सोशल मीडिया पर झारखंड में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने वाली आदिवासी महिला का एक वीडियो सामने आया है. वीडियो में सुनीता (पीड़ित महिला) अपनी मालकिन पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाती है. जख्मी हालात में सुनीता बड़ी मुश्किल से मालकिन सीमा पात्रा द्वारा कथित तौर पर की गई प्रताड़ना के बारे में बताती है.

जैसे ही ये वीडियो वायरल हुआ, कई प्रमुख न्यूज़ मीडिया आउटलेट्स ने ये स्टोरी कवर की जिसमें उन्होंने सीमा पात्रा की पहचान “एक पूर्व IAS अधिकारी की पत्नी” के रूप में की. ANI ने ट्वीट किया, “पुलिस टीम ने 22 अगस्त को एक पूर्व IAS अधिकारी के आवास पर घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली एक 29 साल की महिला को रेस्क्यू किया. मालकिन द्वारा इस महिला को कथित तौर पर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया था.” (आर्काइव्ड लिंक)

भाजपा-समर्थक प्रॉपगेंडा आउटलेट ऑपइंडिया ने इस ख़बर को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में ट्वीट किया. अंग्रेजी कैप्शन में लिखा है, “पूर्व IAS की पत्नी पर एक आदिवासी महिला नौकरानी को प्रताड़ित करने का मामला दर्ज किया गया, जीभ से शौचालय साफ करने के लिए मजबूर करती थी,” और हिंदी कैप्शन में लिखा है, “नौकरानी को गर्म तवे से दागा, लोहे की रॉड से की पिटाई, जीभ से शौचालय साफ करवाया: बेटे ने विरोध किया, तो ‘पागल’ बता उसे भी हॉस्पिटल भेजा.” (आर्काइव्ड लिंक- पहला और दूसरा)

 

टाइम्स नाउ ने #ShameSecularHypocrisy के साथ इस स्टोरी पर कवरेज की एक क्लिप ट्वीट की. इसके कैप्शन में भी आरोपी की पहचान “पूर्व IAS अधिकारी की पत्नी” के रूप में की गई है. इसके बाद के एक ट्वीट में, टाइम्स नाउ ने घटना पर रिपोर्ट करते हुए एक और #SorenMustResign का इस्तेमाल किया. (आर्काइव्ड लिंक- पहला, दूसरा)

DNA ने इस कैप्शन के साथ रिपोर्ट ट्वीट की, “पूर्व IAS अधिकारी की पत्नी #सीमापात्रा पर नौकरानी को प्रताड़ित करने का आरोप, उनके बेटे ने पीड़िता को बचाया.” (आर्काइव्ड लिंक)

दैनिक भास्कर ने रिपोर्ट ट्वीट करते हुए लिखा, “रिटायर्ड IAS की पत्नी ने 8 साल बंधक रखा: दिव्यांग बोली- जीभ से फर्श साफ करवाया, पेशाब पिलाई; सालों से सूरज की रोशनी नहीं देखी”. इस कैप्शन में भी दूसरों की तरह सीमा पात्रा को सिर्फ एक रिटायर्ड IAS अधिकारी की पत्नी बताया गया. (आर्काइव्ड लिंक)

रिपब्लिक भारत ने भी सीमा पात्रा की पहचान एक IAS अधिकारी की पत्नी के रूप में की. (आर्काइव्ड लिंक)

सीमा पात्रा के सोशल मीडिया अकाउंट्स का विश्लेषण

सोशल मीडिया पर सीमा पात्रा की मौजूदगी के आधार पर, हमने पाया कि ये भाजपा कार्यकर्ता हैं. उनके फ़ेसबुक पेज बायो में लिखा है, “राज्य संयोजक, बेटी बचाओ – बेटी पढाओ, BJP झारखंड मेंबर – नेशनल वर्किंग कमिटी, BJP MA”. जबकि उनके ट्विटर बायो में लिखा है, “कमिटी महिला मोर्चा राज्य संयोजक राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, स्टेट-इन चार्ज पॉलिसी एंड रिसर्च.”

This slideshow requires JavaScript.

उनके फ़ेसबुक पेज की कवर फ़ोटो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ की एक तस्वीर है जिसे शायद 2018 में क्लिक किया गया था.

उनके फ़ेसबुक पेज पर मौजूद लास्ट पोस्ट अप्रैल 2019 की है जिसमें उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के लिए प्रचार करते देखा जा सकता है.

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि भाजपा महिला मोर्चा के ऑफ़िशियल हैंडल ने 6 अप्रैल, 2022 को नई दिल्ली के राष्ट्रीय कार्यालय में “भाजपा स्थापना दिवस” ​​कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ सीमा पात्रा की एक तस्वीर अपलोड की थी. कैप्शन में भी उनके नाम का ज़िक्र किया गया है. (आर्काइव्ड लिंक)

2 जून, 2022 को भाजपा महिला मोर्चा मेघालय के फ़ेसबुक पेज ने महिला मोर्चा प्रशिक्षण शिविरों के बारे में आभासी बैठक की तस्वीर अपलोड की. सीमा पात्रा को बैठक में देखा जा सकता है और कैप्शन में उनकी पहचान “कार्यकारी सदस्य” के रूप में की गई है.

