सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें कई क्लिप्स एक साथ में दिखाए गए हैं. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि असम में मुसलमानों ने एक अलग राष्ट्र की मांग करते हुए रैली निकाली जिसपर पुलिस ने उनकी मांगों का जवाब दिया. वीडियो में पुलिसकर्मियों को नागरिकों पर हिंसक हमले करते हुए देखा जा सकता है.
वीडियो के साथ शेयर किये जा रहे कैप्शन में लिखा है, “आसाम में मुसलमानों ने अलग देश बनाने के लिए असम में जुलूस निकाला, फिर उनका हाल देखिए, आसाम के मुख्यमंत्री योगी से भी दो कदम आगे हैं.”
इस वीडियो को ट्विटर यूज़र @DRajlaxmisaini ने ट्वीट किया. उनके बायो के मुताबिक, ये डॉक्टर हैं.
आसाम में मुसलमानों ने अलग देश बनाने के लिए जुलूस निकाला, फिर उनका हाल देखिए
आसाम के मुख्यमंत्री योगी से भी दो कदम आगे हे
😂😂 pic.twitter.com/E6pRbru3LB— Dr.RajlaxmiSaini (@DRajlaxmisaini) May 2, 2022
इस दावे के साथ ये वीडियो ट्विटर पर वायरल है.
पा गए आजादी 🤭🤭
आसाम में मुसलमानों ने अलग देश बनाने के लिए जुलूस निकाला, फिर उनका हाल देखिए
आसाम के मुख्यमंत्री योगी से भी दो कदम आगे हे .
😂😂 pic.twitter.com/OtRrMU4YWU— Laxmi Reddy 🇮🇳 (@Laxmi47584355) May 2, 2022
आसाम में मुसलमानों ने अलग देश बनाने के लिए जुलूस निकाला, फिर उनका हाल देखिए
आसाम के मुख्यमंत्री योगी से भी दो कदम आगे हे
😂😂 pic.twitter.com/Is6k7JVrxj— महेश🕉️पटेल🔱भगवा🚩योद्धा🏹 (@maheshspatel51) May 4, 2022
फ़ेसबुक पर भी इसी दावे के साथ ये वीडियो वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
हमने वीडियो को ध्यान से देखा और कुछ चीज़ें नोटिस की :
- वीडियो में कहीं भी पुलिस या पीड़ितों को असम की भाषा में बात करते हुए नहीं सुना जा सकता है.
- वीडियो के पहले 20 सेकंड में एक हिंदी साइनबोर्ड और एक बैरिकेड दिखता है.
इन्हें ध्यान में रखते हुए ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो के एक फ़्रेम को यांडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे हमें अप्रैल 2020 में अपलोड किये गए इस घटना के अलग-अलग वीडियोज़ मिलें. इससे पता चलता है कि वीडियो COVID-19 लॉकडाउन के पहले चरण का हो सकता है.
इनमें से एक वीडियो 6 अप्रैल, 2020 को अपलोड किया गया था जिसमें हम घटनास्थल के पुलिस स्टेशन का नाम साफ तौर पर देख सकते हैं. साथ ही उत्तर प्रदेश की नंबर प्लेट वाली एक SUV भी दिखती है. यूट्यूब पर वीडियो के बारे में दी गई जानकारी से पता चला कि ये यूपी के बरेली का है जहां पुलिस लॉकडाउन के आदेश लागू कर रही थी.
हमने गूगल पर एक की-वर्ड्स सर्च किया, जिससे इस घटना के बारे में अलग-अलग आर्टिकल और वीडियो रिपोर्ट्स मिलीं. 6 अप्रैल, 2020 को पब्लिश द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के एक आर्टिकल के मुताबिक, पुलिस की एक टीम ने लॉकडाउन के आदेशों को लागू करने के लिए बरेली ज़िले के करमपुर चौधरी गांव का दौरा किया था. इस दौरान गांव के लोग इकठ्ठा हो गए और पुलिस पर हमला कर दिया जिसके बाद अतिरिक्त बल को बुलाया गया.
हमें दो और वीडियो रिपोर्ट भी मिलीं जिनमें इसी तरह के विज़ुअल्स देखे जा सकते हैं. न्यूज़18 इंडिया के मुताबिक, लॉकडाउन के आदेशों को लागू करने के लिए पुलिस ने गांव का दौरा किया था. लेकिन ग्रामीणों ने इसका पालन नहीं किया और पुलिस की टीम पर हमला कर दिया. इस हमले में कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें आई. बाद में उन्होंने अतिरिक्त सैन्य और जवाबी कार्यवाई की मांग की और लगभग 40 लोगों को हिरासत में लिया.
इसी तरह, टाइम्स नाउ ने भी वायरल वीडियो से मिलने वाले विज़ुअल्स प्रसारित किए. टाइम्स नाउ की रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस टीम पर पहले हमला किया गया जिसके बाद उन्होंने बलपूर्वक जवाबी कार्रवाई की. वीडियो में हिंसा होने की वजह से वीडियो रिपोर्ट यूट्यूब द्वारा ऐज-रिस्ट्रिक्टेड है.
इस तरह, पुलिस द्वारा लॉकडाउन का पालन करवाने के क्रम में हुई झड़प का वीडियो इस भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया कि असम में मुसलमानों ने एक अलग राष्ट्र की मांग की. और इसके बाद पुलिस ने उनकी पिटाई की. इससे पहले, इसी झूठे दावे के साथ एक और वीडियो वायरल हुआ था.
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