सीपीआई के सदस्य और बेगूसराय से सांसदी के उम्मीदवार रह चुके कन्हैया कुमार का NDTV पत्रकार रवीश कुमार के साथ हुए एक इंटरव्यू की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि कन्हैया ने नक्सलियों को ‘शहीद’ कहा. उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया. छतीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में पुलिस के 22 जवान मारे गए थे. इसी घटना के बाद ये वीडियो शेयर करते हुए ऐसा दावा किया जा रहा है. शलभ ने अपने फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल से भी ये वीडियो शेयर किया.

डॉक्टर कौशल के मिश्रा नाम के एक और ट्विटर यूज़र ने ऐसे ही दावे के साथ वीडियो ट्वीट किया.

ये वीडियो ऐसे ही दावों के साथ ट्विटर और फ़ेसबुक पर काफी शेयर किया जा रहा है.

2019 में हुए नक्सल हमले के बाद भी शेयर किया गया था ये वीडियो

ये वीडियो 1 मई 2019 को महाराष्ट्र में हुए नक्सली हमले के बाद भी शेयर किया गया था. इस हमले में 15 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे.

क्लिप शेयर करने वालों में भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा भी थे (आर्काइव लिंक).

भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी और भाजपा सदस्य सुरेंद्र पूनिया ने भी यह वीडियो ट्वीट किया था. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

अधिकांश सोशल मीडिया यूज़र्स ने क्लिप को ‘पॉलिटिकल कीड़ा’ के लोगो के साथ शेयर किया है, जो फेसबुक पर गलत सूचनाएं फैलाने वाला एक प्रमुख पेज है.

Never Forget,

For Anti-nationals like Kanhaiya Kumar, the Maoists who kill our Jawans are ‘Shaheed’, ‘Gareeb ka Beta’.

Posted by Political Kida on Wednesday, 1 May 2019

क्लिप्ड वीडियो

ऑल्ट न्यूज़ ने रवीश कुमार के साथ कन्हैया के साक्षात्कार का पूरा वीडियो देखा और पाया कि सोशल मीडिया में वायरल हिस्से को 2016 की बातचीत से उठाया गया था। वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार होने के बाद कल (गुरुवार को) जमानत पर रिहा होकर जेएनयू वापस लौटे जेएनयू छात्र संघ के अध्‍यक्ष कन्हैया कुमार ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि ‘9 फरवरी का कार्यक्रम मैंने आयोजित नहीं किया था. देश‍विरोधी नारे लगे या नहीं लगे, इसके बारे में मुझे कुछ नहीं पता, क्‍योंकि मैं वहां मौजूद नहीं था.”

यह इंटरव्यू 2016 के जेएनयू देशद्रोह प्रकरण से संबंधित था. वीडियो में लगभग 37:16 पर, रवीश कुमार कहते हैं, “ये बहुत तर्क चल रहा है कि सीमा पर जवान शहीद हो रहे हैं और आप इस तरह से मिनिमम यूनिटी जैसी अय्याशी जैसी बात कर रहे हैं. सब आप पढ़े लिखे लोग हैं, आप ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं? ये चल रहा है, खतरनाक सा सवाल है और कई बार तो लगता है इसका जवाब ही नहीं होता है. आपने कहा था आपके भाई की शहादत हई थी सीआरपीएफ में थे, नक्सलियों से लड़ते हुए. कभी आपको लगा कि आप उनकी शहादत को कमतर कर रहे हैं..”

