सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ लोगों को दो परेशान दिख रही महिलाओं का विरोध करते हुए देखा जा सकता है. इनमें से एक महिला बुर्का पहने हुए दिखाई दे रही है. यूज़र्स का दावा है कि बुर्का पहने महिला दूसरी महिला के साथ ‘लव जिहाद’ करने की कोशिश कर रही थी और उसे बुर्का पहनने और एक मुस्लिम पुरुष के साथ संबंध बनाने के लिए कह रही थी. वीडियो को इसी दावे के साथ एक वेरिफ़ाईड राइट विंग अकाउंट @ajaychohan41 ने शेयर किया. यूज़र ने लिखा, “…ये लव जिहाद है.” (आर्काइव)

पाठकों को ध्यान देना चाहिए कि @ajayChauhan41 नियमित तौर पर सांप्रदायिक ग़लत सूचनाएं शेयर करता है. ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी इस यूज़र द्वारा फ़ैलाए गए झूठ को उजागर किया है.

यूज़र @ImSudhakarRao ने यही वीडियो कन्नड़ में भी इसी दावे के साथ ट्वीट किया. (आर्काइव)

@sanatan_kannada और @FollowAkshay1 सहित कई अन्य यूज़र्स ने वायरल वीडियो को आगे बढ़ाया. (आर्काइव्स- 1, 2, 3, 4, 5)

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फ़ैक्ट-चेक

हमने देखा कि कुछ यूज़र्स ये बता रहे थे कि वायरल वीडियो 2021 का है. ये घटना कर्नाटक के कोडागु ज़िले में हुई थी. इसे ध्यान में रखते हुए, हमने एक की-वर्डस सर्च किया जिससे हमें 23 नवंबर, 2021 को द न्यूज़ मिनट का एक आर्टिकल मिला. इसका आर्टिकल का टाइटल कुछ यूं था, “कर्नाटक के कोडागु में सिर्फ दो सप्ताह में पांच घृणित अपराध हुए.” इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो का एक फ्रेम शामिल है.

रिपोर्ट के मुताबिक़, 18 नवंबर, 2021 को शनिवारसंथे में एक बस स्टॉप पर हिंदुत्व ग्रुप के कुछ लोगों द्वारा दो मुस्लिम लड़कियों को परेशान किया गया था. भीड़ ने कथित तौर पर लड़कियों पर एक सहपाठी को बुर्का सौंपने का आरोप लगाया था जो ईसाई थी. शनिवारसंथे पुलिस निरीक्षक परशिव मूर्ति ने कहा कि कुछ भी बुरा नहीं हो रहा था. एक ईसाई लड़की ने बुर्का अपने पास रखा था क्योंकि उनके बैग में जगह नहीं थी. उन्होंने कहा कि वो मुस्लिम लड़कियों को इसे लौटाने के लिए बस स्टॉप पर आ रही थी. इसके बावजूद मुस्लिम लड़कियों को सार्वजनिक रूप से भीड़ द्वारा धमकाया गया, थप्पड़ मारे गए और पीटा गया.

30 से ज़्यादा लोगों की भीड़, कैमरे घुमाते हुए, लड़कियों पर टूट पड़ी और उनसे सवाल पूछने लगी कि वे कहां से हैं और उन्होंने किसी और को बुर्का क्यों दिया है. पुलिस ने घटना में दो लोगों – प्रज्वल और कौशिक को गिरफ़्तार किया था. कथित तौर पर वीडियो में एक व्यक्ति को चिल्लाते हुए सुना गया, “तुम बुर्का पहनो, तुम्हें स्कूल जाना चाहिए और वापस घर जाना चाहिए. बुर्का दूसरों को नहीं दिया जाना चाहिए और दूसरे घरों की लड़कियों को खराब नहीं किया जाना चाहिए,” जबकि लड़कियां लोगों से गुहार लगा रही थीं कि उन्हें अकेला छोड़ दें.

इसी घटना पर नवंबर 2021 की द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक अन्य रिपोर्ट में घटना के बारे में और अच्छे से बताया गया है. एक पीड़िता के पिता ने अपने बयान में कहा कि घटना वाले दिन उनकी बेटी सुबह अपने कॉलेज गई थी. उन्हें क्लास में जाने से पहले बुर्का उतारना पड़ता था और इसलिए उनकी बेटी की सहेली ने सुबह बुर्का उसी कॉलेज की एक ईसाई लड़की के पास रखा था. गुरुवार को ईसाई लड़की कॉलेज नहीं गई. दोनों लड़कियां शाम को इस ईसाई लड़की के बुर्का लौटाने का इंतज़ार कर रही थीं. रिपोर्ट में पिता के हवाले से कहा गया है कि जब बुर्का वापस किया जा रहा था, तो संघ परिवार के लड़कों ने पीड़ितों से बहस की और शारीरिक रूप से भी हमला किया.

पीड़िता के पिता ने आगे कहा कि लड़कियों को बंद कर दिया गया, पीटा गया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन पर हमला किया गया. लड़कियों की पीठ पर खरोंच के निशान सहित चोटें भी आईं. बाद में उन्हें कोडलिपेट अस्पताल में भर्ती कराया गया.

कुल मिलाकर, हिंदुत्व कार्यकर्ताओं द्वारा दो मुस्लिम महिलाओं को परेशान किए जाने के 2021 का वीडियो इस भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल है कि बुर्के में दिख रही महिलाओं में से एक, दूसरी महिला को बुर्का पहनाकर उसका ब्रेनवॉश करने और किसी मुस्लिम व्यक्ति से संबंध बनवाने की कोशिश कर रही थी. दरअसल, वीडियो में दिख रही दोनों महिलाएं मुस्लिम हैं. वे अपने ईसाई दोस्त के बुर्का लौटाने का इंतज़ार कर रही थीं.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.