आधार पर बांटने का काम किया. उन्होंने जोर देकर कहा, “भाजपा ने कभी भी जाति, पंथ और धर्म का राजनीतिकरण नहीं किया.”
राजनाथ सिंह ने इस पर जोर दिया और कहा कि आंध्रप्रदेश कांग्रेस के सांप्रदायिक एजेंडे की पहली प्रयोगशाला थी, और इसे ‘गंदा खेल’ कहा. “2004 और 2010 के बीच, कांग्रेस ने आंध्रप्रदेश में मुस्लिम आरक्षण लागू करने के लिए चार बार कोशिश की लेकिन कानूनी प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट की सतर्कता के कारण वे अपने मिशन में नाकामयाब रहे.”
उन्होंने आगे कहा, ”अब 2024 में कांग्रेस का जो मेनिफ़ेस्टो लेकर आई है उसके भीतर फिर से मुस्लिम रिजर्वेशन का दांव बड़ी चालाकी से चला गया है, इनडायरेक्टली. हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने कांग्रेस के इस क्लेवेरनेस को एक्स्पोज किया है, तो कांग्रेस आज पूरी तरह उनके ऊपर अटैक करने पर अमादा है. कांग्रेस कहती है कि प्रधानमंत्री इज टेलिंग ए लाइ. झूठ बोल रहे हैं जब सच्चाई ये है कि कांग्रेस खुलेआम इस देश की जनता की आँखों में धूल झोंक रही है.. कांग्रेस के इलेक्शन मेनिफ़ेस्टो में माइनॉरिटी वाले सेक्शन में सेक्शन 3 और 6 को साथ पढ़ने पर ये साफ हो जाता है कि कांग्रेस की मंशा क्या है.” फिर उन्होंने इन दोनों सेक्शन को पढ़ा, जो इस प्रकार हैं:
- हम अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों और युवाओं को शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय, सेवा, खेल, कला और अन्य क्षेत्रों में बढ़ते अवसर का पूरा लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित और सहायता करेंगे.
- हम ये सुनिश्चित करेंगे कि अल्पसंख्यकों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सार्वजनिक क्षेत्रों में बिना किसी भेदभाव के रोजगार, सार्वजनिक निर्माण अनुबंध, कौशल विकास, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों के अवसरों का उचित हिस्सा मिले.
राजनाथ सिंह ने कहा, निष्पक्षता सुनिश्चित करने का ये वादा, “पिछले दरवाजे से धार्मिक-आधारित आरक्षण लाने की तैयारी थी.” इसके बाद उन्होंने इसका मतलब निकालते हुए कहा कि ये सभी प्रावधान सच्चर समिति की रिपोर्ट पर आधारित थे, जिसमें भारतीय सेना को धर्म के आधार पर विभाजित करने की मांग की गई थी. “इस साल का घोषणापत्र सरकारी नौकरियों में धर्म के आधार पर आरक्षण का संकेत देता है. अगर ये लागू हुआ तो सशस्त्र बल भी इसके दायरे में आ सकते हैं. इससे भारत की एकता और अखंडता पर असर पड़ेगा.”
फ़ैक्ट ये है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में धर्म आधारित आरक्षण का कोई ज़िक्र नहीं है. घोषणापत्र के ‘समानता’ खंड में तीसरा पॉइंट बिना किसी भेदभाव के सभी जातियों और समुदायों के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10% आरक्षण लागू करने का वादा करता है. डॉक्यूमेंट में सच्चर समिति की रिपोर्ट का भी कोई ज़िक्र नहीं है.
रक्षा मंत्री विशेष रूप से ‘वॉर रुकवा दी’ के दावे से प्रभावित होंगे, क्योंकि विजाग बैठक से एक दिन पहले, उन्होंने 23 तारीख को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव का दौरा किया था जहां उन्होंने गौतम बुद्ध नगर से भाजपा के उम्मीदवार महेश शर्मा के समर्थन में एक रैली की थी. उन्होंने इसे वहां भी दोहराया.
असल में उन्होंने पहले भी अनगिनत बार ये झूठा दावा किया है. (अप्रैल 15, 2024; 10 जनवरी, 2024; 14 मई, 2023) जब एक झूठ, बार-बार दोहराया जाता है, तो वो सच का रूप ले लेता है – ये प्रचार का एक नियम है जिसका क्रेडिट अक्सर नाज़ी विचारक जोसेफ़ गोएबल्स को दिया जाता है.
योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 अप्रैल को अमरोहा में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया. उन्होंने ये दावा दोहराया कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में देश में शरिया कानून लागू करने का इरादा जताया था. बीजेपी के बुलडोज़र न्याय के पोस्टर ब्वॉय ने पूछा, “क्या ये देश डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा बनाये गये संविधान से चलेगा या किसी शरीयत से”? उन्होंने कुछ देर इस मुद्दे पर चर्चा की और बताया कि पर्सनल लॉ यानी शरिया लागू करने का वादा कांग्रेस के घोषणापत्र में इसलिए किया गया था क्योंकि “पीएम मोदी ने तीन तलाक बंद कर दिया था…”
यूपी के संभल निर्वाचन क्षेत्र में एक अन्य भाषण में उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में मुसलमानों को गाय काटने की खुली छूट देने का वादा किया गया था.
अनुराग ठाकुर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में विदेशी हाथ की छाप स्पष्ट थी, जो “अपने बच्चों की मुसलमानों को संपत्ति देना” चाहती थी. यहीं से वो फिर से चुनाव लड़ रहे हैं.
अनुराग ठाकुर ने कहा, “कांग्रेस के घोषणापत्र में कांग्रेस के हाथ के साथ विदेशी ताकतों का हाथ नज़र आता है जो आपके संतान की संपत्ति मुसलमान को देना चाहते हैं, देश के परमाणु हथियार को खत्म करना चाहते हैं, जातिवाद पर क्षेत्रवाद पर देश को बांटना चाहते हैं.” उन्होंने आगे कहा, “तय आपको करना है कि संतान की संपत्ति उसको मिले या मुसलमानों को…”
#WATCH | Hamirpur, Himachal Pradesh: Union Minister Anurag Thakur says, “In the Congress manifesto, along with the hand of the Congress, hands of foreign forces are also visible who want to give your children’s property to Muslims, finish the nations nuclear weapons, divide the… pic.twitter.com/3dxJE6avvz
— ANI (@ANI) April 27, 2024
उपर बताए सभी भाषणों में एक बात साफ तौर पर स्पष्ट थी, मतदाताओं को सांप्रदायिक रूप से ध्रुवीकरण करने की कोशिश. जैसा कि अलजज़ीरा के आर्टिकल में लिखा गया है, भाजपा 2024 के चुनावों को हिंदू बनाम मुस्लिम लड़ाई में बदलने की अपनी कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. एक आर्टिकल का टाइटल था, “मोदी ने भारत के मुसलमानों को ‘घुसपैठिया’ क्यों कहा? क्योंकि वो ऐसा कर सकते थे.” न्यूयॉर्क टाइम्स ने मोदी की उग्र मुस्लिम विरोधी पिच का पता उनके RSS प्रचारक दिनों से लगाया है. ऐसी विभाजनकारी रणनीति की ज़रूरत पर विचार करते हुए, NYT ने लिखा, “ये चिंता का संकेत हो सकता है कि मतदाताओं के साथ उनका रुख उतना दृढ़ नहीं है जितना माना जाता है, विश्लेषकों ने कहा ये उस विभाजनकारी धार्मिक विचारधारा की एक प्रतिवर्ती अभिव्यक्ति मात्र हो सकती है जिसने शुरू से ही उनकी राजनीति को बढ़ावा दिया है.”