इस पर कन्हैया ने जवाब दिया, “रवीश जी, हम किसी की शहादत को कमतर नहीं करना चाहते. हमारी तो लड़ाई ही यही है कि सारे शहीदों को शहादत का दर्जा देना चाहिए औऱ जो इन्हें शहीद बना रहे हैं उनके खिलाफ जंग छेड़ी जाए. मैं कहता हूं कि जिन्हें नक्सली बताकर मारा जा रहा है वो भी शहीद हैं, आदिवासी हैं. जो तथाकथित नक्सली हिंसा मे शहीद हो रहा है वो भी उनके जैसा गरीब का बेटा है. जो लोग इस देश में अनाज उपजा रहे हैं.. मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे-मोती… वो किसान जो मर रहे हैं वो भी इस देश के शहीद हैं, और जो सीमा पर लोग मर रहे हैं वो भी शहीद हैं. इन सारे शहीदों को एकजुट होना है. ये सारे परिवार जो हैं इनके परिवार को शहीद के परिवार का दर्जा मिलना चाहिए. और ये सारे शहीद जब रोड पर निकलेंगे एक साथ, जय जवान-जय किसान, मजदूर, आदिवासी, किसान का बेटा.. ये सब जब एक साथ होगा, तभी वो लोग जो इनको शहीद बना रहे हैं उनकी राजनीति को एक्सपोज किया जाएगा कि लड़ाई होती क्यों है… लड़वाते कौन हैं..”

तीन साल पहले रवीश कुमार को दिए गए कन्हैया के बयान की व्याख्या इस रूप में की जा सकती है कि इस युवा राजनेता की बातें गरीब किसानों, मजदूरों और आदिवासियों के साथ हुए अन्याय के बारे में हैं, जो नक्सलियों के खिलाफ हमले की आड़ में भड़की हिंसा में मारे गए. वह हिस्सा, जिसमें वह कहते हैं ‘जिन्हें नक्सली बताकर मारा जा रहा है’ , उसमें वह उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे, जो झूठे तरीके से नक्सलवादी कहलाते और मारे जाते हैं.

इसके अलावा, यह इंटरव्यू 2016 में हुआ था, इसलिए, कन्हैया इसमें 2021 में हुए हमले का ज़िक्र नहीं कर सकते हैं.

ऐसी ही एक और क्लिप वायरल

उसी साक्षात्कार की एक और क्लिप सोशल मीडिया पर चल रही है. इसमें, कन्हैया को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “किसी भोले-भाले आदिवासी को नक्सली बता कर मार देना, उसका भी समर्थन नहीं करते हैं. और ये लोग जो भोले-भाले आदिवासी को भी मारते हैं , नक्सली बता कर मारते हैं, आज जो लोग आदिवासियों के पक्ष में खड़े हो रहे हैं, उनको नक्सली बता कर के मार रहे हैं.”

कन्हैया कुमार नक्सलियों को मानता है भोला भाला नक्सली हिंसा को ‘तथाकथित’

कन्हैया कुमार नक्सलियों को मानता है भोला भाला
नक्सली हिंसा को ‘तथाकथित’

Posted by India272+ on Wednesday, 1 May 2019

यह वीडियो ट्विटर पर भी शेयर किया गया है।

इसके पूरे वीडियो में, लगभग 10:33 पर, कुमार कहते हैं, “अब देखिये मेरे घर में मेरा भाई CRPF में था और वो मारा गया. उनका नाम पप्पू था. वो मारे गए. और मज़ेदार बात ये है कि जो मुझे पूछा जाता है कि तुम नक्सली लोग हो, वो नक्सली हिंसा में ही मारा गया. लेकिन इस बात को कैसे मिला दिया जाता है. नक्सली हिंसा अपनी जगह पर गलत है, हम उसको समर्थन नहीं करते हैं. लेकिन किसी भोले-भाले आदिवासी को नक्सली बता कर मार देना, उसका भी समर्थन नहीं करते हैं. और ये लोग जो भोले-भाले आदिवासी को भी मारते हैं , नक्सली बता कर मारते हैं, आज जो लोग आदिवासियों के पक्ष में खड़े हो रहे हैं, उनको नक्सली बता कर के मार रहे हैं. ये बहुत खतरनाक ट्रेंड है इस देश के लिए.”

इंटरव्यू के पहले हिस्से में, कन्हैया नक्सलियों को ‘निर्दोष’ नहीं कह रहे थे, बल्कि उन आदिवासियों के लिए इस शब्द का उपयोग कर रहे थे जिन्हें गलत तरीके से माओवादी होने का आरोप लगाकर मार दिया गया है.

कुल मिलाकर, कन्हैया कुमार के एक पुराने भाषण को क्लिप करके गलत संदर्भ के साथ उसे सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.