कर्नाटक मुख्य निर्वाचन अधिकारी के ऑफ़िशियल X (ट्विटर) हैंडल ने 26 अप्रैल, 2024 को घोषणा की कि बेंगलुरु दक्षिण से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या के खिलाफ़ उनके X हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट करने और धर्म के आधार पर वोट मांगने के लिए कार्रवाई शुरू की गई है. 25 अप्रैल को बेंगलुरू के जयनगर पुलिस स्टेशन में तेजस्वी सूर्या के खिलाफ़ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3) के तहत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस सूत्रों ने द हिंदू को बताया कि उन्होंने सूर्या के एक ट्वीट पर संज्ञान लिया था जहां उन्होंने कथित तौर पर राम मंदिर का हवाला देकर वोट मांगे और लोगों से “बेहतर और सुरक्षित भविष्य” के लिए मोदी को वोट देने को कहा.

भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सूर्या ने ये ट्वीट 25 अप्रैल को शेयर किया था.

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123(3) (जिसके तहत भारत में चुनाव होते हैं) में एक उम्मीदवार को “उसके धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर या उसके इस्तेमाल के आधार पर या धार्मिक प्रतीकों की अपील करके वोट मांगने की मनाही है.” साथ ही इन्हें ‘भ्रष्ट आचरण’ के रूप में भी नामित किया गया है.

भाजपा सांसद के ट्वीट ने इलेक्शन मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट (MCC) के प्रावधानों का भी उल्लंघन किया जो 2024 के आम चुनावों की घोषणा के साथ 19 मार्च को लागू हुई थी. MCC के तहत ‘सामान्य आचरण’ के क्रम संख्या 3 में लिखा है, ”वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं की जाएगी. मस्जिद, चर्च, मंदिर या अन्य पूजा स्थलों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा. क्रम संख्या 4 में पार्टियों और उम्मीदवारों से अपेक्षा की जाती है कि वे “ईमानदारी से उन सभी गतिविधियों से बचें जो ‘भ्रष्ट आचरण’ और चुनाव कानून के तहत अपराध हैं.”

जब ऑल्ट न्यूज़ ने बीजेपी और उसकी अलग-अलग राज्य इकाइयों के ऑफ़िशियल X (ट्विटर) हैंडल्स की जांच की तो मालूम चला कि वोट मांगते समय MCC और अधिनियम के उपरोक्त प्रावधानों की घोर अवहेलना करते हुए राम मंदिर मुद्दा, अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर की तस्वीरें और राम की मूर्ति और धार्मिक ट्रॉप्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था.

बीजेपी का ऑफ़िशियल X हैंडल (@BJP4India)

पिछले कुछ हफ्ते में प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों ने दावा किया कि राम मंदिर भाजपा के लिए कोई चुनावी मुद्दा नहीं है. हालांकि, फ़ैक्ट ये है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण दशकों से भाजपा के लिए एक प्रमुख चुनावी वादा रहा है. इसे अनुच्छेद 370 को निरस्त करने जैसे मामलों के साथ भाजपा के 2019 के चुनाव घोषणापत्र में प्रमुखता से शामिल किया गया था. इस चुनावी मौसम में पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कुछ टॉप भाजपा नेताओं ने वोट मांगने के लिए राम मंदिर मुद्दे का इस्तेमाल किया है और यहां तक ​​कि उन्होंने एक के बाद एक भाषण में राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण स्वीकार न करने पर कांग्रेस नेताओं को हिंदुओं का विरोधी भी बताया है. 

नीचे, पाठक भाजपा के ऑफ़िशियल X हैंडल (@BJP4इंडिया) के कई ट्वीट्स देख सकते हैं जहां पार्टी ने मतदाताओं को लुभाने के लिए राम मंदिर या इससे संबंधित ग्राफिक का इस्तेमाल किया. इनमें से कई पोस्ट मंदिर और बीजेपी को मिलने वाले वोटों के बीच सीधा संबंध बताते हैं. हमने इनमें से कुछ ट्वीट्स को उजागर किया है जो साफ तौर पर राम मंदिर मुद्दे पर धार्मिक भावनाओं को भड़काकर मतदाताओं को बांटने की कोशिश करते हैं.

