समाजवादी पार्टी की नेता मारिया आलम ख़ान ने 29 अप्रैल को एक सार्वजनिक रैली में मुस्लिम मतदाताओं से ‘वोट जिहाद‘ करने की अपील करते हुए कहा था कि वर्तमान परिस्थितियों में भाजपा सरकार को भगाना ज़रूरी है. 24 घंटे के भीतर, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) द्वारा ‘सभी आदर्श आचार संहिता उल्लंघनों और संबंधित शिकायतों पर ध्यान देने के लिए’ गठित फ्लाइंग स्क्वाड टीम (AFST) के प्रभारी डॉ. मनोज कुमार ने अन्य सौंपे गए चुनाव-संबंधी कर्तव्यों के बीच फरुखाबाद पुलिस में मामला दर्ज कराया था.

फ़रुखाबाद के SP विकास कुमार ने मीडिया को बताया कि नेता ने आदर्श आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन किया है और उनके खिलाफ धारा 295-A (किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर किया गया कृत्य और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

ECI द्वारा मारिया के खिलाफ़ कार्रवाई करने में जल्दबाज़ी और भाजपा नेताओं द्वारा इसी तरह के उल्लंघन के मामले में कोई कार्रवाई न करने की इच्छा से बिल्कुल अलग है. इस आर्टिकल के लिखे जाने तक, मतदान के छह चरण पूरे हो गए हैं और लगभग दो महीने से चुनाव संहिता लागू है. इस दौरान भाजपा ने बार-बार अपनी चुनावी रैलियों में धार्मिक राग का इस्तेमाल किया है और सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काया है – इसके ऑफ़िशियल सोशल मीडिया हैंडल ने भी ऐसा कंटेंट शेयर किया है और इसके नेताओं ने खुलेआम मुस्लिम विरोधी भाषण दिए हैं. इनके ख़िलाफ़ समय पर कार्रवाई न करने के कारण ECI को गंभीर सार्वजनिक आलोचना का सामना करना पड़ा है.

ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी एक रिपोर्ट में बताया है कि कैसे भाजपा ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए वोट मांगते समय धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए राम मंदिर का इस्तेमाल किया है. नीचे कुछ और उदाहरण दिए गए हैं:

टी राजा सिंह का नफरत भरा भाषण

तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रचारकों की आधिकारिक सूची में शामिल हैं. और उनका हेट स्पीच और सांप्रदायिक बयान देने का इतिहास रहा है. पैगंबर मोहम्मद पर उनके बयान के लिए उन्हें लगभग एक साल के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया था. एक हालिया वीडियो क्लिप में उन्हें फिर से एक चुनावी रैली में भाग लेते और माइक पर गाते हुए देखा जा सकता है: “सुन लो रे सुन लो, अरे पाकिस्तानी मुल्लो… भारत से भगाने तुमको तुम्हारे बाप आये हैं.” इस गाने में वो मुसलमानों को ‘पाकिस्तानी मुल्लो’ कहते हैं और उन्हें भारत से बाहर फेंकने की धमकी देते हैं.

इस हेटफ़ुल वीडियो को शेयर करते हुए राईटविंग इंफ्लुएंसर सुनंदा रॉय (@SaffronSunanda) ने भाजपा विधायक के साहस की तारीफ़ की.

एक अन्य चुनावी रैली में टी राजा सिंह ने सोशल मीडिया यूज़र्स से आग्रह किया कि वे प्रति घंटे कम से कम एक पोस्ट करें जिसमें लोगों से राम को लाने वाले को वोट देने की अपील की जाए. उन्होंने कहा, ”जो मथुरा में भव्य मंदिर बनाएंगे, हम उनको जिताएंगे. जिसने काशी में ‘कॉरिडोर’ बनाया है, जिसने काशी में लगा हुआ कलंक मिटाने की ठान ली है, हम उनको जिताएंगे…”

उन्होंने कहा, ”आज लोग बोलते हैं कि हम ‘वोट जिहाद’ करेंगे, आज बहुत सारे मुल्ला मौलवी मस्जिदों पर मीटिंग लगा कर कहते हैं कि हम मोदी को वोट नहीं देंगे, हम कांग्रेस को वोट करेंगे. मेरे मुसलमान भाइयों से आज पूछना चाहता हूं, क्यों? अरे ये वही मोदी हैं जिसने तुम्हारी बहन बेटी की इज्ज़त बचाई है ‘तीन तलाक’ लाकर..”

