कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. इस तस्वीर में उनके पीछे दीवार पर टंगी तस्वीर के बारे में भाजपा नेताओ, समर्थकों और राइट-विंग इनफ़्लूएंसर्स द्वारा दावा किया जा रहा है कि ये जीसस (यीशु मसीह) की तस्वीर है.

राइट-विंग इनफ़्लूएंसर और भाजपा समर्थक रौशन सिन्हा (@MrSinha_) ने ये तस्वीर पोस्ट करते हुए दावा किया कि दीवार पर टंगी तस्वीर जीसस की है.

इसी प्रकार राइट विंग इनफ़्लूएंसर अजीत दत्ता ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा कि ये जीसस क्राइस्ट की तस्वीर है.

भाजपा समर्थक जितेंद्र प्रताप सिंह ने भी तस्वीर ट्वीट करते हुए इसे ईसा मसीह का तस्वीर बताया.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल तस्वीर में से संबंधित हिस्से को क्रॉप कर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. लेकिन तस्वीर साफ नहीं होने की वजह से हमें इससे जुड़ी जानकारी नहीं मिली. इसके बाद हमने इस इमेज को क्रॉप करके यानडेक्स सर्च इंजन पर अपलोड किया तो हमें इस तस्वीर का बेहतर वर्ज़न मिला. इसे गूगल पर सर्च करने पर हमें इस तस्वीर से जुड़े कई आर्टिकल्स मिलें.

Rethink The Future नामक वेबसाइट पर निकोलस रोएरिच की आर्ट गैलरी के बारे में बताया गया है और वायरल तस्वीर के बारे में भी जानकारी मौजूद है. इसके मुताबिक, कथित तस्वीर का नाम मैडोना ओरिफ्लेमा है जिसे 1932 में निकोलस रोएरिच ने बनाया था. पेंटिंग में शांति का बैनर दिखाया गया है जिसमें एक घेरे के अंदर 3 लाल बिंदू है, ये रोएरिच पैक्ट का प्रतीक एक शांति ध्वज है. ये ध्वज कलात्मक, वैज्ञानिक और ऐतिहासिक संस्थानों और स्मारकों के संरक्षण के लिए समर्पित पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन से जुड़ा हुआ है.

ज़्यादा जानकारी इकट्ठा करने के लिए हमने निकोलस रोएरिच म्यूजियम की वेबसाइट चेक की. इसके एक पेज पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, प्रथम विश्व युद्ध और रूसी क्रांति की तबाही से उन्हें ये एहसास हुआ कि प्रत्येक राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत मूलतः एक विश्व खजाना है. इससे जुड़े पहले की संस्कृतियों के भौतिक अवशेष के अलावा रचनात्मक गतिविधि से जुड़े विश्वविद्यालय, पुस्तकालय, अस्पताल, कॉन्सर्ट हॉल और थिएटर को भी युद्ध के कहर से बचाया जाना चाहिए. रोएरिच को ये एहसास हो गया कि एक अंतर्राष्ट्रीय प्रयास की आवश्यकता है. इसके लिए उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कानूनी विशेषज्ञों की सहायता से एक संधि की रचना की जिसे रोएरिच पैक्ट के नाम से जाना गया और जिस लाल घेरे में तीन बिन्दु वाला ध्वज है उसे बैनर ऑफ़ पीस कहा गया. इस पैकट के मुताबिक, सभी सांस्कृतिक मूल्य के स्थलों को न्यूट्रल और संरक्षित घोषित किया जाएगा जैसा कि रेड क्रॉस का झण्डा लगा अस्पतालों के साथ करता है, ताकि इनपर हमले नहीं हों. इस पेज पर वायरल तस्वीर में दिख रही पेंटिंग मौजूद है.

कुल मिलाकर, ये तस्वीर जीसस यानी यीशु मसीह की नहीं बल्कि निकोलस रोएरिच की पेंटिंग है जिसे मैडोना ओरिफ्लेमा नाम दिया गया है. इसे 1932 में निकोलस रोएरिच ने बनाया था जिसमें ‘बैनर ऑफ पीस’ दिखाया गया है जिसमें एक (लाल घेरे के अंदर 3 लाल बिंदू) है और ये रोएरिच पैक्ट का प्रतीक एक शांति ध्वज है.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).