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भाजपा उत्तर प्रदेश (@BJP4UP)

21 अप्रैल को बीजेपी उत्तर प्रदेश के ऑफ़िशियल X हैंडल ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि राम मंदिर उनके चुनाव प्रचार का साधन नहीं है. ट्वीट के कैप्शन में ये भी बताया गया है कि अमित शाह ने वीडियो में क्या कहा है. हालांकि, ट्वीट में इस हैशटैग का इस्तेमाल किया गया है: “#Vote4ModiJi #PirEkBaarModiSarkar #AbkiBar400Paar.” इन हैशटैग का इस्तेमाल बीजेपी ने अपनी चुनाव कैम्पेन के मटेरियल में किया है.

नीचे कुछ उदाहरण दिए गए हैं जहां राम मंदिर के विजुअल्स के साथ प्रचार वाले पोस्ट शेयर किए गए हैं.

हमें ऐसे कई उदाहरण मिले जहां बीजेपी यूपी के X पेज ने विपक्ष और उनके उम्मीदवारों को सनातन विरोधी (या हिंदू विरोधी) बताते हुए सीधे सांप्रदायिक संदर्भ दिए. एक ट्वीट में सांप्रदायिक भावनाओं का फायदा उठाने की कोशिश करते हुए ‘हिजाब’ और ‘मंगलसूत्र’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है.

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बीजेपी बिहार (@BJP4BIHAR)

पहले चरण में बिहार के चार निर्वाचन क्षेत्र और 26 अप्रैल को राज्य के चार अन्य निर्वाचन क्षेत्र में मतदान हुआ था.

दूसरे चरण के मतदान की सुबह, बीजेपी बिहार के ऑफ़िशियल X हैंडल ने एक ट्वीट शेयर किया जिसमें कहा गया: “अगर आप चाहते हैं कि कोई घुसपैठिए आपका हक ना मारे, तो बाहर निकलिए और NDA को वोट करिए.” ट्वीट की गई तस्वीर में पीएम मोदी, अमित शाह और कई अन्य भाजपा नेताओं की तस्वीर के साथ भी यही टेक्स्ट था.

ये पीएम मोदी द्वारा राजस्थान के बांसवाड़ा में एक रैली में मुसलमानों को घुसपैठिया बताए जाने के कुछ दिनों बाद सामने आया है.

पहले चरण के मतदान की सुबह, बीजेपी बिहार के ऑफ़िशियल X पेज ने सीधे राम मंदिर के नाम पर वोट मांगते हुए एक ट्वीट शेयर किया था. इसमें लिखा था, “वोट देने जा रहे हैं, तो ये जरूर याद रखियेगा, रामलला का मंदिर किसने बनवाया.”

पहले चरण के चुनाव से पहले, बिहार भाजपा ने अयोध्या में मंदिर और अन्य मंदिरों के विजुअल्स कम से कम सात बार शेयर किए. इसमें लोगों से भाजपा को वोट देने का आग्रह करते हुए कहा गया कि उनके वोटों से राम मंदिर का निर्माण संभव हो सका है.

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भाजपा पश्चिम बंगाल (@BJP4BANGAL)

जनवरी 2024 की शुरुआत में भाजपा की पश्चिम बंगाल राज्य इकाई ने अपने आम चुनाव अभियान में राम मंदिर मुद्दे को प्रमुखता से इस्तेमाल करने का फैसला किया था. तदनुसार, बंगाल भाजपा ने ‘सबके राम’ संदेश के साथ एक डोर-टू-डोर कार्यक्रम चलाया.

21 अप्रैल को MCC लागू होने के दो दिन बाद, भाजपा पश्चिम बंगाल के ऑफ़िशियल X पेज ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के राज्य में सार्वजनिक संबोधन का एक कोट शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा था: “ये भारत में राम राज्य आने का समय है.”

नीचे बताया गया है कि कब-कब भाजपा पश्चिम बंगाल ने राम मंदिर के विजुअल्स शेयर करके पार्टी के लिए वोट मांगे:

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बीजेपी राजस्थान (@BJP4RAJSTHAN):

राजस्थान चुनाव आचार संहिता उल्लंघन विवादों के केंद्र में रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने 21 अप्रैल को दक्षिणी राजस्थान के बांसवाड़ा में एक भाषण दिया जहां उन्होंने भारत में रहने वाले मुसलमानों को ‘घुसपैठिए’ के ​​रूप में संदर्भित किया और उन्हें “ज़्यादा बच्चे पैदा करने वाले” कहकर उनका मजाक उड़ाया. वो देश के बहुसंख्यक हिंदुओं की संपत्ति को निगलने के लिए मुसलमानों को शैतान के रूप में दिखाकर डराने-धमकाने में भी लगे रहे. जिसमें सिर्फ धन-संपत्ति ही नहीं, बल्कि ‘मंगलसूत्र’ (जो एक धार्मिक अर्थ रखता है और भारतीय दुल्हनों द्वारा पहना जाने वाला एक हार है) को भी इसमें शामिल किया गया. इस भाषण में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए ये बयान MCC के सामान्य आचरण और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 के तहत पॉइंट नंबर 1 और 3 का साफ़ उल्लंघन है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी 19 अप्रैल को राजस्थान के पाली में अपने भाषण में राम मंदिर को चुनावी मुद्दे के रूप में इस्तेमाल किया था. उन्होंने कांग्रेस पर ये कहकर कटाक्ष किया कि कांग्रेस ने वर्षों तक रामलला को टेंट में बैठाकर रखा. राम मंदिर के फैसले को लटका कर रखा. अमित शाह ने खुले तौर पर मोदी को दूसरी बार चुनने को अयोध्या में मंदिर निर्माण से जोड़ा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अभिषेक का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया क्योंकि उन्हें अल्पसंख्यक वोट खोने का डर था. उन्होंने देश के कई मंदिरों को भी सूचीबद्ध किया जिन्हें नरेंद्र मोदी ने प्राथमिकता दी और जिन पर काम शुरू किया था.

कांग्रेस ने वर्षों तक रामलला को टेंट में बैठाकर रखा। राम मंदिर के फैसले को लटका कर रखा।

नीचे कुछ और उदाहरण दिए गए हैं जहां भाजपा की राज्य इकाई ने सामान्य रूप से धार्मिक और राम मंदिर का इस्तेमाल करते हुए चुनाव अभियान के ट्वीट शेयर किए. इसमें पीएम मोदी, अमित शाह और राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा के भाषणों के कुछ हिस्से भी शेयर किए गए, जहां उन्होंने राम मंदिर के नाम पर वोट मांगे थे.

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भाजपा उत्तराखंड (@BJP4UK)

बीजेपी उत्तराखंड के ऑफ़िशियल X पेज ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की एक सार्वजनिक बैठक की एक क्लिप ट्वीट करते हुए उनके हवाले से लिखा, “कांग्रेस पार्टी हमेशा राम विरोधी और सनातन विरोधी रही है.” साथ ही वीडियो में बीजेपी नेता नड्डा इस बात पर भी जोर देते हैं कि कांग्रेस ने बार-बार राम मंदिर मामले को अनिश्चितता में लटकाए रखने की कोशिश की है.

नीचे कुछ और उदाहरण दिए गए हैं जहां बीजेपी उत्तराखंड ने अपने प्रचार के लिए सीधे तौर पर राम मंदिर का इस्तेमाल किया.

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भाजपा छत्तीसगढ़ (@BJP4CGSTATE)

छत्तीसगढ़ में अपने सार्वजनिक संबोधन में पीएम मोदी ने राम मंदिर निर्माण को लेकर धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल कर अपनी पार्टी के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता ने अभिषेक में शामिल होने का निमंत्रण इसलिए स्वीकार नहीं किया क्योंकि कांग्रेस खुद को राम से भी बड़ा मानती थी. उन्होंने दर्शकों से पूछा, “क्या ये हमारे संतों का अपमान नहीं है? और छत्तीसगढ़ श्री राम का ननिहाल है. क्या ये छत्तीसगढ़ का अपमान नहीं है? (भीड़ सहमति में हाँ चिल्लाती है).” प्रधानमंत्री ने अपने अभियान भाषण में धर्म और पूजा स्थल के संदर्भों का खुलकर इस्तेमाल किया.

नीचे, छत्तीसगढ़ भाजपा द्वारा कैंपेन मटेरियल में राम मंदिर का इस्तेमाल करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के कई उदाहरण देखे जा सकते हैं.

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बीजेपी, कांग्रेस को ECI का नोटिस; दिल्ली HC में मोदी के लिए अयोग्यता याचिका

25 अप्रैल को भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के संबंध में भाजपा को नोटिस भेजा, जहां उन्होंने मुसलमानों को ‘घुसपैठिए’ के ​​रूप में संदर्भित किया था और दावा किया था कि कांग्रेस का इरादा हिंदुओं का धन छीनकर मुसलमानों में बांटना था. ये पहली बार है जब ECI ने पीएम मोदी के खिलाफ MCC उल्लंघन की शिकायत पर संज्ञान लिया और पार्टी से 29 अप्रैल को सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा गया था. ECI ने कांग्रेस को भी नोटिस भेजकर राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत पर जवाब मांगा है. ये नोटिस संबंधित पार्टी अध्यक्षों को भेजे गए हैं और जिन व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी, इन नोटिस में उनमें से किसी का भी नाम नहीं था. 29 अप्रैल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने EC से जवाब के लिए वक्त मांगा है.

इसके अलावा, 9 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक भाषण में हिंदू और सिख देवताओं और पूजास्थलों के नाम पर भाजपा के लिए वोट मांगने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत 6 साल के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने 29 अप्रैल को सुनवाई की और इसे खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता का कहना था कि मोदी ने न सिर्फ धार्मिक देवताओं और पूजा स्थलों के नाम पर वोट मांगे, बल्कि “दूसरे राजनीतिक दलों को मुसलमानों का पक्ष लेने” के खिलाफ भी बयान दिया. 

इस भाषण में पीएम ने कहा कि ये देश के लोग ही हैं जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण संभव बनाया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा से मंदिर के खिलाफ रहा है. और यहां तक ​​कि इसके निर्माण को रोकने के लिए उसने कानूनी सहारा भी लिया. प्रधानमंत्री ने कहा: “लेकिन उसके बाद भी, देश के नागरिकों ने मंदिर के निर्माण में योगदान दिया और आपको (विपक्ष को) मंदिर के अभिषेक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया. आपने निमंत्रण अस्वीकार कर दिया और प्रभु राम का अपमान किया. उनके दिलों में इतना ज़हर भरा हुआ है कि उनकी पार्टी के जो लोग प्राण प्रतिष्ठा में आए थे, उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया है. हिंदुस्तान में ऐसा कैसे हो सकता है? राम की पूजा करने पर किसी को पार्टी से कैसे निकाला जा सकता है? इन पापियों को कभी मत भूलना.” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस तुष्टीकरण के रास्ते पर इतनी आगे बढ़ गई है कि वह कभी भी इससे बाहर नहीं निकल सकती है और इसलिए कांग्रेस का घोषणापत्र मुस्लिम लीग जैसा दिखता है.

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