2024 के लोकसभा चुनाव कैंपेन के लिए भाजपा सांप्रदायिक नफरत और ग़लत सूचनाओं पर बहुत ज़्यादा निर्भर रहा है. इसका नेतृत्व खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है, उन्होंने अपने कई भाषणों में दावा किया है कि कांग्रेस महिलाओं के मंगलसूत्र सहित नागरिकों की संपत्ति मुसलमानों में बांट देगी. 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक सार्वजनिक बैठक में उन्होंने ऐसा दावा किया साथ ही उन्होंने मुसलमानों के लिए ‘घुसपैठिया’ और ‘जो लोग ज़्यादा बच्चे पैदा करते हैं’ शब्दों का इस्तेमाल किया. अमित शाह और अनुराग ठाकुर सहित अन्य केंद्रीय मंत्रियों और कई भाजपा नेताओं ने इसका अनुसरण किया.

देश में मुसलमानों को और बड़ा खलनायक बनाने की कोशिश में भाजपा कांग्रेस की पैसे बांटने योजना दिखाने करने के लिए एनिमेटेड वीडियो जारी कर रही है.

बीजेपी का आधिकारिक हैन्डल

पहला वीडियो इंस्टाग्राम पर बीजेपी के ऑफ़िशियल हैंडल (@BJP4India) पर जारी किया गया था. वीडियो को हटाए जाने से पहले प्लेटफ़ॉर्म पर 1.6 मिलियन से ज़्यादा बार देखा गया था. एनिमेटेड क्लिप में नुकसानदेह रूढ़िवादिता के साथ मुसलमानों को बदनाम किया गया है और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कांग्रेस का घोषणा पत्र पकड़े हुए दिखाया गया है. तुरंत इस घोषणा पत्र को आधे चांद और सितारे की आइकनोग्राफी के साथ एक किताब में बदल दिया गया है.

भाजपा के कैंपेन वीडियो में आगे कहा गया है कि प्राचीन काल से ही भारत में मुसलमानों को प्राथमिकता दी गई है. “प्राचीन भारत असल में सुंदर था. हम इतने अमीर और समृद्ध थे कि सभी औसत नागरिक के पास पर्याप्त सोना, पैसे और धन-दौलत था. और यही समृद्धि की वजह से ‘घुसपैठियों’ और लुटेरे बार-बार आते थे, हमारी धन संपति को लूटते थे, आपस में बांटते थे, और तो और हमारी मंदिरें भी तोड़ देते थे. इसी कम्युनिटी के ;लोगों को कांग्रेस पार्टी के लोगों ने एम्पॉवर कर दिया है. कांग्रेस पार्टी का घोषणापत्र और कुछ नहीं बल्कि मुस्लिम लीग की विचारधारा है. अगर आप गैर-मुस्लिम हैं, तो कांग्रेस आपकी संपत्ति छीन लेगी और इसे मुसलमानों में बांट देगी. नरेंद्र मोदी को इस दुष्ट योजना का पता है. सिर्फ उन्हीं के पास इसे रोकने की ताकत है.”

30 अप्रैल को इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए वीडियो को कई यूज़र्स द्वारा हेट स्पीच के लिए रिपोर्ट करने के बाद प्लेटफ़ॉर्म से हटा दिया गया था. 1 मई को ऑल्ट न्यूज़ ने भी मेटा को लिखा था कि कैसे वीडियो ने प्लेटफ़ॉर्म की पॉलिसिज का उल्लंघन किया है. क्लिप की रिपोर्ट करने वाले कई यूज़र्स को इंस्टाग्राम से एक नोटिफ़िकेशन मिली जिसमें कहा गया कि वीडियो हटा दिया गया था. हालांकि, फिलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि ये क्लिप भाजपा ने हटाई या इंस्टाग्राम की मॉडरेशन टीम द्वारा हटाई गई थी.

