सफेद कपड़ा पहने एक व्यक्ति की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में अपने ही घर में पूजा कर रहे व्यक्ति को लोगों ने पीट दिया. वीडियो के साथ मेसेज है, “बंगाल में घर में भी पूजा अर्चना करना खतरा है, सनातनी ने अपने ही घर में आरती की, तो बेटी के सामने खींचकर बीच सड़क पर पीटा, इतना रीट्वीट करें की बंगाल ही नहीं देश के हर व्यक्ति तक पहुंचे.”

फ़ेसबुक पर भी ये वीडियो शेयर किया जा रहा है.

2017 से मुस्लिम विरोधी दावों के साथ वायरल

दावा किया जा रहा था कि ये वीडियो पश्चिम बंगाल में एक ब्राह्मण पर मुस्लिमों द्वारा हमले का है. इसे शेयर करते हुए लिखा गया, “पश्चिम बंगाल में एक ब्राह्मण को उनकी बेटी के सामने मुस्लिम्स पीट रहे हैं. उनके घर में पूजा के दौरान, घंटी की आवाज़ किसी को सुनाई नहीं पड़नी चाहिए. ये पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में आम बात है. कोई भी मीडिया हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को कवर नहीं कर रहा है. जहां भारत में रोहंग्या [रोहिंग्या] मुसलमानों के रहने के लिए मानवाधिकारों की दुहाई दी जा रही है.”

ट्विटर पर अलग जगह से रिकॉर्ड की गई इसी घटना का वीडियो शेयर किया गया है.

यही वीडियो पिछले चार सालों से सोशल मीडिया पर चल रहा है.

 

फ़ैक्ट-चेक

एक ब्राह्मण को मुसलमानों द्वारा प्रार्थना करने से रोकने का दावा ग़लत है. 2017 में वायरल होने पर इस मेसेज को कोलकाता पुलिस ने शृंखलाबद्ध ट्वीट्स के ज़रिये ख़ारिज किया था. पुलिस के बयान के अनुसार, वो शख्स एक हिंदू पुजारी था जिसने कथित तौर पर एक महिला से छेड़छाड़ की थी और इसी वजह से उसके परिवार ने उसे मारा था.

दो साल पहले यूट्यूब पर पोस्ट किया गया एक वीडियो पुजारी की पिटाई से पहले का दृश्य दिखाता है. उसे कथित तौर पर महिला के साथ बलात्कार करने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है.

https://www.youtube.com/watch?v=knXgczWx8Yo

वायरल वीडियो को द क्विंट और बूमलाइव ने 2017 में खारिज किया था.

सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ के कथित प्रयास को इस गलत दावे के साथ फिर से शेयर किया गया कि मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल में एक ब्राह्मण पर हमला किया. इस प्रकार, इस घटना को एक सांप्रदायिक रंग दिया गया. यदि कोई वीडियो में बात कर रहे लोगों की बात ध्यान से सुने, तो एक व्यक्ति को ये कहते सुना जा सकता है कि पुजारी ने उसकी ’बोउ मा’ (पत्नी या बहू) के साथ दुर्व्यवहार किया था.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.