दोनों मामलों में T राजा सिंह ने कथित तौर पर धार्मिक मान्यताओं की अपील करके MCC दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया और पहले मामले में तो उनका बयान हेट स्पीच की केटेगरी में आता है. हालांकि, अभी तक उनके खिलाफ़ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है.

कांग्रेस आपको बुर्का पहनायेगी, मुल्लाओं को गोहत्या की इजाजत देगी: तेजस्वी सूर्या

बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में एक युवा सम्मेलन को संबोधित किया. अपने भाषण में उन्होंने खुलेआम मुसलमानों को टारगेट करते हुए हुबली में नेहा हिरेमथ की मौत का ज़िक्र किया (जिसे कथित तौर पर उसके पूर्व सहपाठी फयाज खंडुनायक ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी) और इसे ‘लव जिहाद’ का मामला बताया. लव जिहाद एक राईट विंग साजिश सिद्धांत है जिसमें कथित तौर पर मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को इस्लाम धर्म अपनाने पर मजबूर करने के लिए फंसाते हैं. हालांकि केंद्र सरकार और राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा है कि उनके पास ‘लव जिहाद’ पर कोई डेटा नहीं है, लेकिन मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए भाजपा द्वारा चुनाव अभियानों में लगातार इस सिद्धांत का इस्तेमाल किया गया है.

तेजस्वी सूर्या ने दर्शकों में मौजूद महिलाओं से ये भी कहा कि इंडिया ब्लॉक और कांग्रेस उन्हें बुर्का पहनाएंगे. उन्होंने ये भी दावा किया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में शरिया कानून लागू करने का प्रस्ताव है और कांग्रेस ‘मुल्लाओं’ (मुसलमानों) को गौहत्या की आज़ादी देगी.

 

 

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रोहिंग्या महिलाओं के 4 बच्चे बगल में, 1 बच्चा गोद में, और 1 उसके पेट में: कपिल मिश्रा

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने 11 मई को नई दिल्ली के कालकाजी में एक सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा: “एक गली में दो घर हैं. एक आदमी के दो बच्चे, एक आदमी के 12 बच्चे, अल्लाह की देन हैं (भीड़ हंसते हुए तालियां बजाती है). अब सरकार ये कहती है दोनों की प्रॉपर्टी जोड़ लो, बराबर-बराबर बांट दो, मुझे बस इतना सा बता दो, दो बच्चे वाले का पैसा किसके पास जाएगा? (भीड़ जवाब देते हुए कहती है कि 12 बच्चे वाले के पास)” प्रधानमंत्री द्वारा राजस्थान के बांसवाड़ा में दिए गए बयान में भी यही बात कही गई थी, जहां उन्होंने मुस्लिम समुदाय को ‘ज़्यादा बच्चे पैदा करने वाले’ के रूप में संदर्भित किया था. कपिल मिश्रा ने कई भाजपा नेताओं के उस दावे को भी दोहराया कि कांग्रेस गैर-मुसलमानों की संपत्ति मुसलमानों को बांट देगी. ऑल्ट न्यूज़ ने पहले ही इसकी पड़ताल की है कि कांग्रेस के घोषणापत्र में इस तरह से धन बांटने का कोई ज़िक्र नहीं है.

कपिल मिश्रा ने आगे कहा, “रोहिंग्या क्या है? रोहिंग्या के किसी भी महिला का फ़ोटो देख लेना, चार बच्चे बगल में, पांचवा गोद में, और छठा पेट में.” उन्होंने कहा कि विपक्ष उन लोगों का पैसा लेने की साजिश रच रहा है जो स्कूल जाते थे और इसे मदरसों में पढ़ने वालों को दे देते थे.