बीजेपी कर्नाटक का आधिकारिक हैन्डल

4 मई को @BJP4Karnataka के इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक एनिमेटेड वीडियो में, तीन अंडों वाला एक घोंसला दिखाया गया है, इन्हें ‘SC’, ‘ST’ और ‘OBC’ लेबल दिया गया है. इसके बाद एनीमेशन से राहुल गांधी की तरह दिखने वाला कैरेक्टर एक अंडा और रखता है जिस पर मुसलमान लिखा है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलता-जुलता एक और किरदार राहुल के साथ हंसता हुआ दिखाया गया है. जैसे ही अंडे फूटते हैं, ‘मुस्लिम’ अंडे से निकलने वाला पक्षी बड़ा दिखाई देता है और जिसकी टोपी और दाढ़ी है. राहुल गांधी को ‘फ़ंड’ नामक इस बड़े पक्षी को खाना खिलाते हुए दिखाया गया है. लेकिन दूसरों को खाना नहीं खिलाया गया. समय के साथ, पक्षी आकार में बढ़ता है और दूसरों पर हावी हो जाता है, जिसके बाद राहुल और सिद्धारमैया विजयी होकर हंसते हैं. कैप्शन में चेतावनी दी गई है, “सावधान!.”

भाजपा की प्रचार रणनीति जो सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर दृढ़ता से निर्भर रही है इसमें जब संदर्भ ढूँढने की कोशिश करेंगे तो ये साफ है कि वीडियो पूरी तरह से मुसलमानों पर हमला है. इसमें संकेत दिया गया है कि अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आती है, तो वे सारा ‘फ़ंड’ मुसलमानों को आवंटित कर देंगे. वीडियो में मुस्लिम समुदाय को बदनाम करके और डर फैलाकर वोट हासिल करने की कोशिश की गई है.

वीडियो में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 द्वारा निर्धारित चुनाव आदर्श आचार संहिता का भी उल्लंघन किया गया है जिसमें राजनीतिक दलों को चुनाव अभियानों में धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल करने की मनाही है.

कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने वीडियो के संबंध में बेंगलुरु में पुलिस में शिकायत दर्ज की थी. इसके बाद भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, BJP आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय और इसके कर्नाटक राज्य प्रमुख बी वाई विजयेंद्र के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई. FIR में इन लोगों पर धार्मिक समूहों के बीच ‘दंगा भड़काने और दुश्मनी को बढ़ावा देने’ के इरादे से काम करने का आरोप लगाया गया. ये भी आरोप लगाया गया कि वीडियो ‘SC/ST समुदाय के सदस्यों को एक विशेष उम्मीदवार को वोट न देने के लिए डराने और SC/ST समुदाय के सदस्यों के खिलाफ़ दुश्मनी पैदा करने के अलावा सद्भाव बनाए रखने के लिए हानिकारक था.’

इसके बाद चुनाव आयोग ने कर्नाटक में मतदान के दिन एक बयान जारी कर X (ट्विटर) से मौजूदा कानूनी ढांचे के उल्लंघन का हवाला देते हुए भाजपा की कर्नाटक इकाई द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो को हटाने के लिए कहा.

चुनाव आयोग के बयान के बाद भी ये वीडियो इंस्टाग्राम पर मौजूद था. ये ध्यान रखना ज़रुरी है कि वीडियो मेटा की हेट स्पीच नीति का उल्लंघन करता है जिसमें साफ तौर पर ये बताया गया है कि प्लेटफ़ॉर्म ऐसे कंटेंट को रोकता है जो “संरक्षित विशेषताओं से जुड़ी अवधारणा, संस्थान, विचार, प्रथा या विश्वास पर हमला करती है, जो आने वाले शारीरिक नुकसान, धमकी या लोगों के खिलाफ भेदभाव करती है.”

अपनी पॉलिसी के मुताबिक़, फ़ेसबुक ये निर्धारित करने के लिए कई संकेतों को देखता है कि कंटेंट में किसी नुकसान का खतरा है या नहीं. लेकिन ये यहीं तक सीमित नहीं हैं: “ऐसा कंटेंट जो होने वाली हिंसा या धमकी को उकसा सकती है; क्या चुनाव या चल रहे संघर्ष जैसे अत्यधिक तनाव का दौर है; और क्या टारगेटेड संरक्षित समूह के खिलाफ़ हिंसा का कोई हालिया इतिहास है.” मेटा को एक ईमेल में, ऑल्ट न्यूज़ ने उनके ही नीति उल्लंघनों को डॉक्यूमेंट कर भेजा. बाद में वीडियो को हटा दिया गया है.

