इस हफ्ते भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक के लिए मॉस्को गए. इस बीच, विपक्षी नेता राहुल गांधी ने भारत के लंबे समय से हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर में राहत शिविर का दौरा किया. इस घटना से सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्षी पार्टी दोनों आमने-सामने हो गए. विपक्ष ने नरेंद्र मोदी पर मणिपुर की अनदेखी और हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा न करने का आरोप लगाया. वहीं सत्तारूढ़ पार्टी ने विपक्ष के नेता पर मणिपुर के पीड़ितों को राजनीति के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.

ज्ञात हो कि राहुल गांधी पहली बार सदन में नेता प्रतिपक्ष बने हैं और अग्निवीर, मणिपुर इत्यादि जैसे मुद्दों को लेकर मुखर हैं. हाल ही में उन्होंने उत्तर प्रदेश का दौरा किया और भगदड़ के पीड़ितों से मुलाकात की. उन्होंने शहीद अंशुमान सिंह के परिवार से भी मुलाकात की जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया है. पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता दिखाने के उनके प्रयासों के बाद, सत्तारूढ़ पार्टी ने राहुल गांधी के दौरे को महज एक राजनीतिक स्टंट बताया. टीवी चैनलों ने सत्तारूढ़ पार्टी के बयान का इस्तेमाल करते हुए विपक्षी नेता के दौरे को त्रासदी का फायदा उठाने का प्रयास बताने में कोई कसर नहीं छोड़ा.

आज तक सहित अन्य प्रमुख हिन्दी समाचार चैनल्स ने राहुल गांधी पर राजनीति करने और त्रासदी का फायदा उठाने का आरोप लगाते हुए लाइव डिबेट्स में कई टिकर चलाए.

आजतक

आजतक चैनल पर भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी फोटो खिंचवाने जाते हैं, लेकिन जब संसद में चर्चा हुई तो राहुल गांधी भाग गए. इसके आगे ऐंकर अंजना ओम कश्यप ने कहा कि उनका भी यही सवाल कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक शर्मा से कि क्या ये मरहम है मणिपुर के ऊपर या सियासत गरम है?

इस डिबेट के वक्त टीवी चैनल पर कुछ इस प्रकार का टिकर चल रहा था:

  • मणिपुर पर मरहम या सियासत गरम!
  • नया घमासान, राजनीति का फूल प्लान!
  • मणिपुर में कौन डाल रहा है आग में घी?

इन टिकर में कहीं भी इसे किसी राजनीतिक पार्टी का आरोप नहीं बताया गया. इसे देखने पर साफ तौर पर मालूम पड़ता है कि ये चैनल का दृष्टिकोण हैं.

टाइम्स नाउ नवभारत

टाइम्स नाउ नवभारत पर एक शो में ऐंकर अपने मोनोलॉग में विपक्ष पर सवाल उठाते हुए कहता है कि प्रधानमंत्री के रूस दौरे से विपक्ष को क्या आपत्ति है? क्या पीएम मोदी के रूस दौरे और राहुल गांधी के मणिपुर दौरे को जोड़कर विपक्ष सरकार पर हमला बोलने का मौका ढूंढ रहा है? राहुल गांधी को मणिपुर का दर्द दिखता है तो बंगाल के हिन्दू माँ-बेटियों का दर्द क्यों नहीं दिखता? यहां साफ तौर पर ऐंकर हिन्दू-मुस्लिम ऐंगल लाने का प्रयास कर रहा था.

इस शो के वक्त चैनल पर चलाए जा रहे टिकर कुछ इस प्रकार थे:

  • मोदी रूस चले, विरोधी क्यों जले?
  • कांग्रेस क्या LoP राहुल को देश का PM मान रही?
  • मोदी मॉस्को, राहुल मणिपुर, दौरे पर सियासत फुल?
  • मोदी का मॉस्को दौरा… राहुल को इतना क्यों खला?
  • 13 महीने में मणिपुर तीसरी बार, बंगाल कब जाएंगे

