सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ फ़ैल रहा है कि मुंबई पुलिस ने आतंकियों को पकड़ा जो मुंबई के विरार डीमार्ट में बम रखने की योजना बना रहे थे।

https://www.youtube.com/watch?v=g3AN9wgn09Y

कई सोशल मीडिया यूजर्स ने फेसबुक पर इस क्लिप को शेयर किया है, जिसमें पुलिसकर्मियों के पहरे में पुलिस जीप में ले जाए जाते एक व्यक्ति को देखा जा सकता है जिसका चेहरा काले कपड़े से ढका हुआ है।

यह लगता है कि वीडियो एक जैसे दावे से व्हाट्सएप्प पर भी प्रसारित हो रहा है।

मॉक ड्रिल, कोई आतंकवाद नहीं

अगर कोई गूगल पर सिर्फ ‘विरार डीमार्ट मुंबई’ की खोज करे तो परिणाम मीडिया की कई रिपोर्टों तक पहुंचाते हैं, जो बताते हैं कि इस हाइपरमार्केट में 14 जनवरी को मॉक ड्रिल हुई थी।

 

टाइम्स ऑफ इंडिया के एक लेख में इस घटना की इस तरह खबर की गई है — “गुरुवार की शाम विरार के एक हाइपरमार्केट में आतंकवाद निरोधी कार्रवाई की मॉक ड्रिल हुई।” इस मीडिया रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “आधे घंटे की इस ड्रिल से दुकानदार और लोग आश्चर्य में पड़ गए। यह ड्रिल, दंगा नियंत्रण पुलिस (RCP) और त्वरित कार्रवाई टीम (QRT) के साथ पालघर जिला पुलिस ने विरार के डीमार्ट हाइपरमार्केट में शाम 5 बजे की।” – (अनुवादित)

 

इस रिपोर्ट में मॉक ड्रिल का एक वीडियो भी शामिल है, जो वैसा ही है जैसा सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहा है।

बूमलाइव ने भी इस वीडियो का खुलासा किया था और विरार के अनुमंडल अधिकारी जयंत बाजबले से बात की थी, जिन्होंने पुष्टि की थी कि यह घटना आतंकवाद से निपटने की कार्रवाई की नियमित मॉक ड्रिल की थी। बाजबले ने बूम से बात करते हुए कहा, “इसमें QRT से 25 लोग थे, RCP से 15 और कुछ स्थानीय पुलिस थाने से थे।”

 

यह कोई पहली बार नहीं है कि मॉक ड्रिल का वीडियो, पुलिस द्वारा आतंकियों को पकड़ने के रूप में वायरल हुआ। पहले भी, ऑल्ट न्यूज़ को ऐसा ही एक मामला तेलंगाना का मिला था। झारखंड पुलिस की मॉक ड्रिल भी दो अलग-अलग संदेशों के साथ वायरल हुई थी।– (1, 2)

 

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.