पुलवामा हमले के बाद, सोशल मीडिया में एक संदेश वायरल हुआ है कि मोदी सरकार ने विशेष रूप से युद्ध में हताहतों और हथियारों की खरीद के लिए एक नई योजना शुरू की है। इसे कई सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया गया है।

वायरल संदेश :

केवल रु1/- दीजिए (केवल एक रुपया)
पहली बार, मोदी सरकार ने विशेष रूप से भारतीय सेना के युद्ध हताहतों और हथियारों की खरीद के लिए एक नई योजना शुरू की है। सरकार ने एक बैंक खाता शुरू किया है, जिससे लोग सीधे सेना कल्याण खाते में धन दान कर सकते हैं जिसका उपयोग भारतीय सेना के लिए हथियारों की खरीद और युद्ध में शहीदों के लिए सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा। लोगों ने, विशेष रूप से युद्ध के हताहतों और सेना के लिए हथियारों की खरीद हेतु धन जुटाने के लिए बैंक खाता खोलने का सरकार को सुझाव दिया था, मोदी सरकार ने इस सुझाव को मंजूर किया है और इसके लिए सिंडिकेट बैंक, नई दिल्ली में एक खाता खोला है। इस योजना की सबसे आकर्षक विशेषता है कि लोग एक रुपया जैसी छोटी राशि भी दान कर सकते हैं। मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक। देश की 130 करोड़ की आबादी है, जिसमें से 100 करोड़ लोग भी (70%) एक रुपया प्रत्येक जमा करते हैं तो मंत्रालय 100 करोड़/दिन, 3000 करोड़/माह और 36000 करोड़/वर्ष प्राप्त करेगा। 36,000 करोड़ जो पाकिस्तान के कुल रक्षा व्यय से ज्यादा है। हम कई गैरजरूरी खर्चों पर सैकड़ों और हजारों रुपये व्यय कर देते हैं, लेकिन यदि हम एक रुपया सेना पर व्यय कर सकते हैं, यह अवश्य ही भारत को सुपर पावर बना सकता है। यह धन सीधे रक्षा मंत्रालय को सेना के फायदे और युद्ध के हताहतों के लिए पहुंचेगा। यह हमारे सेना के जवानों, जिन्होंने युद्ध क्षेत्र में जान गंवा दिए हैं, की सहायता का सबसे विलक्षण विचार है। साथ आइए, हमारे रक्षा बलों, अर्धसैनिक बलों और सीआरपीएफ के लिए एकजुटता दिखलाइए। भारत को सुपर पावर बनाने के मिशन से जुड़िए!

बैंक डिटेल्स :
सिंडिकेट बैंक
खाते का नाम : आर्मी वेलफेयर फंड बैटल कैजुअल्टीज
खाता संख्या : 90552010165915
IFSC कोड : SYNB0009055
साउथ एक्सटेंशन शाखा, नई दिल्ली
कृपया अधिकतम सदस्यों में प्रसारित करें – (अनुवादित)

यह संदेश पुलवामा आतंकी हमला, जिसमें सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हुए थे, के बाद सोशल मीडिया में प्रसारित हुआ है। इस संदेश का एक अन्य संस्करण दावा करता है कि बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार के सुझाव पर पीएम मोदी ने युद्ध हताहतों और हथियारों की खरीद के लिए कोष स्थापित करने का फैसला किया।

तथ्य-जांच

2016 में सेवानिवृत्त भारतीय सैनिकों ने आधिकारिक रूप से घोषित किया कि ‘आर्मी वेलफेयर फंड बैटल कैजुअल्टीज’ (युद्ध हताहतों का सेना कल्याण कोष) के लिए एक कोष की स्थापना की गई है। यह घोषणा सियाचिन हिमस्खलन आपदा के मद्देनजर हुई थी जब कई संगठनों और कर्मियों ने युद्ध के हताहतों के निकट संबंधियों को वित्तीय सहायता की पेशकश की थी। लेकिन यह कोष सेना के लिए हथियारों की खरीद के लिए नहीं है। सेवानिवृत्त सैनिकों की आधिकारिक वेबसाइट द्वारा जारी इसके आधिकारिक दस्तावेज में कहा गया है, “इस कोष में प्राप्त दान का उपयोग युद्ध हताहतों की विधवाओं, उनके दूसरे निकट संबंधियों और आश्रितों को वित्तीय सहायता / अनुदान के लिए किया जाता है।” यह ध्यान देने योग्य है कि वायरल संदेश में दिए गए बैंक खाते के विवरण सही हैं। लेकिन वायरल संदेश में लोगों से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के लिए दान करने को कहा गया है, जबकि CRPF गृह मंत्रालय के अधीन आता है और भारतीय सेना रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत है। साथ ही, यह अभिनेता अक्षय कुमार की पहल नहीं थी, जैसा सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है।

2016 से प्रसारित

खबरों के अनुसार, यह संदेश, दो वर्ष से ज्यादा पहले हुए उरी हमले के बाद व्हाट्सएप्प पर भी वायरल हुआ था। संयोगवश, उरी हमले के कई दिन पहले, भारतीय सेना के लोक सूचना अतिरिक्त महानिदेशालय ने एक स्पष्टीकरण भी जारी किया था। यह दावा पूर्व में द क्विंट द्वारा खारिज किया गया था।

‘आर्मी वेलफेयर फंड बैटल कैजुअल्टीज’ की स्थापना युद्ध हताहतों के निकट संबंधियों को वित्तीय सहायता के लिए की गई थी, हथियारों की खरीद के लिए धन जमा करने के लिए नहीं, जैसा सोशल मीडिया के वायरल संदेश में बतलाया गया। सोशल मीडिया के संदेश में बैंक खाता संख्या का सही उल्लेख है, लेकिन इस कोष के उद्देश्यों का विवरण भ्रामक है।

गृह मंत्रालय के पोर्टल ‘भारत के वीर‘ (BharatkeVeer) पर जाकर आप सीआरपीएफ के शहीदों के परिवारों के लिए दान दे सकते हैं। मीडिया की खबरों में बताया गया है कि ‘भारत के वीर’ अक्षय कुमार की सूझ थी, जिसे गृह मंत्रालय ने कार्यरूप दिया। लेकिन, इस पर फिर ध्यान दिया जाना चाहिए कि इस पोर्टल का लक्ष्य मारे गए जवानों के निकट संबंधियों की वित्तीय मदद करने का है, हथियारों की खरीद का नहीं।

विकल्प रूप में, इस खाते में योगदान करने के लिए आप यूपीआई (UPI) का भी उपयोग कर सकते हैं।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.