23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया. इसके तुरंत बाद, मेनस्ट्रीम और सोशल मीडिया पर इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइज़ेशन (ISRO) की उपलब्धि के बारे में खबर और अपडेट्स आने लगीं. ऐसी ही एक वीडियो क्लिप और एक तस्वीर सोशल मीडिया पर चंद्रयान-3 से संबंधित बताकर वायरल है.

ISRO ने खुद लैंडिंग से ठीक पहले लैंडर इमेजर कैमरे से कैप्चर किए गए कुछ विज़ुअल्स शेयर किए. लेकिन उनमें वायरल वीडियो और तस्वीरें नहीं हैं.

पहला दावा: नासा द्वारा चंद्रयान-3 की लैंडिंग का फ़ुटेज जारी किया गया

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल में एक अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर उतरने की कोशिश करता दिखता है. इसके साथ दावा किया गया है कि इसे NASA (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) द्वारा रिकॉर्ड किया गया है और इसमें साफ़ तौर पर चंद्रयान-3 को चंद्रमा के साउथ पोल के पास उतरते हुए दिखाया गया है. साथ में ये भी कहा जा रहा है कि वीडियो में सुनाई दे रहे ऑडियो/वॉयस ओवर में नासा द्वारा चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बारे में बताया जा रहा है.

X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) ब्लू यूज़र P.N.राय ने इस वीडियो को इस कैप्शन के साथ ट्वीट किया: “अब नासा के डीप स्पेस नेटवर्क (DSN) द्वारा ली गई चंद्रयान 3 लैंडिंग की असली तस्वीरें देखें.” (आर्काइव लिंक)

कई और यूज़र्स ने भी ये क्लिप फ़ेसबुक और X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर शेयर की है.

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फ़ैक्ट-चेक

इस तस्वीर और वीडियो को देखने पर पहली नज़र में ऐसा लगता कि ये विज़ुअल्स एनिमेटेड हो सकते हैं. हमने वीडियो के कुछ फ़्रेम्स लिए और उन्हें रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें यूट्यूब पर 20 जुलाई, 2023 को चैनल ‘हेज़ग्रेयार्ट’ द्वारा अपलोड की गई यही वीडियो क्लिप मिली. इसका टाइटल था: “अपोलो 11 मून लैंडिंग.” यूट्यूब शॉर्ट के डिस्क्रिप्शन बॉक्स में अपोलो 11 मिशन से जुड़ी जानकारी शेयर की गई है.

इस वीडियो क्लिप में लगभग 49 सेकेंड पर, “इगल हैज लैंडेड (ईगल उतर गया है)” लाइन सुनी जा सकती है. वहीं ये वायरल क्लिप में भी सुनी जा सकती है. अपोलो 11 मिशन मानव इतिहास में चंद्रमा पर उतरने के लिए चालक दल अंतरिक्ष यान भेजने की पहली कोशिश थी. अपोलो 11 मिशन में शामिल अंतरिक्ष यान का नाम ‘लूनर मॉड्यूल ईगल’ (LM-5) था. इसे ‘ईगल’ भी कहा जाता है, ये चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान था. 1969 में नासा द्वारा इस ऐतिहासिक घटना को अंजाम दिया गया था जिससे नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन चंद्रमा पर चलने वाले पहले इंसान बने थे.

हमें 8 जून, 2021 को चैनल ‘हेज़ग्रेयार्ट’ द्वारा शेयर किया गया 4 मिनट लंबा यूट्यूब वीडियो मिला. वीडियो के टाइटल में कहा गया है: “अपोलो 11 चंद्रमा लैंडिंग: अंतरिक्ष अन्वेषण में एक ऐतिहासिक पल”, 58 सेकेंड पर वीडियो का वायरल क्लिप बिट शुरू होता है. इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन सेक्शन में नासा के अपोलो 11 मिशन के बारे में भी जानकारी दी गई है. इससे साबित होता है कि ये वीडियो 2 साल पुराना है.

हमने ये भी देखा कि चैनल ‘हेज़ग्रेयार्ट’ द्वारा पोस्ट किए गए सभी वीडियोज़ एनिमेटेड थे.