इस घोर सांप्रदायिक हेट स्पीच पर चुनाव आयोग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई.

जनवरी 2020 में कुछ विवादास्पद ट्वीट्स के बाद, चुनाव आयोग ने कपिल मिश्रा (जो मॉडल टाउन से भाजपा के उम्मीदवार थे) पर 48 घंटे का प्रचार प्रतिबंध लगा दिया था.

राम मंदिर पर बाबरी ताला लगाएगी कांग्रेस: ​​प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने 7 मई को मध्य प्रदेश के धार में एक चुनावी रैली को संबोधित किया. अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कुछ कारण गिनाए कि उन्हें 400 सीटों की ज़रूरत क्यों है. उन्होंने कहा: “…400 सीटें क्यों मांग रहा है, ये भी देश को जानना बहुत ज़रुरी है.. मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि मैं कांग्रेस और इंडी गढ़बंधन की हर साजिश को रोक सकूं. मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस कश्मीर में धारा 370 को फिर से वापस ला कर चिपका न दें. खेल बिगाड़ न दें. मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस अयोध्या में राम मंदिर पर ‘बाबरी ताला’ न लगा दे…”

पीएम मोदी के भाषण का केंद्र बिन्दु कांग्रेस-मुस्लिम सांठगांठ की ओर इशारा करते हुए उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस तुष्टिकरण में इतनी गहरी थी कि यदि संभव हो तो वे यहां तक ​​​​कह सकते हैं कि ये उनका “वोट बैंक” है जिसे सबसे पहले जीवन का अधिकार है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने अपने मेनिफ़ेस्टो में उल्लेख किया है कि वे सरकारी निविदाओं में भी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए हिस्सेदारी सुनिश्चित करेंगे. कांग्रेस अनुबंध में धर्म के आधार पर कोटा प्रदान करेगी. वो खेलों में दूसरों की तुलना में अल्पसंख्यक समुदायों को प्राथमिकता देने की भी योजना बना रहे हैं, वो ये तय करेंगे कि धर्म के आधार पर क्रिकेट टीम के लिए किसे चुना जाएगा. मैं आज कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि अगर आपकी यही मंशा थी तो आपने 1947 में देश को तीन हिस्सों में क्यों तोड़ा? आपको 1947 में ही देश को पाकिस्तान घोषित कर देना चाहिए था और भारत का अस्तित्व हटा देना चाहिए था.

पाठक ध्यान दें कि कांग्रेस के घोषणापत्र में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई ज़िक्र नहीं है.

राम मंदिर पर बुलडोज़र चलाएगी कांग्रेस: ​​पीएम मोदी

17 मई को यूपी के बाराबंकी निर्वाचन क्षेत्र में एक भीड़ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट देगी. उन्होंने कहा, ”(सपा वाले, कांग्रेस वाले) यहां तक कहते हैं, और रामनवमी के दिन कहते हैं, ये राम मंदिर को बेकार बताते हैं, भद्दी भद्दी बातें करते हैं. और कांग्रेस तो राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने की तैयारी कर रही है… कुछ लोग कहते हैं ‘ऐसा तो कैसे हो सकता है?’ भ्रम में मत रहिए, देश जब आज़ादी का आंदोलन कर रहा था न, तो देश का हर व्यक्ति.. नहीं नहीं यार देश के टुकड़े थोड़ी होते हैं, देश के टुकड़े थोड़ी होते हैं, हो गए कि नहीं हो गए? इन्होंने कर दिया कि नहीं कर दिया..”

पीएम ने आगे दावा किया कि अगर सपा या कांग्रेस सत्ता में आई तो राम मंदिर पर बुलडोज़र चलाएगी. उनका कहना है, ”सपा कांग्रेस वाले सरकार में आए तो राम लला को फिर से टेंट में भेजेंगे और मंदिर पर बुलडोज़र चलवा देंगे. क्या योगी जी से यही सीखना है क्या? अरे जरा योगीजी से ट्यूशन लो बुलडोज़र कहां चलाना है कहां नहीं चलाना.”

