सोशल मीडिया पर भारतीय रेल का एक वीडियो काफ़ी शेयर किया जा रहा है. दावा है कि अडानी ग्रुप ने भारतीय रेल खरीद लिया है और इसका सबूत ये है कि रेलवे पर अडानी ग्रुप के विज्ञापन दिख रहे हैं. दरअसल, वीडियो में ट्रेन पर फ़ॉर्चून ब्रांड के आटे का विज्ञापन दिख रहा है. फ़ॉर्चून, अडानी ग्रुप का ही ब्रांड है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने ये वीडियो अपने फ़ेसबुक पेज पोस्ट किया है. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 3 लाख से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

अडाणी की बढ़ती हिस्सेदारी

जिस भारतीय रेलवे को देश के करोड़ों लोगों ने अपनी मेहनत से बनाया भाजपा सरकार ने उस पर अपने अरबपति मित्र अडानी का ठप्पा लगवा दिया।

कल को धीरे – धीरे रेलवे का एक बड़ा हिस्सा मोदी जी के अरबपति मित्रों को चला जाएगा।

देश के किसान खेती – किसानी को भी आज मोदी जी के अरबपति मित्रों के हाथ में जाने से रोकने की लड़ाई लड़ रहे हैं।

Posted by Priyanka Gandhi Vadra on Sunday, 13 December 2020

गुजरात कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “भारतीय रेल पर अदानी के फ़्रेश आटे का विज्ञापन देखने लायक़ हैं। अब तो दावे के साथ कह सकते है की किसानों की लड़ाई सत्य के मार्ग पर हैं।” आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 3 लाख 22 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक) हार्दिक पटेल के इस ट्वीट को प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी रीट्वीट किया है.

यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “बस यही देखना बाकी था…” आर्टिकल लिखे जाने तक इसे 41 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

अभिनेत्री नगमा मोरारजी ने ये वीडियो इसी दावे के साथ ट्वीट किया है. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 21,400 व्यूज़ मिले हैं. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

फ़ेसबुक पेज ‘Indian Railway | भारतीय रेल’ ने ये वीडियो पोस्ट किया था (पोस्ट का आर्काइव लिंक). ट्विटर और फ़ेसबुक, दोनों पर ये वीडियो काफ़ी शेयर किया गया है.

फ़ैक्ट-चेक

भारतीय रेलवे पर दिख रहा अडानी ग्रुप का विज्ञापन एक आम बात है. भारतीय रेलवे पिछले कई सालों से विज्ञापनों के ज़रिए कमाई कर रहा है. साल 2008 में, द इकोनोमिक टाइम्स ने रिपोर्ट किया था कि भारतीय रेल, ट्रेन के बाहरी हिस्से पर विज्ञापन करने की योजना बना रहा था. गूगल पर एड्वान्स की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें साल 2012 का भारतीय रेल विभाग का एक परिपत्र मिला. इस लेटर में ट्रेन पर विज्ञापन करने की मंज़ूरी दी गई थी.

वीडियो में ‘वडोदरा’ शब्द लिखा हुआ है. इसके चलते की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें 3 फ़रवरी 2020 का लाइव मिंट का आर्टिकल मिला. आर्टिकल के मुतबिक, पश्चिमी रेलवे ने लोकोमोटिव पर विज्ञापन लगाकर पैसे कमाने का फैसला किया है. आर्टिकल के मुताबिक, फ़रवरी 2020 तक कुल 10 लोकोमोटिव पर विज्ञापन लग चुके थे. 1 फ़रवरी 2020 को वडोदरा इलेक्ट्रॉनिक लोको शेड में फ़ॉर्चून ऑइल के विज्ञापन वाले इस इंजन का उद्घाटन किया गया था. तस्वीरों में ट्रेन के इंजन पर फ़ॉर्चून ब्रांड के विज्ञापन देखने को मिलते हैं. रेलवे विभाग का मानना है कि पैसेंजर ट्रेन्स में ब्रांडिंग कर अच्छी कमाई की जा सकती है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने भी फ़रवरी 2020 में वडोदरा में की गयी इस लोकोमोटिव ब्रांडिंग के बारे में खबर दी थी. फ़ॉर्चून के विज्ञापन वाले इंजन को हरी झंडी दिखाने के कार्यक्रम का वीडियो आप यहां पर देख सकते हैं. इस वीडियो में वडोदरा के DRM का बयान भी शामिल है.

4 मार्च 2020 के फ़ाइनैन्शल एक्स्प्रेस के आर्टिकल के मुताबिक, अदानी, हल्दीराम की लोकोमोटिव ब्रांडिंग के ज़रिए भारतीय रेलवे अच्छी कमाई कर रहा है. आर्टिकल के मुताबिक, 4 मार्च तक रेल डिपार्ट्मन्ट के पश्चिमी ज़ोन ने 37 लोकोमोटिव को ब्रांडिंग में लगाया हुआ है. इसके ज़रिए रेल सालाना 73.26 लाख रुपये की कमाई कर रहा है. हर पांच साल में ये रकम 4.4 करोड़ होगी. आर्टिकल में बताया गया है कि 27 फ़रवरी 2020 तक 5 लोकोमोटिव अदानी ग्रुप को दिए थे.

यूट्यूब पर की-वर्ड्स सर्च करने से हमें साल 2013 का एक वीडियो मिला. इस वीडियो में अमूल के विज्ञापन वाला इंजन देखने को मिलता है. इस तरह, इंजन पर कंपनियों का ब्रांडिंग करने का सिलसिला बहुत पहले से चल रहा है.

अमूल के विज्ञापन वाली ट्रेन के बारे में विक्रांत कुमार ने 8 जून 2014 को ट्वीट किया था.

अक्टूबर 2014 में कॉलमिस्ट श्रीधर पिल्लई ने विज्ञापनों से भरी ट्रेन की बोगी की एक तस्वीर ट्वीट की थी.

रेलवे बोगी पर विज्ञापन लगाने के और भी कई उदाहरण हैं जिन्हें आप नीचे देख सकते हैं.

This slideshow requires JavaScript.

साल 2019 में भारतीय रेलवे ने मालगाड़ी पर भी विज्ञापन देने का फैसला किया था. उनका मानना था कि विज्ञापन के ज़रिए भारतीय रेल को काफ़ी फायदा हो सकता है. इसके अलावा, साल 2018 में भारतीय रेलवे ने ट्रेन में सामान उपलब्ध कराने वाली कंपनीयो को विज्ञापन की छूट दी थी. इससे भारतीय रेल का मानना था कि वो पैसो की बचत कर सकता है. क्योंकि उन्हें ट्रेन में कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई गई चीज़ों के बदले पैसे नहीं देने होंगे.

इस वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच ‘sm hoax slayer’ और द प्रिन्ट भी कर चुका है.

इस तरह, ट्रेन पर दिख रहे फ़ॉर्चून आटे के विज्ञापन की वजह से यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि भारतीय रेल अब अडानी ग्रुप के अंडर में काम करेगा. लेकिन ट्रेन के इंजन पर विज्ञापन लगाना एक आम बात है. इसका रेल की मालिकी से कोई लेना-देना नहीं है.


पिछले हफ़्ते के 5 बड़े फ़ैक्ट-चेक इस वीडियो रिपोर्ट में देखें:

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.