कुल मिलाकर, ये दावा ग़लत है कि ये क्लिप चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान -3 के लैंडिंग की है जिसे नासा ने रिकॉर्ड किया है. असल में ये क्लिप एनिमेटेड है और दो साल पुरानी है. साथ ही ये चंद्रयान-3 से संबंधित नहीं है. इसमें नासा द्वारा किए गए अपोलो 11 मिशन को दिखाया गया है.

हमने वीडियो के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए यूट्यूब युग हेज़ग्रायर्ट के व्यवस्थापक को कॉन्टेक्ट किया है. उनकी ओर से जवाब मिलने पर इस आर्टिकल को अपडेट किया जाएगा.

दूसरा दावा: चंद्रमा की सतह पर अशोक स्तंभ का निशान है

सोशल मीडिया पर भारतीय प्रतीक (अशोक स्तंभ) के दोनों तरफ टायर के निशान की एक तस्वीर इस दावे के साथ वायरल है कि ये चंद्रयान-3 मिशन में शामिल रोवर, प्रज्ञान द्वारा स्थायी रूप से बनाई गई एक छाप है जो लैंडर विक्रम से बाहर निकल कर चंद्रमा की सतह पर लुढ़क गया था.

पूर्व पत्रकार और हिंदुत्व प्रभावक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ (@Pushpenderamu) ने इस दावे के साथ 23 अगस्त को X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर ये तस्वीर ट्वीट की. आर्टिकल लिखे जाने तक उनके ट्वीट को 90 हज़ार से ज़्यादा बार देखा और 1,200 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव)

X(जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) हैन्डल ‘@SequelDBA’ ने भी यही तस्वीर ट्वीट करते हुए कैप्शन में ज़िक्र किया कि तस्वीर में चंद्रयान -3 द्वारा चंद्रमा की सतह पर छोड़ा गया चिन्ह दिखता है. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को करीब 3 लाख व्यूज़ मिले हैं. (आर्काइव)

कई और यूज़र्स ने भी ये वायरल तस्वीर फ़ेसबुक और X (ट्विटर) पर इन्हीं दावों के साथ शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

वायरल तस्वीर को बारीकी से देखने करने पर हमने नोटिस किया कि तस्वीर पर कृष्णशु गर्ग नाम का कॉपीराइट वॉटरमार्क है. हमने ‘कृष्णाशु गर्ग’ नाम सर्च किया तो हमें यूज़र की इंस्टाग्राम आईडी मिली. जहां उन्होंने 23 अगस्त को चंद्रयान -3 की लैंडिंग तक काउंटडाउन के रूप में टाइमर सेट करके अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर ये तस्वीर शेयर की थी. टाइमर को 9 घंटे बाद के लिए सेट किया हुआ देखा जा सकता है.

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हमने कृष्णशु गर्ग की X (ट्विटर) प्रोफ़ाइल भी देखी जहां उन्होंने ISRO के एक ट्वीट पर एक कमेंट करते हुए वायरल तस्वीर शेयर की थी. ISRO ने लैंडिंग के बाद लैंडिंग इमेजर कैमरे द्वारा ली गई तस्वीरें ट्वीट की थी. कृष्णशु गर्ग ने अपने कैप्शन में लिखा, “इसके लिए और इंतजार नहीं हो रहा! 🌕🇮🇳.”

हमें उनकी प्रोफ़ाइल पर उनके द्वारा बनाए गए ऐसी ही दूसरे आर्टवर्क और उनमें इस्तेमाल किया गया वही वॉटरमार्क भी मिला. उन्होंने एक इंस्टाग्राम पोस्ट करके ये फ़ैक्ट बताया कि ये तस्वीर सिर्फ उनका आर्टवर्क है और ये चंद्रमा की सतह की असली तस्वीर नहीं है. उन्होंने लोगों से ऐसी झूठी खबरों को आगे न बढ़ाने के लिए कहा.

https://www.instagram.com/krishanshugarg/?utm_source=ig_embed&ig_rid=04036b14-5c36-4b7d-abb5-09549151fc95

कुल मिलाकर, चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के रोवर द्वारा छोड़े गए निशान के असली विज़ुअल्स के रूप में वायरल तस्वीर फर्ज़ी है.

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