सोशल मीडिया फ़ुट सोल्जर्स
अपेक्षित रूप से भाजपा के सोशल मीडिया योद्धाओं ने इस प्रस्ताव को अच्छे से उठाया है, जिसमें X और अन्य प्लेटफ़ार्म्स पर IT सेल और मौजूद अन्य इन्फ्लुएंसर शामिल हैं. जाति और धर्म से परे धन के समान वितरण का वादा करने वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के एक वीडियो को अमित मालवीय ने ‘खतरनाक और विभाजनकारी’ बताकर किया. सिद्धारमैया ने पिछले साल मुसलमानों को संबोधित करते हुए कहा था, ”आपको भी इस देश की संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए. आप भी भारतीय हैं ना… ये देश आपका और हमारा होना चाहिए. इस देश की संपत्ति आपकी है और हमारी है, इसलिए मैं इस देश की संपत्ति को भी आपको बांटने का काम करूंगा. इस मामले में, मैं एक बात कहूंगा कि आपके साथ किसी भी कारण से गलत व्यवहार नहीं किया जाएगा. मैं आपकी रक्षा के लिए काम करता हूं. इसी तरह, मैं सभी धर्मों और जातियों के लोगों की रक्षा के लिए काम करता हूं.” वीडियो को ऋषि बागरी और शशांक शेखर झा जैसे राईट विंग इन्फ्लुएंसर द्वारा हिंदुओं की संपत्ति छीनने और मुसलमानों को बांटने की कांग्रेस की योजना के सबूत के रूप में ग़लत तरीके से शेयर किया गया था. ऋषि बागरी और अन्य यूज़र्स ने एक मीम भी शेयर किया जिसमें मुसलमानों को एक हिंदू परिवार के घर पर कब्ज़ा करते हुए दिखाया गया है. कैप्शन में कहा गया है: “वे आपके परिवार के घर, आपकी याद, आपके पसीने, आपकी कड़ी मेहनत, आपके जीवन की बचत के लिए आ रहे हैं.”
30 अप्रैल को भाजपा ने अपने वेरिफ़ाइड इंस्टाग्राम हैंडल (bjp4india) पर एक एनिमेटेड कैंपेन वीडियो जारी किया था जो पूरी तरह से मुसलमानों को नीचा दिखाने के बारे में है. इसमें राहुल गांधी को पार्टी का घोषणापत्र पकड़े हुए दिखाया गया है, जो बाद में पाकिस्तान के झंडे में बदल जाता है (नीचे तस्वीर, इसे वीडियो के थंबनेल के रूप में भी इस्तेमाल किया गया है). वॉयस-ओवर में कहा गया है, “अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वो गैर-मुसलमानों से सारा पैसा और संपत्ति छीन लेगी और उन्हें अपने पसंदीदा समुदाय मुसलमानों में बांट देगी.”
इस वीडियो में आगे कहा गया था कि भारत में प्राचीन काल से ऐसा होता आ रहा है. “प्राचीन भारत असल में सुंदर था. हम इतने अमीर और समृद्ध थे कि सभी औसत नागरिक के पास बहुत सारा सोना और बहुत सारी संपत्ति, और इसी समृद्धि के कारण घुसपैठियों और लुटेरों ने भारत पर बार-बार आक्रमण किया. उन्होंने हमारा सारा धन लूट लिया और आपस में बांट लिया. इसके अलावा, उन्होंने हमारे मंदिरों को भी तोड़ दिया. कांग्रेस इस समुदाय के लोगों को सशक्त बना रही है.” कांग्रेस पार्टी का घोषणापत्र मुस्लिम लीग की विचारधारा के अलावा और कुछ नहीं है. अगर आप गैर-मुस्लिम हैं, तो कांग्रेस आपकी संपत्ति छीन लेगी और इसे मुसलमानों में बांट देगी. नरेंद्र मोदी को इस दुष्ट योजना का पता है. सिर्फ उन्हीं के पास इसे रोकने की ताकत है.” बाद में ये वीडियो इंस्टाग्राम से डिलीट कर दिया गया.
भारत में चुनावी मौसम के चरम पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हर प्रमुख भाजपा नेता द्वारा दोहराए गए झूठे, घृणित और कभी-कभी अजीबोगरीब बयानों ने राजनीतिक चर्चा पर कब्ज़ा कर लिया है. इन्हें पार्टी के सोशल मीडिया इकोसिस्टम द्वारा बढ़ाया गया है. उपरोक्त सभी भाषणों में मोदी सरकार द्वारा लाई गई बहुप्रचारित योजनाओं – स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, आयुष्मान भारत वगैरह, और नोटबंदी जैसे कदमों और मोदी सरकार द्वारा कोविड महामारी से निपटने का कोई ज़िक्र नहीं था. जिन्हें बीजेपी हमेशा अपनी उपलब्धियों के तौर पर पेश करती रही है. फिलहाल, भाजपा का 2024 का अभियान ग़लत सूचना और मुस्लिम विरोधी नफरत पर आधारित है.
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