‘वोट जिहाद’ या ‘राम राज्य’?: पीएम मोदी

मध्य प्रदेश के खरगोन में एक चुनाव पूर्व रैली में बोलते हुए पीएम मोदी ने मारिया खान द्वारा की गई ‘वोट जिहाद’ वाले बयान का ज़िक्र करते हुए कहा, “आज भारत इतिहास के एक अहम मोड़ पर खड़ा है. आपको तय करना है कि भारत में वोट जिहाद चलेगा या राम राज्य चलेगा.’‘ वो आगे कहते हैं, ”पाकिस्तान में आतंकी भारत के खिलाफ़ जिहाद की धमकी दे रहे हैं. और यहां के कांग्रेस के लोगों ने भी घोषणा कर दी है मोदी के खिलाफ ‘वोट जिहाद’ करो, यानी मोदी के खिलाफ, एक खास धर्म के लोगों को एकजुट होकर वोट करने के लिए कहा जा रहा है..आपको एक सवाल मैं पूछता हूं, जवाब देंगे? (भीड़ एक स्वर में हाँ कहती है) क्या आप वोट जिहाद, आपको मंजूर है? क्या लोकतंत्र में ऐसी बात चल सकती है? क्या भारत का संविधान ऐसी जिहाद के लिए अनुमति देता है? (भीड़ एक स्वर में नहीं कहती है).”

राम मंदिर पर बाबरी ताला: अमित शाह

उत्तर प्रदेश के खीरी में एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कथित ‘कांग्रेस-मुस्लिम गठजोड़’ पर निशाना साधा और पीएम मोदी के उस दावे को दोहराया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वो अयोध्या राम मंदिर पर ‘बाबरी ताला’ लगा देगी.

ये भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए कांग्रेस शासन के दौरान 1986 में बाबरी मस्जिद का ताला खोला गया था.

भारत हिंदू-विरोधी, राम-विरोधी, राष्ट्र-विरोधी को ब्लॉक करें: जे.पी.नड्डा

3 मई को अहमदाबाद में एक सार्वजनिक बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इंडिया गठबंधन को राम विरोधी और हिंदू विरोधी कहा. उन्होंने उस हलफ़नामे का हवाला दिया जो कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था और कहा था कि राम का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. कई मौकों पर, जेपी नड्डा ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा है कि वे धर्म और जाति के आधार पर वोट मांगते हैं.

उसी संबोधन मे जेपी नड्डा ने ये भी कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र मुस्लिम लीग के एजेंडे को दिखाता है.

5 मई को छत्तीसगढ़ में एक सार्वजनिक बैठक में जेपी नड्डा ने वही बयान दोहराया, और INIDA गठबंधन को राम विरोधी और हिंदू विरोधी कहा. उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष राष्ट्र विरोधी है. ये बयान साफ तौर पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए थीं, जिसे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (जिसके तहत भारत में चुनाव होते हैं) में ‘भ्रष्ट प्रथाओं’ में से एक के रूप में बताया गया है.

मुसलमानों को निशाना बनाने वाला एनिमेटेड वीडियो

बीजेपी कर्नाटक के ऑफ़िशियल X पेज ने 4 मई को एक हेटफ़ुल एनिमेटेड वीडियो शेयर किया था जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मुसलमानों को पैसे देते और SC/ST/OBC समुदायों को नज़रअंदाज़ करते हुए दिखाया गया था. ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भाजपा नेताओं द्वारा बार-बार ये झूठा दावा करने के बाद आया है कि कांग्रेस के घोषणापत्र में मुसलमानों के बीच संपत्ति बांटने का प्रस्ताव है.

कर्नाटक पुलिस ने राज्य कांग्रेस इकाई की शिकायत के आधार पर भाजपा नेताओं के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की. ECI के निर्देश के बाद पुलिस ने भी 5 मई को X को लेटर लिखकर हेटफ़ुल वीडियो हटाने के लिए कहा, लेकिन निर्देश का पालन नहीं किया गया. इसके बाद, ECI ने 7 मई को इसे हटाने के लिए X को लिखा. ये वीडियो चार दिनों तक लाइव रहा, जब कर्नाटक के कई निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो रहा था. आख़िरकार इसे 8 मई को हटा दिया गया. ये साफ नहीं है कि क्या प्लेटफॉर्म ने इसे हटाने का निर्णय लिया था या @BJP4कर्नाटक द्वारा इसे हटा दिया गया था.

यही वीडियो 4 मई को बीजेपी कर्नाटक के इंस्टाग्राम पेज (@bjp4karnataka) पर भी शेयर किया गया था. ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो में हेट कंटेट के बारे में मेटा को लिखा और पांच दिन बाद, 9 मई को वीडियो इंस्टाग्राम से गायब हो गया. ECI वेबसाइट पर इंस्टाग्राम पोस्ट के संबंध में पोल ​​पैनल द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई का ज़िक्र नहीं है.

कर्नाटक पुलिस ने बाद में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय को सात दिनों के भीतर हेटफ़ुल वीडियो की जांच में शामिल होने के लिए समन किया.

ECI ने अभी तक बीजेपी को लेटर लिखकर हेटफ़ुल एनिमेटेड वीडियो पर प्रतिक्रिया नहीं मांगी.

MCC उल्लंघन के मामले में ECI क्या कार्रवाई कर सकता है?

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 के तहत भ्रष्ट आचरण की एक सूची सूचीबद्ध की गई है. सूची में लिखा है: “किसी उम्मीदवार या उसके एजेंट या किसी अन्य द्वारा धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर भारत के नागरिकों के अलग-अलग वर्गों के बीच किसी उम्मीदवार या उसके चुनाव एजेंट की सहमति से उस उम्मीदवार के चुनाव की संभावनाओं को आगे बढ़ाने या किसी उम्मीदवार के चुनाव को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने के लिए दुश्मनी या नफरत की भावनाओं को बढ़ावा देना या बढ़ावा देने की कोशिश करना.”

अधिनियम की धारा 8A में ज़िक्र है कि भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया गया उम्मीदवार 6 साल के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है.

MCC उल्लंघन के मामलों में, कुछ बाधाओं के बावजूद, ECI के पास कार्रवाई के कई रास्ते हैं. जबकि MCC के पास कानूनी प्रवर्तनीयता नहीं है, ECI अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग उपायों का सहारा ले सकता है

शुरुआत में ECI MCC का उल्लंघन करने वाले दलों और उम्मीदवारों को नोटिस और चेतावनी जारी करता है. इसके अलावा, चुनाव चिह्न आरक्षण और आवंटन आदेश, 1968 का पैराग्राफ़ 16A, ECI को गंभीर MCC उल्लंघन की स्थिति में किसी राजनीतिक दल की मान्यता निलंबित करने या वापस लेने में सक्षम बनाता है. हालांकि, इन विकल्पों के बावजूद, कानूनी और व्यावहारिक बाधाएं सख्त दंडात्मक कार्रवाई करने की ECI की क्षमता को सीमित करती है. 2013 में कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत, कानून और न्याय पर स्थायी समिति ने MCC को कानूनी रूप से बाध्यकारी और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का हिस्सा बनाने की सिफारिश की थी, हालांकि, ECI ने नहीं सोचा था कि इससे उत्पादक चुनाव प्रक्रिया हो सकेगी. उन्होंने तर्क दिया कि अगर सभी MCC उल्लंघन को अदालत में चुनौती दी जाएगी तो इससे चुनावों में देरी हो सकती है और चुनाव बढ़ सकते हैं.

कार्रवाई करने के इन सीमित विकल्पों के साथ भी उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ECI कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए मौजूदा कानून जैसे भारतीय दंड संहिता, 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 पर भरोसा कर सकता है.

11 मई को कई सिविल समाज संगठनों ने पीएम मोदी द्वारा MCC उल्लंघनों पर निष्क्रियता के लिए ECI के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया और चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा: “मजबूत बनें या इस्तीफा दें.”

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