कन्नड़ डेली अखबार विजयवाणी के मंगलुरु एडिशन की एक कतरन सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें कर्नाटक के कुक्के श्री सुब्रमण्यम मंदिर में एक नए सहायक कार्यकारी अधिकारी (AEO) की नियुक्ति की ख़बर दी गई है. जिस शख्स को AEO नियुक्त किया गया है उसका नाम येसुराज है. कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने येसुराज के धर्म पर सवाल उठाए हैं. उनके मुताबिक, येसुराज जन्म से हिंदू नहीं हैं, लेकिन उन्होंने ईसाई धर्म से हिंदू धर्म अपना लिया है.

कुक्के सुब्रमण्य दक्षिण कन्नड़ ज़िले के कदबा तालुक के सुब्रमण्य गांव में एक मंदिर है. इसे 5 हज़ार साल पुराना मंदिर माना जाता है.

गिरीश भारद्वाज (@Girishvhp) नामक एक यूज़र के बायो के मुताबिक वो विश्व हिंदू परिषद से जुड़ा है. इसने X पर ये तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “… सरकार को पुष्टि करनी चाहिए कि श्री येसु राज हिंदू हैं या कनवर्टेड ईसाई, क्योंकि हिंदू एंडोमेंट एक्ट में ये प्रावधान है कि सिर्फ वे लोग जो हिंदू हैं या हिंदू धर्म को मानते हैं, उन्हें इस एक्ट के तहत नियुक्त किया जाना चाहिए.”

उनके ट्वीट को करीब 2 लाख बार देखा गया है और 2,500 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है.

इस ट्वीट को कोट-ट्वीट करते हुए, यूज़र ಸುಷ್ಮಾ ಅಯ್ಯಂಗಾರ್ (@malnadkoos) ने लिखा, “…अलग धर्म के व्यक्ति को AEO के रूप में नियुक्त करने का राज्य सरकार का मकसद क्या है? सबसे पहले वो मंदिर के बारे में क्या जानता है? राज्य सरकार हिंदू मंदिरों पर इतना ज़्यादा ध्यान क्यों देती है जब वे भक्ति, मंदिरों से जुड़ी हर चीज से घृणा करते हैं?…”

राईटविंग आउटलेट हिंदू पोस्ट ने इस दावे को बढ़ाते हुए एक रिपोर्ट पब्लिश की.

VHP कर्नाटक और कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी इस दावे को आगे बढ़ाया कि मंदिर के नव नियुक्त AEO ईसाई थे.

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फ़ैक्ट-चेक

हमें कर्नाटक के मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी (@RLR_BTM) का एक ट्वीट मिला. मुजराई विभाग का मतलब ‘डिपार्टमेंट ऑफ़ हिंदू रिलीजियस एंड चैरिटेबल एंडोमेंट्स’ है. रामलिंगा रेड्डी ने अपने ट्वीट में इस दावे का खंडन किया कि येसुराज पहले ईसाई थे. उन्होंने ये भी ज़िक्र किया कि ये भाजपा द्वारा लोगों में डर पैदा करने की एक कोशिश है क्योंकि मतदान का एक और चरण नजदीक आ रहा है.

उन्होंने कुछ डॉक्यूमेंट भी शेयर किए जिनमें येसुराज की बैकग्राउंड के बारे में डिटेल्स देखा जा सकता है.

रामलिंगा रेड्डी ने मैसूर के सिद्धार्थ हाई स्कूल से एक ट्रांसफ़र लेटर शेयर किया जहां येसुराज ने पढ़ाई की थी. इस डॉक्यूमेंट में उनका धर्म हिंदू और जाति ‘अनुसूचित जाति’ बताया गया है.

इन्होंने कर्नाटक सरकार द्वारा जारी एक जाति प्रमाण पत्र भी शेयर किया, जिससे ये साबित होता है कि येसुराज अनुसूचित जाति समुदाय से थे.

संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 के मुताबिक, “कोई भी व्यक्ति जो हिंदू धर्म के आलावा किसी अन्य धर्म को मानता है, सिख या बौद्ध धर्म, उसे अनुसूचित जाति का सदस्य माना जाएगा.

हमें डेक्कन क्रॉनिकल की एक न्यूज़ रिपोर्ट भी मिली जिसमें VHP के दक्षिण क्षेत्र के संयोजक शरण पंपवेल के हवाले से कहा गया था कि येसुराज की धार्मिक पहचान के बारे में बातें उनके नाम की वजह से उठाई गई थीं. उनका कहना है कि ‘येसुराज’ हिंदुओं के बीच एक असामान्य नाम है, लेकिन रामलिंगा रेड्डी के स्पष्टीकरण के बाद उन्हें कोई आपत्ति नहीं हुई.

इसलिए, ये दावा बिल्कुल झूठा है कि कर्नाटक में कुक्के श्री सुब्रह्मण्य मंदिर के नव नियुक्त AEO येसुराज हिंदू नहीं बल्कि ईसाई हैं.

पाठकों को ध्यान देना चाहिए कि एक संबंधित दावा पहले भी वायरल हुआ था कि सिद्धारमैया सरकार ने कानूनों में संशोधन कर मंदिर ट्रस्टों में गैर-हिंदुओं को नियुक्त करने का प्रावधान पेश किया था. इससे संबंधित दावे, प्रतिदावे और फ़ैक्ट्स के बारे में पूरी जानकारी ऑल्ट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़ी जा सकती है.

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