पुलिस ने कथित तौर पर SC और ST समुदाय के सदस्यों के खिलाफ़ एक सोशल मीडिया पोस्ट के मामले में गुरुवार, 9 मई को बीजेपी कर्नाटक सोशल मीडिया सेल के संयोजक प्रशांत मकनूर को तलब किया था. प्रशांत मकनूर को छोड़ दिया गया क्योंकि उन्होंने अग्रिम जमानत ले ली थी.

तेलंगाना MP

तेलंगाना के सांसद और भाजपा नेता अरविंद धर्मपुरी ने रविवार, 6 मई को एक और वीडियो शेयर किया, जो पिछले वीडियो में देखे गए ऐसे ही मुस्लिम विरोधी तत्वों पर आधारित था. इस वीडियो में राहुल गांधी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलते-जुलते एनिमेटेड कैरेक्टर दिखाए गए हैं, जो कर्नाटक वीडियो की तरह ही है. एनीमेशन शैली में निरंतरता से पता चलता है कि दोनों वीडियो का क्रिएटर एक ही है.

एनिमेटेड वीडियो में ‘SC, ST, OBC कोटा’ लेबल वाली एक नाव को दिखाया गया है जिसमें लोग रवाना होने के लिए तैयार हैं. ‘राहुल गांधी’ और ‘सिद्धारमैया’ को एक मुस्लिम व्यक्ति (टोपी पहने हुए) को जहाज पर बिठाते हुए और उसके लिए जगह मांगते हुए दिखाया गया है. एक बार उसमें सवार होने के बाद, व्यक्ति को चालाकी भरी मुस्कान के साथ बोर्डिंग से पहले राहुल गांधी को अपना ‘वोट’ देने की पेशकश करते हुए दिखाया गया है. महिलाओं और बच्चों सहित और भी कई मुसलमानों को नाव में शामिल होते हुए दिखाया गया है, जिसमें राहुल गांधी पहले से ही जहाज पर मौजूद लोगों को जगह बनाने का निर्देश दे रहे हैं. इसके बाद, सबसे पहले चढ़ने वाले मुस्लिम यात्री को पहले से सवार यात्रियों को पानी में धकेलते हुए दिखाया गया है. नाव का असली लेबल ‘SC, ST, OBC’ को काट दिया गया है और उसकी जगह तेलुगु में ‘मुस्लिम’ लिख दिया गया है. एनिमेटेड चित्रण में राहुल गांधी और सिद्धारमैया को इस अराजकता पर हंसते हुए दिखाया गया है.

इसके बाद वीडियो में दिखाया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संकट में फंसे लोगों की चीखें सुनकर उन्हें बचाने के लिए पहुंच रहे हैं, जिसे फ़िल्म ‘बाहुबली 2’ के बैकग्राउंड स्कोर पर सेट किया गया है. मोदी की नाव, जिस पर तेलुगु में ‘जय श्री राम’ लिखा है, लोगों को पानी से बचाती है और उन्हें ‘SC, ST, OBC कोटा’ नामक नाव में ट्रांसफ़र करती है.

इससे पहले, कांग्रेस द्वारा दायर एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, 25 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित नफरत भरे भाषण पर ECI ने 21 अप्रैल को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से जवाब मांगा था. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, ECI ने इस बात पर जोर दिया कि राजनीतिक दलों के प्रमुख एक ‘स्टार प्रचारक’ द्वारा दिए गए बयानों के लिए जवाबदेह हैं. नोटिस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का ज़िक्र नहीं है. आयोग ने स्पष्ट किया कि व्यक्तिगत स्टार प्रचारक अपने भाषणों के लिए ज़िम्मेदार होते हैं, लेकिन उन्हें मामले-दर-मामले के आधार पर पार्टी अध्यक्ष या राजनीतिक दल के प्रमुख के साथ संवाद करना होगा, जैसा कि नोटिस में कहा गया है.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.