This slideshow requires JavaScript.

हमें सीमा पात्रा के पेज पर ‘न्यूज़ 11’ का एक वीडियो भी मिला जिसमें सीमा पात्रा की पहचान बीजेपी की बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ राज्य संयोजक के रूप में की गई थी. वीडियो में सीमा पात्रा को बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ समिति सदस्य के रूप में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्कूली बच्चों को भाषण देते हुए देखा जा सकता है. ये वीडियो अप्रैल 2019 में सीमा पात्रा के पेज पर शेयर किया गया था.

 

 

Posted by Seema Patra on Tuesday, 9 April 2019

अप्रैल 2022 में सीमा पात्रा ने बीजेपी राज्य कार्यालय के एक कार्यक्रम की तस्वीरें ट्वीट कीं. इस तस्वीर में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, महासचिव (संगठन) धर्मपाल सिंह और भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन को देखा जा सकता है. (आर्काइव्ड लिंक)

घरेलू सहायिका द्वारा सीमा पात्रा पर प्रताड़ना का आरोप लगाने वाला वीडियो वायरल होने के बाद, 30 अगस्त को भाजपा ने उन्हें सस्पेंड कर दिया. साथ ही झारखंड भाजपा प्रमुख दीपक प्रकाश ने सीमा पात्रा के खिलाफ़ कार्रवाई का आदेश दिया. इससे भी सीमा पात्रा की भाजपा से जुड़ाव की बात साबित होती है.

29 वर्षीय सुनीता को करीब 10 साल पहले सीमा पात्रा ने काम पर रखा था. सुनीता ने आरोप लगाया कि सीमा पात्रा और उनकी बेटी ने पिछले 6 सालों में उसे कठोर यातनाएं दीं. वीडियो में बहुत ही दर्द के साथ बोलते हुए सुनीता ने मां-बेटी द्वारा कथित तौर पर दी गई यातनाएं और दुर्व्यवहार को बयां करती है. NDTV की ख़बर के मुताबिक, सुनीता बताती है कि सीमा पात्रा के बेटे आयुष्मान ही एकमात्र शख्स थे जिन्होंने उसका बचाव किया.

स्थानीय ऑनलाइन न्यूज़ आउटलेट द फ़ॉलोअप ने सीमा पात्रा के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करने वाले व्यक्ति का इंटरव्यू लिया. इंटरव्यू दे रहे विवेक बास्की खुद को आयुष्मान (सीमा के बेटे) के दोस्त बताते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें खुद आयुष्मान ने सुनीता की स्थिति के बारे में बताया था. हालांकि, सीमा पात्रा ने कथित तौर पर आयुष्मान के बारे में एक झूठी कहानी फैलाई और उसे रांची इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूरो-साइकियाट्री एंड अलाइड साइंसेज में भर्ती करा दिया. उस वक्त भी विवेक बास्की इन घटनाओं को लेकर अनिश्चित थे. लेकिन तब उन्होंने आयुष्मान के संस्थान में भर्ती करने पर सवाल नहीं उठाया. लेकिन आखिरकार, वो सभी सूचनाओं को एक साथ मिलाने में कामयाब रहे और फिर उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए रिक्वेस्ट किया. सुनीता 22 अगस्त को मिली थी. विवेक बास्की ने आरोप लगाया कि बचाव के बाद से पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने ये भी बताया कि सुनीता विकलांग नहीं थी जैसा कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था. 31 अगस्त को ख़बर आई कि पुलिस ने सीमा पात्रा को गिरफ़्तार कर लिया है.

कुल मिलाकर, कई मीडिया आउटलेट्स ने इस मुद्दे पर रिपोर्ट की. लेकिन ख़बर के बारे में ट्वीट करते हुए आरोपी सीमा पात्रा की पहचान सिर्फ एक पूर्व-IAS अधिकारी की पत्नी के रूप में की और भाजपा झारखंड सदस्य के रूप में उनकी पेशेवर भूमिका को अनदेखा कर दिया. हालांकि, टाइम्स नाउ, DNA और दैनिक भास्कर ने अपने वीडियो कवरेज और आर्टिकल्स में बताया कि सीमा पात्रा भाजपा कार्यकर्ता हैं. लेकिन अपने ट्वीट में उन्होंने इस बात का ज़िक्र नहीं किया है. ये ध्यान देने वाली बात है कि ऑपइंडिया और रिपब्लिक भारत ने भी अपने आर्टिकल्स में सीमा के भाजपा कनेक्शन को अनदेखा कर दिया है.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged: