पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने इस्लाम के पैगंबर के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसके खिलाफ़, भारत में एक राजनैतिक हलचल पैदा हुई जिसका असर सोशल मीडिया पर भी देखने को मिला. इस दौरान, सोशल मीडिया पर एक कथित फ़िल्म का पोस्टर अलग-अलग दावों के साथ वायरल है. ऐसा लगता है कि ये फ़िल्म पैगंबर मुहम्मद के जीवन पर आधारित है.
ट्विटर यूज़र ‘@Narpats62770513‘ ने ये पोस्टर ट्वीट करते हुए लिखा, “जब ट्रेलर ऐसा है, तो फ़िल्म कैसी होगी?”
जब ट्रेलर ऐसा है तो फिल्म कैसी होगी ? pic.twitter.com/iJ1crwfCTc
— ठाकुर साहब (@Narpats62770513) June 15, 2022
ये पोस्टर ट्विटर पर अलग-अलग दावों के साथ वायरल है.
और ऐसे ही फ़ेसबुक पर भी ये पोस्टर वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने पोस्टर में दिख रहे टेक्स्ट के मद्देनज़र गूगल पर की-वर्ड्स सर्च किया. इससे हमें प्रशंसित ईरानी फ़िल्म निर्माता, माजिद मजीदी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘मुहम्मद’ (2015) का IMDB पेज मिला. लेकिन इस फ़िल्म का पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल पोस्टर से बिल्कुल अलग है.
बता दें कि इस फ़िल्म को सुन्नी मुस्लिम समूहों की व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा है. उनका मानना है कि पैगंबर का किसी भी तरह का चित्रण ईशनिंदा है. इसके अलावा, फ़िल्म बनाने के लिए मजीदी के साथ-साथ संगीतकार एआर रहमान के खिलाफ़ भी फ़तवा जारी किया गया था. 2020 में महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर फ़िल्म के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की थी.
वायरल पोस्टर में छपी तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ ने पोस्टर को क्रॉप किया और इस तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे हमें मिस्र के एक फ़ोटोग्राफ़र उमर शेकू का इंस्टाग्राम पेज मिला. उन्होंने ये तस्वीर 5 जून 2019 को पोस्ट की थी. कैप्शन के मुताबिक, ये तस्वीर 2019 में काहिरा के अल-तौहीद मस्जिद में ईद की नमाज़ के दौरान क्लिक की गई थी.
उमर के इंस्टाग्राम पेज की पड़ताल करने पर हमें इस घटना की एक और तस्वीर मिली. इसका कैप्शन भी पिछली तस्वीर की तरह ही था. ये तस्वीर पहली तस्वीर के चार दिन बाद पोस्ट की गई थी. इस तस्वीर में बच्चा और बुजुर्ग दोनों नजर आ रहे हैं.
ऑल्ट न्यूज़ ने इंस्टाग्राम पर उमर से संपर्क किया. उमर ने बताया कि ये तस्वीर उन्होंने 2019 में काइरो में ईद की नमाज़ के दौरान खींची थी. उन्होंने कहा, “ईद के दौरान काफी भीड़ थी और कुछ लोगों के साथ बच्चे भी थे. बच्चे आसपास खेलते हैं और गुम हो सकते हैं. इस वजह से बच्चों के गार्डियन्स नमाज़ के दौरान उन्हें साथ रखते हैं. मेरे पिता भी यही करते थे. वो मुझे अपने पास रखते थे और मैं उनके आसपास खेलता था”. उमर ने जून 2019 का फ़ेसबुक पोस्ट भी भेजा जिसमें उन्होंने ये तस्वीर पोस्ट की थी.
कुल मिलाकर, इंटरनेट पर मौजूद एक तस्वीर को 2015 की फिल्म मुहम्मद के पोस्टर पर एड किया गया. और ये तस्वीर मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधते हुए शेयर की गई.
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