न्यूज़ 18

न्यूज़ 18 के ऐंकर अमन चोपड़ा ने शो शुरू होते ही कहा कि राहुल गांधी मणिपुर दौरे पर हैं. उनकी तारीफ भी सोशल मीडिया पर हो रही है. लेकिन साथ ही ये भी सवाल पूछा जा रहा है कि राहुल मणिपुर के जख्मों पर मरहम लगाने गए हैं या मणिपुर पर राजनीतिक मौका तलाशने? राहुल गांधी मणिपुर के लोगों का दुख दर्द बांटने गए हैं या राहुल का ये दौरा हिंसा टूरिज़म के तहत हुआ है? ये सवाल इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री ने संसद में कहा था कि राजनीतिक फायदे के लिए मणिपुर का इस्तेमाल किया जा रहा है. तब भाजपा के नेताओं ने कहा था कि कुछ लोग मणिपुर में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, जिनको शांति पच नहीं रही. मणिपुर में आग में घी डालने का काम हो रहा है.

इस प्रोग्राम के वक्त टीवी पर चलाए जा रहे टिकर कुछ इस प्रकार थे:

  • मणिपुर पर मलहम या मौका?
  • राहुल का दौरा, सियासी मौका?

इन टिकर में भी इसे राजनीतिक पार्टी के आरोप के रूप में पेश नहीं किया गया है.

अपने सहयोगियों और समर्थकों की एक टीम के साथ राहुल गांधी ने मणिपुर के पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों से बात की. एक ट्वीट में राहुल गांधी ने राहत शिविर का वीडियो पोस्ट किया और कहा कि हिंसा शुरू होने के बाद से वह तीसरी बार मणिपुर आए हैं. प्रधानमंत्री को भी मणिपुर जाना चाहिए और लोगों की बात सुननी चाहिए और शांति की अपील करनी चाहिए. उन्होंने आश्वासन दिया कि वह संसद में पीड़ितों की आवाज़ उठाएंगे और सरकार पर इस आपदा को समाप्त करने के लिए दबाव डालेंगे.

8 जुलाई को लाइव डिबेट में कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा और आज तक चैनल की ऐंकर अंजना ओम कश्यप के बीच लाइव टीवी डिबेट में बहस हुई, जहां शर्मा ने आजतक चैनल पर राजनीति करने का आरोप लागया और राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया. जवाब में ऐंकर ने कहा कि ये भाजपा का आरोप था लेकिन चैनल के माध्यम से ऐसा संदेश नहीं जा रहा था इसलिए उन्होंने टिकर हटा दिया है. ये टिकर था, ‘मणिपुर में कौन डाल रहा है आग में घी?’

गौर करने वाली बात यह है कि राहुल गांधी के मणिपुर दौरे पर सत्ताधारी पार्टी द्वारा उठाए गए सवालों को ही न्यूज़ चैनल्स भी आगे बढ़ा रहे हैं और बिना कोट के इन्हें मीडिया के विचार के तौर पर पेश कर रहे हैं. आमतौर पर विपक्ष के सवालों को मीडिया द्वारा सत्ताधारी पार्टी से पूछती है लेकिन इस मामले में ये बिल्कुल उलट है. उदाहरण के लिए भाजपा ने राहुल गांधी के मणिपुर दौरे पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उन्हें सचमुच पीड़ितों की चिंता है तो वे पश्चिम बंगाल क्यों नहीं जाते, इसी सवाल को दोहराते और टाइम्स नाउ नवभारत के ऐंकर ने एक कदम आगे बढ़कर बंगाल में हिन्दू ऐंगल जोड़कर इसे सांप्रदायिक करने की भी कोशिश की.

मीडिया द्वारा चलाए जा रहे टिकर में कहीं भी यह नहीं बताया जा रहा है कि यह सवाल बीजेपी का है. इस तरह दर्शकों के गुमराह होने की संभावना बढ़ जाती है. अगर आप किसी राजनीतिक पार्टी या नेता के बयान का इस्तेमाल करते हैं तो उसके साथ कोटेशन मार्क या उनका हवाला देना ज़रूरी है. ये पत्रकारिता की बुनियादी प्रैक्टिस में से एक है. लेकिन नेताओं के बयानों को न्यूज़ के तौर पर पेश करना या चैनल के विचार के तौर पर फॉरवर्ड करना अनैतिक है. आज-कल सत्ताधारी पार्टी और मीडिया के सवाल में कोई अंतर नहीं दिखता है. भारतीय मेनस्ट्रीम मीडिया अक्सर इसी वजह से आलोचनाओं के घेरे में रहता है.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).